जैसलमेर के रेगिस्तान में सेना ने दिखाई हथियारों की ताकत:पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में युद्ध अभ्यास; एडवांस डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन किया

भारतीय सेना वर्तमान में जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज, उत्तर प्रदेश की बबीना फील्ड फायरिंग रेंज और जोशीमठ सहित देश भर में प्रमुख स्थानों पर बड़े पैमाने पर युद्ध अभ्यास में अपने हथियारों की ताकत का प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा आगरा और गोपालपुर में विशेष रूप से एयर डिफेंस इक्विपमेंट (वायु रक्षा उपकरण) प्रदर्शन भी आयोजित किए जा रहे हैं। ये क्षेत्र आधारित परीक्षण युद्ध होने जैसी परिस्थितियों में आयोजित हो रहे हैं, जिनमें एडवांस डिफेंस सिस्टम्स के प्रदर्शन का बारीकी से आकलन करने के उद्देश्य से उनका परीक्षण किया जा रहा है। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सेना की बैटल एक्स डिवीजन की मैकेनाइज्ड फोर्स ने फील्ड फायरिंग रेंज में कठोर अभ्यास किया और रेगिस्तान में असाधारण मानकों का प्रदर्शन किया। सटीक और प्रभावी फायर-पावर अभ्यास में सेना ने हथियारों की ताकत दिखाई और उनकी ऑपरेशनल तैयारियों को देखा। सेना प्रमुख ने परीक्षणों की समीक्षा की
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 27 मई को उत्तर प्रदेश के बबीना फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया था और वहां चल रहे परीक्षणों की समीक्षा की। साथ ही रक्षा उद्योग में भागीदारों और सेना के अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत की थी। 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल
इन गतिविधियों में 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत विकसित एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की विस्तृत श्रृंखला (वाइड रेंज) प्रदर्शित की गई है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी क्षमता के विकास में तेजी लाना है। ये प्रदर्शन भारतीय सेना के ‘परिवर्तन के दशक’ के रोडमैप में एक महत्वपूर्ण कदम है और इनका उद्देश्य उभरती युद्धक परिस्थितियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाना है। इस रक्षा प्रदर्शन में बड़ी संख्या में रक्षा उद्योग साझेदार भाग ले रहे हैं, जो भारतीय सेना और घरेलू निर्माताओं के बीच बढ़ते तालमेल को दिखाता है। अभ्यास में जिन सिस्टमों को परखा जा रहा है, उनमें शामिल हैं- इन मूल्यांकनों के माध्यम से, भारतीय सेना का लक्ष्य अपनी तकनीकी बढ़त को विस्तार देना, ऑपरेशनल तैयारी को बढ़ाना और रक्षा क्षमता विकास में स्वदेशी नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति अपनी वचनबद्धता की पुष्टि करना है। फोटोज के जरिए देखिए सेना का अभ्यास