राजस्थान में 250 से ज्यादा डॉक्टर APO:पोस्टिंग नहीं मिलने से मरीजों को इलाज में आ रही परेशानी

राजस्थान के सरकारी हेल्थ सिस्टम की व्यवस्था कितनी खराब है, इसका अंदाजा इसी बात ये लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 250 से ज्यादा डॉक्टर घर बैठे सरकार से तनख्वाह (वेतन-भत्ते) ले रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी सेवाओं का लाभ नहीं ले रही। ये सभी डॉक्टर हर रोज केवल स्वास्थ्य निदेशालय आते हैं। हाजिरी लगाकर चले जाते हैं। चिकित्सा विभाग इन डॉक्टर्स को किसी जगह (पीएचसी, सीएचसी, उपजिला हॉस्पिटल, जिला हॉस्पिटल) पोस्टिंग नहीं दे रहा। इनमें से कई डॉक्टर्स तो ऐसे है, जो 3 माह से भी ज्यादा समय से एपीओ चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी पोस्टिंग के लिए निदेशालय से फाइल भी चिकित्सा मंत्री को भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक मंत्री के स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एसआर शिप के लिए कर रहे इंतजार डॉक्टर्स वेलफेयर फेडरेशन की ओर से कल एक पत्र इस संबंध में हेल्थ मिनिस्टर गजेन्द्र सिंह खींवसर को भी दिया गया। इस पत्र में उन डॉक्टर्स की पीड़ा का भी जिक्र किया, जिनकी पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) हो चुके है और एसआर शिप के लिए काउंसलिंग में नंबर आ चुका है। लेकिन ये डॉक्टर्स अब एसआर शिप के लिए अपनी ज्वाइनिंग नहीं दे पा रहे। क्योंकि इन डॉक्टर्स को सरकार ने अभी एपीओ कर रखा है। साल 2021 बैच के इस तरह 150 से ज्यादा डॉक्टर हैं। जो एसआर शिप में ज्वाइनिंग देने के लिए इंतजार कर रहे हैं। मरीजों को मिलेगी राहत अगर सरकार इन डॉक्टर्स को पोस्टिंग देती है तो प्रदेश के तमाम शहरों, गांवों में संचालित पीएचसी, सीएचसी, जिला हॉस्पिटल में डॉक्टरों की जो कमी चल रही है, वह पूरी होगी। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा। वर्तमान में सरकार के पास 1700 से ज्यादा डॉक्टर्स के पद खाली चल रहे हैं। इनकी भर्ती की प्रक्रिया अभी चल रही है। ऐसे में 300 से ज्यादा डॉक्टर्स को एपीओ रखकर इनकी सेवाओं को और प्रभावित किया जा रहा है।