अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने मोदी को गले लगाया:खनिज-व्यापार और निवेश पर बातचीत की; PM ने अर्जेंटीना के नेशनल हीरो को श्रद्धांजलि दी

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने मोदी को गले लगाया:खनिज-व्यापार और निवेश पर बातचीत की; PM ने अर्जेंटीना के नेशनल हीरो को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलई से मुलाकात की। राष्ट्रपति जेवियर ने पीएम मोदी को गले लगाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं ने ब्यूनस आयर्स में डेलिगेशन लेवल पर बातचीत की। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मोदी और जेवियर के बीच जरूरी खनिजों, व्यापार-निवेश, ऊर्जा, कृषि सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई। दोनों देशों में लिथियम सप्लाई पर भी बातचीत हुई। अर्जेंटीना के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार है। इससे पहले पीएम मोदी ने अर्जेंटीना के नेशनल हीरो और स्वतंत्रता सेनानी जनरल होसे डी सैन मार्टिन के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। दक्षिण अमेरिकी देशों- अर्जेंटीना, चिली और पेरू को आजादी दिलाने वाले सैन मार्टिन को मुक्तिदाता भी कहा जाता है। दोनों देशों ने खेती, ट्रेड और खनिज को लेकर समझौते किए पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेवियर मिलई ने ट्रेड, सिक्योरिटी, एग्रीकल्चर और स्पेस समेत कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की। ट्रेड और सिक्योरिटी- पीएम मोदी ने भारत-मर्कोसुर प्राइमरी ट्रेड एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने के लिए अर्जेंटीना से समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। दोनों नेताओं ने डिफेंस सेक्टर में भी सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। एग्रीकल्चर और हेल्थ: दोनों नेताओं ने कहा कि कृषि सेक्टर दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए अहम है। इसके लिए जल्द से जल्द कृषि पर जॉइंट एक्शन ग्रुप की बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया। पीएम मोदी ने भारत की हेल्थ और मेडिसन सेक्टर में ताकत पर जोर दिया, खासकर हाई क्वालिटी वाली सस्ती दवाओं के प्रोडेक्शन पर। उन्होंने अर्जेंटीना से भारतीय दवाओं को बाजार में आसानी से लाने के लिए नियमों में बदलाव की मांग की, जिससे अर्जेंटीना के लोगों को सस्ती और जीवन रक्षक दवाएं मिल सकें। अर्जेंटीना ने भारतीय दवाओं के इंपोर्ट के लिए फास्ट क्लियरेंस की जानकारी दी। एनर्जी और खनिज: दोनों नेताओं ने एनर्जी और खनिज सेक्टर में सहयोग पर चर्चा की। पीएम मोदी ने भारत की बढ़ती ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों पर जोर देते हुए कहा कि अर्जेंटीना भारत का भरोसेमंद साझेदार बन सकता है। अर्जेंटीना के पास दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेल गैस भंडार हैं। इसके साथ ही लिथियम, तांबा और अन्य खनिजों के विशाल भंडार भी हैं। ये भारत की क्लीन एनर्जी और इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। भारतीय कंपनियां जैसे कोल इंडिया लिमिटेड और KABIL ने अर्जेंटीना में लिथियम खनन के लिए पांच समझौते किए हैं। स्पेस सेक्टर: भारत और अर्जेंटीना के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में मजबूत साझेदारी है। 2007 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद से अर्जेंटीना का पहला उपग्रह लॉन्च हुआ था। दोनों नेता इस सहयोग को और मजबूत करना चाहते हैं। आतंकवाद पर समर्थन: पीएम मोदी ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अर्जेंटीना के समर्थन के लिए राष्ट्रपति मिलई को शुक्रिया कहा। दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित साझेदारी पर जोर दिया अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (IBCA): पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मिलई को भारत की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस शामिल होने का न्योता दिया। IBCA शेर, बाघ और जैगुआर जैसे छह बड़े बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण और सहयोग को बढ़ावा देता है। ड्रोन दीदी और तकनीक का इस्तेमाल: पीएम मोदी ने भारत की 'ड्रोन दीदी' पहल के बारे में बताया, जिसमें ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन के जरिए खेती में मदद दी जा रही है। ड्रोन का इस्तेमाल उर्वरक छिड़काव और जमीन के सर्वेक्षण के लिए किया जा रहा इसके अलावा, पीएम ने भारत के नाविक (NavIC) सैटेलाइट सिस्टम के बारे में बताया, जो मछुआरों को मछलियां ढूंढने में मदद करता है। UPI सिस्टम और अर्थव्यवस्था: पीएम मोदी ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सिस्टम की कामयाबी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि UPI ने भारत में प्रोडक्टिविटी बढ़ाई है। इससे किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए माइक्रो क्रेडिट को भी बढ़ावा दिया। PM बनने के बाद मोदी का दूसरा अर्जेंटीना दौरा PM मोदी शनिवार सुबह को दो दिन के दौरे पर अर्जेंटीना पहुंचे हैं। होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। PM बनने के बाद मोदी का यह दूसरा अर्जेंटीना दौरा है। इससे पहले वे 2018 में G20 समिट में हिस्सा लेने अर्जेंटीना गए थे। मोदी 2 जुलाई से 10 जुलाई तक, 5 देशों की यात्रा पर हैं। वे घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बाद अर्जेंटीना पहुंचें हैं। मोदी यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित भी करेंगे। इसके बाद उनका अगला पड़ाव ब्राजील है। मोदी के अर्जेंटीना दौरे से जुड़ी तस्वीरें.... अर्जेंटीना में मोदी के दौरे का शेड्यूल 5 जुलाई: 6 जुलाई : अर्जेंटीना में लगभग 3 हजार भारतीय प्रवासी अर्जेंटीना में लगभग 3 हजार भारतीय प्रवासी रहते हैं। दोनों देश डिफेंस सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच फरवरी, 2025 में मिलिट्री ज्वाइंट एक्सरसाइज और इक्विपमेंट पर चर्चा हुई थी। भारत और अर्जेंटीना G20, G77 और यूनाइटेड नेशन के सदस्य हैं। 2023 में G20 समिट की मेजबानी को लेकर अर्जेंटीना ने भारत की सराहना की थी और अफ्रीकन यूनियन (AU) को G20 में सदस्यता देने का समर्थन किया था। भारत-अर्जेंटीना के बीच ₹53 हजार करोड़ का बिजनेस भारत, अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है। दोनों देशों के बीच, 2019 और 2022 के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (53 हजार करोड़ रुपए) पहुंच गया है। भारत अर्जेंटीना को पेट्रोलियम तेल, कृषि रसायन और दोपहिया वाहन एक्सपोर्ट करता है, जबकि भारत, अर्जेंटीना से वनस्पति तेल (जैसे सोयाबीन और सूरजमुखी), लेदर और अनाज इंपोर्ट करता है। दोनों देश शांतिपूर्ण न्यूक्लियर प्रोग्राम और एनर्जी में सहयोग पर भी जोर देते हैं। अर्जेंटीना, भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) सदस्यता का समर्थन करता है। भारत ने NSG सदस्यता के लिए 2016 में आवेदन किया था। भारत-अर्जेंटीना के बीच लीथियम को लेकर दो बड़े समझौते हुए 15 जनवरी, 2024 में भारत ने अर्जेंटीना के साथ लिथियम माइनिंग खनन के लिए एक समझौता किया था। 200 करोड़ रुपए की लागत वाले इस समझौते के तहत, भारत की सरकारी कंपनी खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) को अर्जेंटीना में पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉक आवंटित किए जाएंगे। दोनों देशों ने लिथियम खोजने और खनन में सहयोग बढ़ाने के लिए 19 फरवरी, 2025 को एक समझौता (MoU) किया है। भारत अभी तक लिथियम के लिए चीन पर निर्भर है। यह समझौता चीन पर निर्भरता कम करने के लिए किया गया था। अर्जेंटीना आजादी के बाद 9 बार दिवालिया हुआ अर्जेंटीना 20वीं सदी की शुरुआत में दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। यह कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी आगे था। इसके बावजूद, 1816 में स्पेन से आजादी के बाद से अर्जेंटीना 9 बार अपने कर्ज चुकाने में नाकाम रहा है। 1930 से 1970 तक सरकार ने आयात पर निर्भरता कम करने, आत्मनिर्भरता को बढ़ाने और देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए इम्पोर्ट पर टैरिफ को बढ़ा दिया। इसका सबसे बुरा असर खेती पर पड़ा। इम्पोर्ट कम होने से देश में अनाज की कमी हो गई, जिससे 1940-50 के दशक में भुखमरी के हालात बन गए। 1980 के दशक में तानाशाही के दौरान सरकारी खर्च और विदेशी कर्ज 75% तक बढ़ा। जरूरत की चीजों की कीमतें 5000% तक पहुंच गई। ब्रेड, दूध, और चावल, इस भयंकर मंहगाई से सबसे अधिक प्रभावित हुए। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी जीडीपी 474.8 बिलियन डॉलर (लगभग 40 लाख करोड़ रुपए) और प्रति व्यक्ति जीडीपी 12 हजार डॉलर (10 लाख रुपए) है। इसके बावजूद, ये देश आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है। ********************** इंफो-ग्राफिक्स: अंकित पाठक --------------------------------- PM मोदी के 5 दिनों के विदेश दौरे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... फुटबॉल, पॉलिटिक्स और करप्शन का कॉकटेल है अर्जेंटीना:100 साल पहले अमेरिका को टक्कर दे रहा था, अगले 100 साल में क्यों 7 बार दिवालिया हुआ दुनिया में सिर्फ चार तरह की इकोनॉमी होती हैं, डेवलप, अंडर डेवलप, जापान और अर्जेंटीना। 70 के दशक में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री साइमन कुजनेट्स ने यह बात मजाक में कही थी, लेकिन अर्जेंटीना के हालात बयान करने के लिए यह एक मशहूर वन लाइनर बन गया। जापान 2 परमाणु हमला झेलकर भी दुनिया का टॉप अमीर देश बन गया, जबकि 100 साल पहले अमेरिका के साथ सुपरपावर बनने की रेस में रहा अर्जेंटीना पिछड़ता चला गया। यहां पढ़ें पूरी खबर... घाना में मोदी- यहां मौत पर जश्न मनाने का रिवाज: मछली-केकड़े जैसे डिजाइनर ताबूत में दफनाते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 और 3 जुलाई को पश्चिम अफ्रीका के देश घाना गए थे। घाना की उनकी यह पहली यात्रा थी। भारत से करीब 8 हजार किलोमीटर दूर घाना में 'गा' समुदायों के बीच लोगों की मौत पर जश्न मनाने की परंपरा है। यहां अंतिम संस्कार के लिए डिजाइनर ताबूत बनाए जाते हैं। इन ताबूतों को मृतक व्यक्ति के पेशे, शौक या जीवन से जुड़ी चीजों के आकार में बनाए जाते हैं। पूरी खबर पढ़ें... PM मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान दिया गया; मोदी बोले- भारत-घाना मिलकर आतंकवाद के खिलाफ काम करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। इसके अलावा दोनों देशों ने 4 अलग-अलग समझौते (MoU) साइन किए। सर्वोच्च सम्मान पर PM मोदी ने कहा- घाना से सम्मानित होना मेरे के लिए गर्व की बात है। इससे पहले उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया। पूरी खबर पढ़ें...