BJP सरकार में साहू को हमेशा मिला बड़ा जिम्मा:चार बार बनीं सरकारों में अजब संयोग; RPSC के नए चेयरमैन को कांग्रेस राज में नहीं मिली महत्वपूर्ण पोस्टिंग

राजस्थान के DGP उत्कल रंजन (यूआर) साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का अध्यक्ष बनाया गया है। BJP सरकार में ऐसा पहली बार नहीं है, जब यूआर साहू को चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। साहू का पिछले करीब डेढ़ दशक का सर्विस रिकॉर्ड देखें, तो कहा जा सकता है कि राजस्थान में जब भी BJP का शासन आया, उन्हें हमेशा बड़ी और प्रभावशाली मानी जाने वाली जिम्मेदारियां मिलीं। राजस्थान की राजनीति में कई दशकों से हर पांच साल में शासन बदलने की परंपरा रही है। इस कारण कांग्रेस की जब भी सरकार बनीं, उन्हें हमेशा कम प्रभावशाली मानी जाने वाली पोस्टिंग दी गई। हालांकि, इस मामले में अपवाद केवल कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पहली सरकार (1998-2003) रही। उस दौरान जरूर उन्हें तीन जिलों का एसपी रहने का मौका मिला। लेकिन, इसके बाद जब भी कांग्रेस की सरकार बनी, फिर उन्हें बड़ी और प्रभावशाली जिम्मेदारियों से दूर रखा गया। दैनिक भास्कर ने यूआर साहू के सर्विस रिकॉर्ड का एनालिसिस किया, तो पिछली चार सरकारों में अजब संयोग देखने को मिला... यूआर साहू के नजदीक रहे IPS/IAS अधिकारियों ने ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में बताया कि पूरी सर्विस के दौरान वे काफी लो प्रोफाइल ही रहे हैं। उनकी कार्यशैली साइलेंट वर्कर की रही है। उनके अनुसार वे अपने काम को जोर-शोर से गिनाने की बजाय परफॉर्मेंस ओरिएंटेड वर्क और रिजल्ट पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वे पूरे करियर में निर्विवाद भी रहे हैं। उनके नजदीकी लोगों का मानना है कि लगातार पेपर लीक जैसी बदनामी का दाग झेल रही RPSC के अध्यक्ष बनाने में उनकी इसी छवि का फायदा मिला है। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक उनके बारे में अच्छी राय रहती है। बीजेपी की भजनलाल शर्मा नेतृत्व वाली सरकार
भजनलाल शर्मा सरकार बनने से पहले यूआर साहू डीजी एवं कमांडेंट जनरल, होमगार्ड के पद पर थे। दिसंबर, 2023 को बीजेपी की सरकार बनी थी। फरवरी, 2024 में सरकार ने यूआर साहू को पुलिस महकमे के सबसे बड़े पद पर आसीन कर दिया। उन्हें डीजीपी बनाया गया। अब 61 साल के साहू को बड़ी और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए RPSC अध्यक्ष बना दिया। यूआर साहू की जन्मतिथि 20 जून 1964 है। अभी वे 61 साल के हैं। वे अगले एक साल आरपीएससी चेयरमैन बने रहेंगे। RPSC अध्यक्ष और मेंबर 62 साल तक की उम्र तक पद पर रह सकते हैं। अगले साल जून तक उनका कार्यकाल रहेगा। कांग्रेस की अशोक गहलोत नेतृत्व वाली सरकार (2018-23)
राजस्थान विधानसभा के दिसंबर, 2018 के चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद कांग्रेस की अशोक गहलोत के तीसरे टर्म वाली सरकार बनी। नई सरकार बनने से पहले साहू पिछली सरकार में एडीजी इंटेलिजेंस और मुख्यमंत्री कार्यालय में चीफ मिनिस्टर विजिलेंस एंड सिक्योरिटी जैसे पद पर थे। कांग्रेस सरकार बनते ही उन्हें इस पद से 20 दिसंबर 2018 को हटा दिया गया। उन्हें एडीजी होमगार्ड के पद पर लगा दिया। इसके बाद वे एडीजी व डीजी प्लानिंग, मॉडर्नाइजेशन एंड वेलफेयर के पद पर लगाए गए और फिर डीजी होमगार्ड के पद पर। बीजेपी की वसुंधरा राजे नेतृत्व वाली सरकार (2013-18)
राजस्थान विधानसभा के दिसंबर, 2013 के चुनाव में कांग्रेस को हराने के बाद बीजेपी की वसुंधरा राजे के दूसरे टर्म वाली सरकार बनी। उस समय साहू आईजी पुलिस प्लानिंग, मॉडर्नाइजेशन एंड वेलफेयर के पद पर तैनात थे। वसुंधरा सरकार बनने के तुरंत बाद उन्हें जनवरी, 2014 में एडीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात किया गया। इसके बाद वे इस सरकार में हमेशा प्रभावशाली पद पर बने रहे। कांग्रेस की अशोक गहलोत नेतृत्व वाली सरकार (2008-13)
दिसंबर, 2008 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद कांग्रेस की अशोक गहलोत के दूसरे टर्म वाली सरकार बनी। बीजेपी के इस शासन तक यूआर साहू आईजी पुलिस मुख्यालय के पद पर तैनात थे। कांग्रेस का शासन आने के कुछ समय तक वे इसी पद पर बने रहे। लेकिन 5 अप्रैल 2010 को कम प्रभावशाली माने जाने वाले पद आईजी रूल्स पर लगा दिया गया। ऐसा सिलसिला अगली सरकार बनने तक चलता रहा। बीजेपी की वसुंधरा राजे नेतृत्व वाली सरकार (2003-08)
राजस्थान विधानसभा के दिसंबर, 2003 के चुनाव में कांग्रेस को हराने के बाद बीजेपी की वसुंधरा राजे के पहले टर्म वाली सरकार बनी। उस समय साहू एसपी श्रीगंगानगर के पद पर तैनात थे। वसुंधरा राजे सरकार ने भी उन्हें कई जिलों में एसपी बनाया। फिर उन्हें आईजी एसीबी (प्रभारी विशेष विजिलेंस सेल) जैसी जिम्मेदारी भी सौंपी। राजे ने सरकार आते ही उन्हें उनसे पहले कांग्रेस की सरकार में सीएम रहे अशोक गहलोत के गृह जिले में एसपी के पद पर भी तैनात किया था। कांग्रेस की अशोक गहलोत नेतृत्व वाली सरकार (1998-2003)
राजस्थान विधानसभा के 1998 के चुनाव के बाद कांग्रेस की अशोक गहलोत के पहले टर्म वाली सरकार बनी। तब अशोक गहलोत सरकार ने भी साहू को तीन जिलों मे एसपी की जिम्मेदारी दी थी। हालांकि इस सरकार के बनने से पहले वे धौलपुर, बाड़मेर जैसे जिलों में भी एसपी रह चुके थे। साहू के सामने RPSC की साख को बहाल करने की चुनौती
यूआर साहू के सामने RPSC अध्यक्ष के तौर पर बहुत-सी चुनौतियां हैं। पेपर लीक, पक्षपात, भाई-भतीजावाद और रिश्वत के आरोपों को लेकर इस संस्था की साख खराब हुई है। संस्था की चयन प्रकिया से लेकर कार्यप्रणाली पर पिछले लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। साहू के सामने इस संस्था की साख को फिर से बहाल करने और लोगों में भरोसा कायम करने की चुनौती रहेगी। RPSC के पास अब RAS और बड़े पदों की भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा है। पिछले लंबे समय से हर परीक्षा के पेपर से लेकर इंटरव्यू तक सवालों के घेरे में रही हैं। इन परीक्षाओं को लेकर हाईकोर्ट में ढेरों याचिकाएं लगी हुई हैं। ... यह खबर भी पढ़ें... राजस्थान के DGP यूआर साहू होंगे RPSC के चेयरमैन:पीएम मोदी तक अच्छा फीडबैक को भी कारण माना जा रहा, अब नए महानिदेशक आएंगे राजस्थान के डीजीपी उत्कल रंजन (यूआर) साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का अध्यक्ष बनाया गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने इसका आदेश जारी कर दिया है। साहू की जगह अब प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति होगी।...(CLICK करें)