पंजाब में मजीठिया पर विजिलेंस ने कसा शिकंजा:कल ED के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जांच में होंगे शामिल, मोहाली विजिलेंस दफ्तर पहुंचेंगे

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज नशा तस्करी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आज (27 जून) पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने 2021 में मजीठिया के खिलाफ दर्ज किए गए एनडीपीएस केस के बारे में विजिलेंस को बताया है। वहीं, अब ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह को विजिलेंस ने मजीठिया के खिलाफ जांच में सहयोग के लिए बुलाया है। निरंजन सिंह ने जानकारी साझा करने की सहमति दे दी है। वह कल 28 फरवरी को दोपहर 12 बजे मोहाली विजिलेंस दफ्तर पहुंचेंगे। इससे पहले पूर्व डीजीपी चटोपाध्याय ने चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि बिक्रम सिंह मजीठिया के नशा तस्करों से संबंध है। इसके पुख्ता सबूत 100 प्रतिशत है। ड्रग तस्करों से मिली भुगत और फाइनेंशियल गेन हुआ है। उन्होंने साफ किया है कि वह आज बयान दर्ज करवाने नहीं आए थे। जबकि विजिलेंस को केस पूरा बैकग्राउंड बताने आया था। उनके समय में 2021 में जब मजीठिया पर एनडीपीएस केस दर्ज हुआ था। उस समय वह डीजीपी थे। इसलिए केस की सुपरविजन की थी। उन्होंने कहा उस समय केस में क्या-क्या जानकारियां हमारे पास आई थी। मैने उन्हें इस केस का सारा बैकग्राउंड बताया है। ताकि वह मजबूती से केस को अदालत में रख पाए। पूर्व डीजीपी ने मीडिया से मुख्य तीन बाते कहीं है, जो कि इस प्रकार है - 1. करीब एक घंटा विजिलेंस अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि हमने 2021 में जब बिक्रम मजीठिया पर पर्चा दर्ज किया था। उस समय भी हमारे पास पुख्ता सबूत थे। इस समय भी सबूत है। उन्होंने कहा कि 2012 -13 में मजीठिया के खिलाफ सबूत थे। लेकिन उस समय अकाली दल भाजपा की सरकार थी। उस समय मजीठिया मंत्री थे। ऐसे में कुछ नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि मजीठिया ड्रग तस्करों से संबंध है। 2. पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस और नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक एसआईटी बनाई थी। हमारी एसआईटी ने तीन रिपोर्ट दी थी। जबकि एक रिपोर्ट मैने अलग से दी थी। वह अब भी बंद है। उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ लोग होते हैं, जो संस्था को बदनाम करते हैं। वहीं पुलिस में भी कुछ भेड़े हैं। जो कि लोगों को शोषण करते है। उन्होंने बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रप्रीत का नाम लेकर कहा कि उसके खिलाफ 15 जांच चल रही थी, जबकि 4 पर्चे थे। इसके बाद 4 प्रमोशन दी गई । जबकि वह सिपाही रैंक के आदमी को प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बना दिया। उन्होंने दावा किया कि भगौड़े एआईजी राजजीत ने ड्रग से सब कुछ बनाया है। 3. पूर्व डीजीपी ने कहा कि एसआईटी के रूप में हमारी ड्यूटी हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने की थी, एसआईटी का चालान पेश करना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। हमारे पास कुछ ठोस सबूत आ गए थे। बाहर से भी पैसे आए थे। लिंक फेक शैल कंपनियों में पैसा घुमाया गया। यह महत्वपूर्ण केस है। मजीठिया के खिलाफ और केस दर्ज करने की तैयारी इस बीच मजीठिया के खिलाफ एक नया केस दर्ज करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। जांच टीम ने आरोप लगाया है कि मजीठिया ने अधिकारियों को धमकाया, धक्कामुक्की की, सबूत मिटाने की साजिश रची, और अपने समर्थकों को हमले के लिए उकसाया सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम को जानकारी थी कि मजीठिया के एक घर में केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद हैं। लेकिन जानबूझकर तलाशी रोकने के लिए भीड़ को भड़काया गया और टीम पर हमला करवाया गया। अब इन आरोपों के आधार पर मजीठिया के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की जा सकती है। अमृतसर से मजीठिया को किया गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 2021 में दर्ज एनडीपीएस मामले से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के केस में 25 जून को सुबह 11:30 बजे गिरफ्तार किया। मजीठिया के वकीलों का दावा है कि 24 जून की रात साढ़े 10 बजे रिपोर्ट विजिलेंस को सौंपी गई थी, जबकि अगले दिन सुबह साढ़े 4 बजे मजीठिया को केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, गुरुवार को मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सरकारी वकीलों ने 12 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने 7 दिन का रिमांड दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। हालांकि मजीठिया के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर का कहना है कि मजीठिया सरकार के खिलाफ बोलते हैं, इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार कुछ कहती है, जबकि जिला अदालत में कुछ और दलील दे रही है। वहीं, उनका कहना है कि जिन कंपनियों का विजिलेंस दावे कर रही है। वह सारी कंपनियां भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। 30 मोबाइल और काफी सामान बरामद जब विजिलेंस ने मजीठिया को अरेस्ट किया तो उस समय मजीठिया से जुड़ी 26 जगह पर दबिश दी गई। इस दौरान मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं, विजिलेंस ने कहा कि मजीठिया ने अवैध तरीके से 540 करोड़ की संपत्ति बनाई है। मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जमा है। संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। कंपनी के वित्तीय विवरणों में बिना किसी सूचना और स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा किया गया।