'किरोड़ीलाल मीणा को मुख्यमंत्री बना दो तबभी वे संतुष्ट नहीं':बेनीवाल बोले- उनकी बात समझ नहीं आती; कहा- हम कानून ला रहे, 3 बार हारा हुआ चुनाव नहीं लड़ पाएगा

'किरोड़ीलाल मीणा को मुख्यमंत्री बना दो तबभी वे संतुष्ट नहीं':बेनीवाल बोले- उनकी बात समझ नहीं आती; कहा- हम कानून ला रहे, 3 बार हारा हुआ चुनाव नहीं लड़ पाएगा
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के खाद-बीज फैक्ट्रियों पर छापे और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा के 'SI भर्ती रद्द कराने का क्रेडिट लेने' वाले बयान पर जुबानी हमला किया। बेनीवाल ने कृषि मंत्री के छापों को लेकर कहा कि उन्हें एकदम से कैसे याद आया। वो क्या सीएम भजनलाल का विरोध कर रहे हैं या अपनी पॉपुलैरिटी के लिए कर रहे हैं। वो कर क्या रहे हैं कोई समझाओ तो सही मुझे। उनकी बात मुझे समझ नहीं आती। मैं उनके बहुत साथ रहा और आखिर में वे छोड़कर चले जाते हैं। उनकी एक आदत है, लड़ते रहेंगे, लड़ते रहेंगे, जैसे ही मौका आएगा छोड़कर चले जाते हैं। डॉक्टर साहब क्या चाहते हैं वो वही बता सकते हैं, उनको अगर मुख्यमंत्री भी बना दो तब भी वे संतुष्ट नहीं हैं। वहीं बेनीवाल ने ज्योति मिर्धा को लेकर कहा- 4 बार हारने के बाद उसका मानसिक संतुलन खो गया है। वास्तव में अब एक नया कानून आ रहा है, उसमें हम लोग ये ला रहे हैं कि जो व्यक्ति लगातार 3 चुनाव हार चुका हो वो जिंदगी में दाेबारा चुनाव नहीं लड़ पाएगा। इसलिए उसे (ज्योति मिर्धा) को लगता है कि ऐसा कानून आने के बाद उसका क्या होगा? बेनीवाल ने नागौर में अपने निवास पर मीडिया से बात की थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। पहले पढ़िए मंत्री के छापे पर क्या बोले बेनीवाल- वो किसी का नाम नहीं आने देना चाहते बेनीवाल ने कहा- मंत्रियों को छापा मारने की आवश्यकता नहीं होती। पूरी टीम होती है सिस्टम होता है। वो (डॉ. किरोड़ीलाल मीणा) दूसरे का तो नाम ही आने देना चाहते अखबार में वो सारे काम खुद ही करते हैं। इसका आगे क्या होगा, नकली खाद-बीज और दवाई ये किसान के साथ धोखा है। ये सब पहले से चल रहा था तो कांग्रेस कहां गई थी बीजेपी डेढ़ साल से क्या कर रही थी। इनकी डिपार्टमेंट में इतनी भी पकड़ नहीं है क्या कि इनको पहले दिन ही पता चल जाए कि नकली खाद-बीज बन रहे हैं। लेकिन देर आए दुरुस्त आए। अब देखना है आगे इसका परिणाम क्या निकलता है। हमें परिणाम की ओर जाना है। बोले- ज्योति को जो लिख कर दे दो वो बोल देती है मीडियाकर्मी ने बेनीवाल से पूछा कि ज्योति मिर्धा कहती हैं कि बेनीवाल को पता लग गया है कि SI भर्ती रद्द होने वाली है। ऐसे में क्रेडिट लेने के लिए वे (बेनीवाल) धरने पर बैठे हैं। इसके जवाब में बेनीवाल ने कहा- ज्योति को तो कोई लिखकर दे दे वही बोलती है। उसको एसआई भर्ती के बारे में कुछ ध्यान तो है नहीं। ये तो एक्टिव ही अब हुई है। वो (ज्योति मिर्धा) फड़फड़ाहट करके कुछ ऐसा एडजस्टमेंट चाहती है जिससे ऐसा लगे कि वो ही पूरी बीजेपी है। वो यही नहीं सोचती कि तुमसे पहले भी बीजेपी थी और फिर तुमने बीजेपी से चुनाव लड़ा। 2 बार हार गई बीजेपी से और 2 बार कांग्रेस से हार गईं। अब तुम्हारा नागौर जिले में तो कोई फ्यूचर नहीं है। '1 घर में ही 15 पार्टी' बेनीवाल ने कहा- ये (मिर्धा) तो वो लोग हैं जो बीजेपी में किस तरह आए, सब जानते हैं कि इनकी इंडियाबुल्स कंपनी ने कितना बड़ा घोटाला-घपला किया है…। इनके आधे रिश्तेदार कांग्रेस में हैं, खुद और सास बीजेपी में हैं। इनका पता ही नहीं चल रहा, 1 घर में ही 15 पार्टी हैं। इन लोगों ने पार्टियां बदलीं और नागौर जिले का व राजस्थान के किसानों का नुकसान किया है कि इनके दादा ना खुद मुख्यमंत्री बने और ना किसी को बनने दिया। आज नागौर जूझ रहा है जिन परिस्थितियों से उसके लिए ये दोनों परिवार जिम्मेदार है। स्कॉर्पियो-फॉर्च्यूनर में घूम रहे हैं बेनीवाल ने कहा- अगर ये परिवार चाहता तो नागौर में 60 साल पहले ही इंदिरा गांधी सिंचाई नहर आ जाती और पंजाब की तरह यहां के लोग भी आबाद होते। ये लोग चाहते तो यहां 50 कॉलेज होतीं, अच्छे स्कूल होते, अच्छे विश्वविद्यालय खुलते। ये लोग चाहते तो यहां नमक, लाइमस्टोन, चाइना क्ले, जिप्सम के जरिए रोजगार मिल रहा होता। कुछ नहीं किया इन्होंने। 2008 के बाद से स्कॉर्पियो और फॉरच्यूनर नागौर में घूम रही है, 1999 के बाद जब हनुमान बेनीवाल यहां आया और उसने संघर्ष किया, लोगों काे जगाया, दलालों को खत्म किया, नेताओं की दुकानें बंद कीं, लोगों को लड़ना सिखाया कि ये इसी का परिणाम है कि जनसुनवाई का मैसेज मिलते ही राजस्थान भर से हजारों लोग आज नागौर आए हैं। इंसान एक बार हार सकता है, 2 बार हार सकता है बेनीवाल ने कहा- इन लोगों का कुछ भी नहीं है, बिना टिकट तो 3 हजार वोट नहीं हैं इनके पास। पार्टी बनाकर लड़ो तो पता लग जाएगा, आपके पास तो इतना पैसा है तो खुद की पार्टी बना लो, खुद की सरकार बना लो, कौन मना कर रहा है? क्यों भाजपा-कांग्रेस के कार्यालय के बाहर चक्कर काटते हो, शर्म नहीं आती आपको? इन लोगों का स्वाभिमान मर चुका है और जिनका मान-सम्मान-स्वाभिमान नहीं उनके बारे में ज्यादा बात करना ठीक नहीं। लोकतंत्र में हार-जीत ही होती है। इंसान एक बार हार सकता है, 2 बार हार सकता है। लेकिन 1, 2, 3, 4 हार, उसके बाद कुछ नहीं।