हारुन की दूसरी बीवी पाकिस्तान में, तुफैल के आतंकी कनेक्शन:यूपी ATS ने 2 जासूस पकड़े; PAK फौज के अफसर की बीवी को भेजता था सूचनाएं

हारुन की दूसरी बीवी पाकिस्तान में, तुफैल के आतंकी कनेक्शन:यूपी ATS ने 2 जासूस पकड़े; PAK फौज के अफसर की बीवी को भेजता था सूचनाएं
यूपी ATS ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले 2 युवकों को अरेस्ट किया है। इनमें दिल्ली का हारुन और वाराणसी का तुफैल है। हारुन ने 2 शादियां की हैं। एक बीवी पाकिस्तान में है। हारून की बुआ भी पाकिस्तान में रहती हैं। दूसरी शादी पाकिस्तान में बुआ की बेटी से की। वह दिल्ली में पाकिस्तान दूतावास के कर्मचारी मुजम्मिल हुसैन के साथ मिलकर लोगों को वीजा दिलाने के नाम पर अवैध वसूली कर रहा था। ATS का दावा है कि हारून ने भारत की कई संवेदनशील सूचनाएं भी भेजी हैं। भारत सरकार दूतावास कर्मचारी मुजम्मिल हुसैन को एक दिन पहले ही देश छोड़ने का फरमान सुना चुकी है। दो दिन पहले यूपी ATS ने मुरादाबाद से शहजाद नाम के संदिग्ध जासूस को पकड़ा था। वह रामपुर का रहने वाला है। अब सिलसिलेवार पढ़िए तीनों की कहानी... हारुन पाकिस्तान जाते वक्त परिवार से कहता- बिजनेस बढ़ाना है हारून दिल्ली में रहकर कबाड़ी का काम करता है। ATS की पूछताछ में सामने आया कि हारुन के घरवालों को उसकी दूसरी शादी के बारे में करीब दो साल पहले ही पता चला। हारून के घर वाले भी मान रहे हैं कि वह अक्सर पाकिस्तान जाता रहता था। कहता था कि बिजनेस को पाकिस्तान में भी बढ़ाना है। 20 दिन पाकिस्तान में रहकर लौटा था हारून ATS सोर्स के मुताबिक, हारुन आखिरी बार 5 अप्रैल को पाकिस्तान गया था। 20 दिन वहीं पर रहा था, फिर 25 अप्रैल को भारत लौटकर आया। क्या वो अपनी पत्नी के पास रहने गया था? पाकिस्तान में उसका क्या मूवमेंट था? ये ATS पूछ रही है। हारुन ने ATS को बताया, पाकिस्तान आने-जाने के दौरान उसकी मुलाकात मुजम्मिल हुसैन से हुई थी। मुजम्मिल के कहने पर उसने कई बैंक अकाउंट उपलब्ध कराए, जिनमें मुजम्मिल हुसैन ने वीजा हासिल करने वाले अपने ग्राहकों से पैसे डलवाए। एजेंसी के अनुसार, हारुन कुछ कमीशन लेकर इन पैसों को मुजम्मिल के बताए हुए व्यक्ति को नकद दे देता था, जिसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता था। ATS को हारुन के पास से दो मोबाइल फोन के अलावा 16 हजार रुपए से अधिक नकद रुपए बरामद हुए हैं। परिवार वाले बोले- हारुन बेकसूर, हमसे मिलने नहीं दिया आरोपी हारुन के भाई मोहम्मद शाहिद ने बताया, 'दो लोग सिविल ड्रेस में घर आए थे, उस वक्त हारुन घर पर नहीं था। उन्होंने मुझसे मुलाकात की और कहा, वे पासपोर्ट ऑफिस से हैं और पाकिस्तान से आए लोगों को वापस बुलाकर उनसे दस्तखत करवाए जा रहे हैं और पूछताछ के बाद वापस भेज दिया जा रहा है। फिर हारुन उनके साथ चला गया और जब वह वापस नहीं आया तो हमने उसे फोन किया। फोन की घंटी कई बार बजी, फिर बंद हो गया।' 'जब हम वाराणसी के पुलिस स्टेशन गए तो उन्होंने कहा, उन्हें कुछ नहीं पता और उसे नोएडा भेज दिया। फिर कल, गुरुवार को उसे लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया। जब तक हम पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और हम उससे नहीं मिल पाए।' मोहम्मद शाहिद ने बताया, 'हारुन पाकिस्तान जाता रहता था, क्योंकि उसकी शादी वहीं हुई थी। वह पिछली बार 5 अप्रैल को पाकिस्तान गया था और 25 तारीख को वापस लौटा था। कोविड के दौरान हारुन इलाके के लोगों की मदद करता था।' हारुन की मां रुकैया बेगम ने कहा, 'मैं 12 साल की उम्र से यहां रह रही हूं। हारुन ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा, जिससे लगे कि कुछ चल रहा है। जब वे उसे ले गए तो मैं वहां नहीं थी। उसने पाकिस्तान में दूसरी शादी की है, इसलिए वह साल में एक बार वहां जाता था। वीजा संबंधी काम के जरिए ही उसकी मुजम्मिल से जान-पहचान हुई होगी। उस आदमी ने मेरे बेटे को फंसाया है। अगर यह तीन महीने से चल रहा है, तो आपने उसे सीमा पार करने से क्यों नहीं रोका? अगर वह कुछ गलत कर रहा होता तो आप उसे पकड़ सकते थे।' मोहम्मद हारुन की पत्नी शबाना ने कहा, 'मेरे पति निर्दोष हैं। उन्होंने पाकिस्तान में दूसरी शादी की थी और वह उनसे मिलने वहां जाते थे। वह वीजा संबंधी मामलों पर भी काम करते थे और वीजा हमेशा पूरी जांच के बाद ही मिलता था। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, वह दिल के मरीज हैं। मैं उनसे एक बार मिलना चाहती हूं, उन्होंने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और हमें उनसे मिलने भी नहीं दिया।' अब बात तुफैल की... मोबाइल में 600 पाकिस्तानियों के नंबर, आतंकी संगठन से कनेक्शन यूपी ATS ने वाराणसी के हनुमान फाटक से मोहम्मद तुफैल को अरेस्ट किया है। तुफैल पाकिस्तान दूतावास के अफसर दानिश के लिए जासूसी कर रहा था। एक साल में उसने 600 पाकिस्तानियों से संपर्क किए थे। वह पाकिस्तानी अधिकारी की पत्नी से घंटों वॉट्सऐप पर बात करता था। तुफैल ने उसे दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इसके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़ी जानकारी भी शेयर की। पूछताछ में सामने आया कि तुफैल धार्मिक यात्राओं के बहाने देशभर में पाकिस्तानी उलेमाओं की मजलिस में शामिल होता और उनकी तकरीरें सुनता था। वह मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर खुद को गजवा-ए-हिंद और हदीस के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था। हैदराबाद में एक मजलिस में वह पाकिस्तानी उलेमाओं और मौलानाओं से मिला। तभी से उसके तार पाकिस्तान से जुड़ गए। तुफैल एक साल पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद से जुड़े लोगों से भी मिला था। ATS के अफसरों से तुफैल ने कहा- ये तो पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने वाला था। ATS को तुफैल के घर से डायरियां, किताबें और भारतीय-विदेशी अखबारों की कटिंग मिली हैं। 3 महीने से ATS-NIA की रडार पर था जासूस जासूस तुफैल ATS ही नहीं, NIA के रडार पर भी था। 3 महीने से एजेंसियों के रडार पर था। उसके करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर थे। गुरुवार को गिरफ्तार करने के बाद ATS ने तुफैल से पूछताछ शुरू की तो वह गुमराह करने लगा। ATS ने उसके मोबाइल में मिली तकरीरें और वॉट्सऐप चैट्स दिखाकर सख्ती से पूछताछ की। तब जाकर उसने पाकिस्तानियों से रिश्ते स्वीकार किए। हालांकि, पाकिस्तानियों की जानकारी देने से मना कर दिया। तुफैल ने कहा कि मैं पाकिस्तानी उलेमाओं की तकरीरें सुनने जगह-जगह जाता था। मैं पाकिस्तान जाने वाला था, इसके लिए दस्तावेज तैयार करवा रहा था। पहलगाम और सीमा पर विवाद के चलते वीजा के लिए आवेदन रोक दिया गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने की बात तय हुई थी। मजलिसों में लोगों को भड़काता- बाबरी की जमीन छोड़ दोगे क्या? जांच में सामने आया है कि तुफैल 5 साल से मजलिसों जाता था। पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी की तकरीर सुनने के बाद तुफैल ने खुद को उनका अनुयायी मान लिया। रिजवी के यूट्यूब चैनल को तुफैल फॉलो करता था और उसके वीडियो वॉट्सऐप ग्रुपों में शेयर करता था। तुफैल देशभर में आयोजित होने वाली मजलिसों में हिस्सा लेता था। लोगों से बाबरी मस्जिद के बदले पर सवाल करता था। लोगों को भड़काता था- आखिर हम कैसे भूल सकते हैं? कैसे जमीन छोड़ सकते हैं? तुफैल लोगों से मिलने में रोज 15-18 घंटे लगाता था। कई दिनों तक घर नहीं जाता था। अगर जाता भी था, तो रात में और सुबह जल्दी निकल जाता था। जहां जाता, वहां की तस्वीरें पाकिस्तानी अफसर की पत्नी को भेजता मजलिसों में जाने के दौरान तुफैल कई वॉट्सऐप ग्रुपों में जुड़ गया था। ऐसे ही एक ग्रुप में मैसेजिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की पत्नी नफीसा उसके संपर्क में आ गई। नफीसा से उसकी बातचीत पर्सनल नंबर पर शुरू हो गई। जल्दी ही उसने नफीसा से नजदीकियां भी बढ़ा लीं। दोनों मोबाइल और वॉट्सऐप पर घंटों बातें करते थे। तुफैल जहां भी जाता, वहां की तस्वीरें नफीसा को भेजता था। भारत और यूपी की गतिविधियों की जानकारी भी देता था। नफीसा के जरिए उसका पाकिस्तानी अधिकारी पति से भी संपर्क हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पहलगाम हमले के बाद तुफैल ने कौन-कौन सी खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को भेजीं, क्योंकि उन तारीखों की कई चैट्स मोबाइल से डिलीट मिली हैं। ATS उन्हें रिकवर करने में लगी है। अब पुलिस और LIU टीम तुफैल की कुंडली खंगालने में जुटी है। मां के साथ ननिहाल में रहता था तुफैल हनुमान फाटक में रहने वाले अबुल हसन ने 2008 में अपनी बेटी नाजिया का निकाह दोसीपुरा के मकसूद आलम से किया था। बिजली मिस्त्री मकसूद ने 2014 में पत्नी को तलाक दे दिया और उसे मायके भेज दिया। नाजिया अपने दो बेटों तुफैल और शिपतैन और एक बेटी को लेकर मायके आ गई। तब से वह अपने पिता के घर में रहकर बच्चों को पढ़ाने लगी। तुफैल ने बचपन में ही सीलिंग की कारीगरी सीख ली थी। वह नाना के साथ मजलिसों में जाने लगा। बाद में उसने अकेले जाना शुरू कर दिया। तुफैल दिन में नाना की साड़ी की दुकान पर रहता और शाम को मजलिसों में जाता। रामपुर का शहजाद, तस्करी करते-करते जासूस बन गया शहजाद को 18 मई को ATS ने रामपुर के टांडा से गिरफ्तार किया था। वह पिछले 10 साल से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। पिछले कुछ सालों में शहजाद ने धर्म और दीन की बातें करके रामपुर, मुरादाबाद, संभल और आसपास के जिलों के युवाओं को बरगलाया। उन्हें ISI से कनेक्ट किया। कारोबार की आड़ में उसने इन लोगों को पाकिस्तान भिजवाया। शहजाद के कहने पर पाकिस्तानी वीजा आदि की व्यवस्था भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स करते थे। शहजाद ने बड़ी तादाद में ISI को भारतीय सिम भी उपलब्ध कराए थे। जिनका इस्तेमाल एजेंसी जासूसी और आतंकी घटनाओं के लिए करती थी। एटीएस ने बताया- शहजाद कई साल से पाकिस्‍तान जाता-आता था। वह चोरी-छिपे भारत-पाकिस्तान के बीच कॉस्मेटिक्स, कपड़े, मसाले और अन्‍य सामान सीमा पार लेकर आता-जाता था। इसकी आड़ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता था। अब जानिए ISI जासूस शहजाद के बारे में… -------------------------------------------------- यह भी पढ़ें विदेश मंत्रालय बोला- बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं:तुर्किये से कहा- पाकिस्तान को समझाए कि आतंक का साथ न दे; PAK से केवल द्विपक्षीय बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय का बयान आया। वीकली प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।पढ़िए पूरी खबर...