आईएचएसडीपी योजना में फर्जीवाड़ा:लोकायुक्त ने अब 36 परिवारों को नोटिस दिए , 10 साल से रिकार्ड कोतवाली थाने में

गरीबों के आवास बनाने के लिए कांग्रेस सरकार के समय में शुरू की गई आईएचएसडीपी योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। 2013-14 में आवास बनाने के लिए मिलने वाली तीन किस्तों में 72-72 हजार रुपए लाभार्थी परिवारों ने उठा लिए।
मौके पर आवास भी नहीं बनाए और रुपए हड़प कर फर्जीवाड़ा किया गया है। इसमें कई ऐसे भी परिवार हैं जिनका शहर में भूखंड भी नहीं है, लेकिन उन्हें फर्जी तरीके से चेक से भुगतान कर दिया। फर्जीवाड़े के सभी मामले रेलवे कुआं नं. 3 में है। लोकायुक्त ने नगर परिषद को नोटिस जारी कर इन परिवारों से वसूली करने या कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए है। इस पर नगर परिषद ने 36 परिवारों की सूची जारी कर आवास निर्माण के लिए उठाई कर राशि नगर परिषद कोष में जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। भास्कर इन्वेस्टिगेशन- 36 लोगों ने 22.42 लाख उठाए नगर परिषद की ओर से सूची जारी की गई जिसमें रेलवे कुआं नं. 03 के ऐसे 36 लोगों के नाम है, जिन्होंने 22.42 लाख रुपए आवास निर्माण के नाम उठा लिए, लेकिन मौके पर न आवास बनाए है । ऐसे में अब उन्हें 15 दिवस में फर्जी तरीके से उठाई गई राशि नगर परिषद कोष में जमा करने के निर्देश दिए है। इनमें शांतिदेवी, स्वरूपाराम, भंवरलाल, नींबाराम, गंगा देवी, आंबाराम, नारायणसिंह, मोहनराम, भूराराम, नारणाराम, सज्जनसिंह, प्रेमसिंह, पवन कंवर, चंद्र कंवर, खेतसिंह, दयानंद, देवीलाल, मनोहरसिंह, हड़मंतसिंह, बाबूसिंह, प्रदीमनसिंह, सुरेंद्रसिंह, खेतसिंह, राजेश, गणपतलाल, हापूराम, केसराराम, भगवानचंद, रूपसिंह, हरिसिंह, प्रेमसिंह, बगताराम, रफीक माेहम्मद, सुशीला देवी व लक्ष्मी का नाम है। इनमें कई परिवाराें के 68400 तो किसी के 72 हजार रुपए बकाया है। कई परिवारों ने सिर्फ प्रथम किश्त ही उठाई है। इस तरह 36 परिवारों में 22 लाख 42 हजार 800 रुपए वसूली की जानी है। फर्जीवाड़े के खुलासे पर दर्ज हुआ था मामला कोतवाली थाने में केस दर्ज होने के बाद जांच में पुलिस ने योजना से जुड़े पूरे दस्तावेज जब्त किए। जांच में सामने आया था कि मौके पर आवास नहीं थे और लोगों ने रुपए उठा लिए। यहां तक की कई एेसे परिवार भी थे जिनके नाम आवास के रुपए तो उठाए गए, लेकिन उनका शहर में भूखंड भी नहीं था। 2016 में नगर परिषद ने परिवारों की सूची सहित नोटिस जारी किए थे, लेकिन आज दिन तक इस मामले में न पुलिस ने कोई कार्यवाही की और न ही इन लाभार्थी परिवारों से फर्जीवाड़े की राशि वसूल की गई। यह है आईएचएसडीपी योजना शहरी कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवार को आवास देने के लिए सरकार ने आईएचएसडीपी योजना शुरू की थी। इसके तहत परिवार को आवास निर्माण के लिए 72 हजार रुपए दिए जाने थे। इसके लिए नगर परिषद की ओर से वरियता के हिसाब से सूची तैयार की गई थी। आवास के लिए यह राशि 3 किश्तों में उस परिवार को दी जानी थी। बाड़मेर शहर की 11 कच्ची बस्तियों में 1281 आवास बनाने के लिए परिवारों का चयन किया गया। इसके तहत इन परिवारों को आवास की राशि आवंटित की गई। लोकायुक्त जयपुर में चल रहा प्रकरण आईएचएसडीपी योजना में आवास का निर्माण नहीं करके सरकारी राशि के दुरुपयोग किए जाने का परिवाद लोकायुक्त जयपुर में दर्ज है। अब लोकायुक्त ने मामले नगर परिषद को नोटिस जारी किया है। इसके बाद नगर परिषद ने 36 परिवारों को नोटिस जारी कर फर्जी तरीके से उठाई गई राशि वापिस नगर परिषद कोष में जमा करने के निर्देश दिए हैं। 2013-14 में यह राशि फर्जी तरीके से उठाई गई, इसमें एक ऐसे भी लाभार्थी है, जिनका शहर में न कोई आवास है और न ही इस आवास योजना में लाभार्थी थे, फिर भी किश्त जारी।