समझौते के बाद भी पटरी पर क्यों आए गुर्जर?:महापंचायत खत्म करने के ऐलान के बाद युवकों में नाराजगी; 372 पद, जिन पर विवाद

भरतपुर के पीलूपुरा में बुलाई गई गुर्जर महापंचायत जैसे ही खत्म करने की घोषणा हुई, समाज के कई युवक आक्रोशित हो गए। बड़ी संख्या में भीड़ ने सभास्थल से महज 150 मीटर दूर रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया। करीब 2 घंटे तक दिल्ली-मुंबई ट्रैक जाम कर दिया। पटरियों को उखाड़ने की कोशिश की गई। प्रशासन को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि युवा आक्रोशित होकर ट्रेन रोक देंगे। वहीं, चौंकाने वाली बात यह भी है कि आखिर राज्य सरकार की ओर से मांगे माने जाने के बावजूद युवक क्यों भड़के? मौके पर मौजूद भास्कर टीम ने ट्रैक जाम कर बैठे युवाओं से समझाइश करने पहुंचे उत्तर प्रदेश से सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान से बात की। पढ़िए आखिर, संघर्ष समिति और समाज की सहमति के बाद अचानक उग्र क्यों हुए महापंचायत में आए लोग… पहले देखिए धरनास्थल और ट्रैक का मैप बैंसला के महापंचायत खत्म करने के ऐलान पर भड़के थे युवा
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला ने रविवार को गुर्जर महापंचायत का आह्वान किया था। सरकार से अपील थी कि समाज की मांगों के साथ एक मसौदा या तो कोई मंत्री या IAS लेकर आए जो मौके पर ही डिसीजन करवा सके। समाज के सामने ड्राफ्ट पढ़कर सुना देंगे और समाज जो फैसला करेगा उसे मंजूर कर लेंगे। इसके बाद बैंसला जब मंच पर पहुंचे तो पहले प्रदेशभर से आए गुर्जर समाज के लोगों से बात की। इसके बाद बैंसला ने संघर्ष समिति के अतर सिंह एडवोकेट से ड्राफ्ट को पढ़कर सुनाने के लिए कहा। इसी बीच युवाओं के एक गुट ने महापंचायत में विरोध शुरू कर दिया। ड्राफ्ट को लेकर असहमति जताई। जैसे ही बैंसला ने आधिकारिक रूप से महापंचायत खत्म करने की घोषणा की। युवा नाराज हो गए और 150 मीटर दूर ट्रैक पर चले गए। अब पढ़िए महापंचायत खत्म होने के बाद विजय बैंसला का बयान रीट अभ्यर्थी और 372 पदों पर अटकी भर्तियों का आक्रोश
ट्रैक पर पहुंचे युवाओं की मांग थी कि उन्हें अभी फैसला चाहिए। जब मंच से अतर सिंह ने ड्राफ्ट को पढ़ना शुरू किया, तब से ही महापंचायत में असहमति का शोर शुरू हो गया था। ड्राफ्ट में लिखा था- 7 दिनों के भीतर भर्ती परीक्षाओं और 372 पदों को लेकर निर्णय लिया जाएगा। युवा इसी बात पर सबसे ज्यादा नाराज नजर आए। आज ही फैसला चाहते थे युवा
ट्रैक जाम कर बैठे एक प्रदर्शनकारी ने बताया- महापंचायत किसलिए बुलाई थी। जो शहीद हुए थे, उनके घरवालों को आज तक नहीं संभाला। 80 दिन से गुर्जर समाज के युवा धरने पर हैं। युवाओं का कहना था कि सरकार तुरंत फैसला लें। बीजेपी रातों-रात नोटबंदी कर सकती है, तो हमें नौंवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाल सकती? 29 जून को फिर होगी महापंचायत
दैनिक भास्कर से बातचीत में यूपी के सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा- मांगें पूरी होती है, तभी आंदोलन सफल माना जाता है। मांग पूरी नहीं हुई है। अभी सरकार ने ड्राफ्ट भेजा है। प्रधान ने कहा- 5% आंदोलन को लेकर 9वीं अनुसूची में शामिल करना हो या रीट के 372 अभ्यर्थियों की बात हो। मुकदमे वापस होने चाहिए, मृतक आश्रितों को नौकरी मिलनी चाहिए। सरकार अगर मांगें मान लेती है तो समाज तय करेगा आगे क्या करना है? मैं युवाओं को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने हमारी बात मानी। ट्रैक को खाली कर दिया, लेकिन 29 जून तारीख का समय रखा गया है। सिकंदरा में फिर से महापंचायत होगी, समाज के लोग इकट्ठा होंगे और तब तक अगर सरकार मांगें मान लेती है तो ठीक है। इसकी सबसे बड़ी वजह थी, सबसे बड़ी मांग पर कन्फ्यूजन की स्थिति आईजी बोले- युवाओं में थी भ्रम की स्थिति
भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश ने बताया- बच्चों ने खुद ही ट्रैक खाली किया है। हमने नहीं करवाया है। बच्चे इमोशनल हो गए थे, उन्हें लगा कि मांगे नहीं मानी गई है। इसके बाद उनकी बात को सुना और तकनीकी तौर पर चीजों को समझाया गया। उन्हें समझा दिया गया था कि उनकी बात सरकार तक पहुंचा दी गई है। 372 पदों पर नियुक्ति नहीं देने को नाराजगी थी। इसके बारे में उन्हें समझाया गया है। आखिर क्या है 372 पदों का मामला
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच फरवरी 2019, अक्टूबर 2020 और दिसंबर 2022 में समझौता हुआ था। रीट भर्ती 2018 में 4 फीसदी आरक्षण के हिसाब से 372 पदों पर एमबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर सहमति बनी थी और 7 दिन में नियुक्त देने का वादा किया गया था। आज इस वर्ग के स्टूडेंट इस मांग को लेकर पहुंचे थे। 2 घंटे ट्रैक जाम किया था
महापंचायत के बाद पटरी पर आए गुर्जर समाज के लोगों ने ट्रैक पर जाम लगा दिया था। इस दौरान करीब पटरियों की 10 से 20 फिश प्लेट को निकाल लिया था। हालांकि रेलवे की टेक्निकल टीम ने इसे सही कर दिया है। इससे पहले सवाईमाधोपुर, कोटा से चलने वाली ट्रेनों को रेलवे की तरफ से आदेश जारी कर रोका गया था। इस दौरान पीलूपुरा में गुर्जर समाज के लोग सीमेंट के पिलर ट्रैक पर रखकर बैठ गए थे। वो ड्राफ्ट जो सरकार की ओर से आया समाज ने इन मांगों पर किया था महापंचायत का ऐलान महापंचायत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राजस्थान में गुर्जर समाज के लोगों ने ट्रेन रोकी:2 घंटे बाद ट्रैक से हटे; महापंचायत खत्म होने के बावजूद विरोध पर अड़े थे राजस्थान में गुर्जर महापंचायत खत्म होने के बाद समाज के लोगों ने भरतपुर के पीलूपुरा में ट्रेन रोक दी। भीड़ पटरियों पर पहुंची और कोटा-मथुरा पैसेंजर को रोक दिया। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को दो घंटे (4.30 से 6.30 बजे) तक जाम किया। (पढ़ें पूरी खबर)