प्री-डीएलएड एग्जाम में एंट्री से पहले नोजपिन तक खुलवाई:परिजन बोले-नहीं खुल रही तो टेप लगा दो; प्रदेश में 860 केंद्रों पर हुई परीक्षा

प्री-डीएलएड एग्जाम में एंट्री से पहले नोजपिन तक खुलवाई:परिजन बोले-नहीं खुल रही तो टेप लगा दो; प्रदेश में 860 केंद्रों पर हुई परीक्षा
राजस्थान के सभी 41 जिलों में 860 सेंटर पर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (VMOU, कोटा) की ओर से प्री-डीएलएड (प्री-डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का एग्जाम हुआ। पहली पारी सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दूसरी पारी दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक हुई। कोटा में परीक्षा समन्वयक डॉ. रवि गुप्ता ने बताया- इस साल प्रदेशभर में 6,04,692 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। लगभग 70 प्रतिशत महिला अभ्यर्थी हैं। सबसे ज्यादा 44 सेंटर जयपुर में और सबसे कम प्रतापगढ़ में 9 रहे। रविवार को दोनों पारियों में परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले एंट्री बंद कर दी गई। देर से आने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिला। हर अभ्यर्थी की पहचान क्यूआर कोड स्कैनिंग और बायोमेट्रिक जांच की गई। प्रदेश का हर सेंटर सीसीटीवी की निगरानी में रहा। अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र, मूल पहचान पत्र, काला या नीला बॉल पेन और एक नया रंगीन पासपोर्ट फोटो लाना अनिवार्य था। सेंटर पर मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, स्मार्ट वॉच, कैलकुलेटर, लॉग टेबल, पाठ्य सामग्री, व्हाइटनर और ज्योमेट्री बॉक्स ले जाने की मनाही रही। प्रदेश के अलग-अलग सेंटर से आई एग्जाम की तस्वीरें... प्रदेशभर से एग्जाम से पहले एंट्री की तस्वीरें आईं। गेट बंद होने के बाद कई अभ्यर्थी मायूस हो गए। मिन्नतें करने के बाद भी गेट नहीं खोले गए। वहीं ज्वेलरी पहनकर आई महिलाओं को भी मशक्कत करनी पड़ी... कोटा: बंद के गेट से निकाली छात्रा की बालियां कोटा जिले में 24 परीक्षा केंद्रों पर करीब 18 हजार अभ्यर्थी रहे। यहां दादाबाड़ी इलाके के मोदी कॉलेज परीक्षा केंद्र में एंट्री के लिए सख्त चेकिंग की गई। एक अभ्यर्थी को एंट्री दे दी गई और गेट बंद हो गया। इसके बाद उसके कानों में पहनी बालियों पर आपत्ति आई तो वह गेट के पास पहुंची। गेट के बाहर से ही परिजन ने उसके कानों की बालियां निकाली। बाड़मेर: नोजपिन नहीं निकली तो परिजन बोले-टेप लगा दो बाड़मेर में 31 सेंटर पर परीक्षा हुई। इसमें कुल 21437 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड थे। पहली पारी 10719 और दूसरी पारी में 10718 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे। तीन स्तर की जांच के बाद सेंटर पर एंट्री दी गई। इस दौरान महिलाओं के हाथों के कंगन, कानों की बाली, मंगलसूत्र ,भी खुलवाए गए। बाड़मेर शहर के गांधी चौक स्कूल के आगे पेंरेट्स व परीक्षार्थी बोलते रहे कि नाक की बाली नहीं खुल रही। इस पर पुलिस व सेंटर तैनात कार्मिक उनको समझाते नजर आए। इस पर पेंरेट्स रिक्वेस्ट करते नजर आए। आभूषण पहनकर आई महिला कंगन, मंगलसूत्र, कान की बालियां उतारती नजर आई। सेंटर के बाहर चुनरियां बंधी नजर आई। एक पेंरेट्स बोले - बच्ची की नाक की बाली खुल नहीं रही है। टेप लगा दीजिए। अभ्यर्थी गुस्सा आ गया। तब पेंरेट्स बच्ची को चुप करवाते नजर आए। कार्मिक बोले सुनार की दुकान से खुलवा दीजिए टेप लगा दीजिए मुझे कोई दिक्कत नहीं है। वहीं नकल रोकने के लिए हर पांच केंद्रों पर उड़नदस्ता दल तैनात किया गया। जिला समन्वयक डॉ. मुकेश पचौरी ने बताया- प्रथम पारी में बाड़मेर जिले में कुल 10719 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिसमें 9659 अभ्यर्थी उपस्थित थे। 1060 परीक्षार्थी गैरमौजूद थे। द्वितीय पारी में बाड़मेर जिले में कुल 10718 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिसमें 9737 अभ्यर्थी उपस्थित तथा 981 गैरमौजूद थे। बालोतरा जिले में प्रथम पारी में 3246 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिसमें 2895 उपस्थित तथा 351 गैरमौजूद थे। बालोतरा जिले में द्वितीय पारी में 3260 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिसमें 2952 उपस्थित तथा 308 गैरमौजूद थे। सह समन्वयक मांगीलाल जैन के अनुसार बाड़मेर जिले में दोनों पारियों में कुल पंजीकृत 21437 में से कुल 19396 अभ्यर्थी उपस्थित रहे तथा 90.48 प्रतिशत उपस्थिति रही। बालोतरा जिले में कुल 6506 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 5847 अभ्यर्थी उपस्थित रहे तथा 89.47 प्रतिशत उपस्थिति रही। बाड़मेर व बालोतरा में 6 उड़नदस्ता दलों ने सभी केंद्रों का गहन निरीक्षण किया। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा के लिए चाक चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए गए थे‌। देरी से पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया। प्रत्येक परीक्षार्थी की बायोमैट्रिक जांच की गई।। परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। भीलवाड़ा: सेंटर के बाहर न छाया, न पानी भीलवाड़ा व मांडल में एग्जाम के लिए 33 सेंटर रहे। इनमें 21 सरकारी स्कूलों और 12 प्राईवेट स्कूलों में थे। दोनों शिफ्ट के लिए कुल 20743 केंडिडेट रजिस्टर्ड थे। फर्स्ट शिफ्ट में 10357, सेकेंड में 10386 केंडिडेट थे। भीषण गर्मी के बीच कई सेंटरों पर दूसरी पारी में आने वाले अभिभावकों व अभ्यर्थी के लिए कहीं छाया-पानी व मेडिकल टीम की व्यवस्था नजर नहीं आई। जिससे वह छाया पानी के लिए इधर उधर भटकते नजर आए। दूसरी पारी में दोपहर एक बजे प्रवेश-पत्र पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करने पर अभ्यर्थी की पुख्ता पहचान के लिए अभ्यर्थियों को भीषण गर्मी के बीच खड़े रहना पड़ा। जिस अभ्यर्थी ने फॉर्म भरा है, वो हीं परीक्षा दे रहा है या नहीं इसके लिए अभ्यर्थी की बायोमेट्रिक जांच की भी की गई।