वतन फाउंडेशन ने मीडियाकर्मियों का किया सम्मान:हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर प्रगतिशील समाज में मीडिया की भूमिका पर हुआ मंथन

सवाई माधोपुर में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को सूचना केंद्र में वतन फाउंडेशन की ओर से प्रगतिशील समाज में मीडिया की भूमिका पर मंथन किया गया। यहां वतन फाउंडेशन ने जिले के पत्रकारों का सम्मान समारोह आयोजित किया। वतन फाउंडेशन के मीडिया प्रभारी और ईटीवी भारत के प्रभारी नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर पत्रकारिता की वर्तमान दशा-दिशा, चुनौतियां और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को लेकर सार्थक मंथन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वतन फाउंडेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश सिसोदिया ने स्वागत उद्बोधन के साथ की। हिंदी पत्रकारिता के सफर पर हुई चर्चा
फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुसैन आर्मी ने हिन्दी पत्रकारिता की गौरवशाली परंपरा और उसकी सामाजिक भूमिका को रेखांकित किया।
इस अवसर पर जिला पत्रकार विकास समिति के अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज बंशी ने पंडित युगल किशोर शुक्ल द्वारा 1826 में प्रकाशित ‘उदन्त मार्तण्ड’ का स्मरण कराते हुए हिन्दी पत्रकारिता के 200 वर्षों के समृद्ध और गरिमामयी सफर को नमन किया। मीडिया की भूमिका से कराया अवगत
मुख्य वक्ता के रूप में दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ सुखदेव डागुर ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि वह जनचेतना को जागृत करने और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने का माध्यम भी है।
न्यूज 18 के प्रभारी गिरिराज शर्मा ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। पत्रकारिता की भाषा पर विशेष जोर देते हुए एनडीटीवी के बजरंग सिंह राजावत ने कहा कि भाषा सरल, सहज और जनसामान्य के बोधगम्य होनी चाहिए। रचनात्मक पत्रकारिता ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन की आधारशिला रख सकती है। 'प्रशासन और मीडिया का संबंध संवाद एवं विश्वास पर आधारित'
सहायक जनसंपर्क अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीना ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि प्रशासन और मीडिया का संबंध संवाद एवं विश्वास पर आधारित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनसंपर्क विभाग सदैव पत्रकारों के सहयोग, संवाद और सूचना के आदान-प्रदान के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि पत्रकार केवल सूचना वाहक नहीं हैं, बल्कि वे समाज के पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने उपस्थित पत्रकारों से आग्रह किया कि डिजिटल रफ्तार के साथ-साथ विवेक, नैतिकता और उत्तरदायित्व का निर्वहन करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। 'सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के दायरे को व्यापक किया'
गुलाबी हलचल के संपादक राजमल जैन ने कहा कि पत्रकारिता में अच्छे-बुरे दोनों पक्ष होते हैं, लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स कई बार बदलाव का माध्यम भी बने हैं। उन्होंने पत्रकार साथियों से आग्रह किया कि वे अध्ययन और भाषा की सशक्तता पर ध्यान दें ताकि उनके कार्य में और निखार आ सके। डिजिटल युग की चुनौतियां और उत्तरदायित्व पर बोलते हुए आजतक के सुनील जोशी ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के दायरे को जहां व्यापक किया है, वहीं यह प्लेटफॉर्म फेक न्यूज, अधूरी सूचनाओं और भ्रामक हेडलाइंस का स्रोत भी बन रहा है। इस संदर्भ में आत्म-अनुशासन और सूचना की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक सेवा है, न कि केवल आय का साधन, और जो लोग केवल आर्थिक लाभ के उद्देश्य से इसमें आए हैं, उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए। 'कई चुनौतियां आई, हर बार साहस से सामना किया'
आईएफडब्ल्यूजे जिला अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार एवं वतन फाउंडेशन के संरक्षक राजेश शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता के इस ऐतिहासिक सफर में कई चुनौतियां आईं, लेकिन हिन्दी पत्रकारिता ने हर बार उनसे पूरे साहस से सामना किया है। आने वाले समय में भी पत्रकारों को वैचारिक मजबूती और सच्चाई के साथ डटे रहना होगा।
कार्यक्रम में पत्रकार सत्यनारायण भास्कर, शादाब अली, राजेंद्र जोलिया, निर्मल सैन, मुकेश जैन, अभिमन्यु सिंह के अलावा वतन फाउंडेशन टीम के मनोज बैरवा, आशीष मेहरा, विमल पांडे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर वतन फाउंडेशन टीम सदस्यों ने सभी पत्रकारों का माल्यार्पण कर सम्मान किया। अंत में जिला पत्रकार विकास समिति के महामंत्री एवं आईएफडब्ल्यूजे सचिव राजेश गोयल ने सभी पत्रकार साथियों एवं संगठन की ओर से वतन फाउंडेशन टीम का आभार व्यक्त किया और मीडिया की ओर से वतन फाउंडेशन टीम को हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिलाया।