जैन रामायण कथा का छठा दिन:मुनि जयकीर्ति ने हनुमान जन्म से लक्ष्मण मूर्छा तक की कथा सुनाई

जैन रामायण कथा का छठा दिन:मुनि जयकीर्ति ने हनुमान जन्म से लक्ष्मण मूर्छा तक की कथा सुनाई
जयपुर के दुर्गापुरा स्थित दिगंबर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी में चल रही दस दिवसीय जैन रामायण कथा के छठे दिन मुनि जयकीर्ति ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। कथा में हनुमान जन्मोत्सव, पवनंजय-अंजना मिलन, हनुमान का लंका प्रवेश और सीता से मुलाकात का वर्णन किया गया। साथ ही राम-लक्ष्मण की सेना की तैयारी और राक्षस-वानर युद्ध का भी विवरण दिया गया। यह आयोजन राजस्थान जैन युवा महासभा, जैन कनेक्ट, दुर्गापुरा जैन मंदिर ट्रस्ट और महिला मंडल दुर्गापुरा के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत ब्रह्मचारिणी पल्लवी दीदी के मंगलाचरण से हुई। मुनि जयकीर्ति के पाद पक्षालन धर्म जागृति संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष पदम बिलाला और अशोक-संतोष पाटोदी परिवार ने किया। कथा में राजा श्रेणिक की भूमिका में अशोक-संतोष पाटोदी परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में समाज श्रेष्ठी मनोज-शांति देवी, विजय सोगानी, अतिशय क्षेत्र छोटा गिरनार के अध्यक्ष प्रकाश बाकलीवाल, प्रेम लता बाकलीवाल, जी सी जैन, विनोद जैन कोटखावदा और प्रकाश चांदवाड सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन और महामंत्री विनोद जैन ने बताया कि यह कथा प्राचीन जैन ग्रंथ 'पद्मपुराण' पर आधारित है। गुरुदेव के मुखारविंद से चल रही भव्य राम कथा के छठे दिन हनुमान का गुफा में जन्म होता है फिर अंजना के मामा प्रतिसूर्य वहां पर आते हैं और उनको "हनूरद्वीप" पर ले जाते हैं वहां पर उत्सव मनाया जाता है और" हनुमान " नामकरण होता है फिर पवनंजय का अंजना से मिलन होता है हनुमान को अनेक विधाओं की सिद्धि हों जाती है.. हनुमान लंका में प्रवेश करते हैं सीता से मिलन होता है राम की अंगूठी दिखाते हैं और 11 दिन बाद सीता भोजन करती है... इस मौके पर राजस्थान जैन सभा जयपुर के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन, एयरपोर्ट थाना प्रभारी संदीप बसेरा , रमेश तिजारिया, प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, पदम बिलाला, जी सी जैन, मनोज सोगानी, दर्शन बाकलीवाल, चेतन जैन निमोडिया आदि ने श्रीफल भेट कर मुनि श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।