रणथम्भौर टाइगर रिजर्व का नाम बदलने की मांग:बाघ संरक्षण व ग्रामीण विकास संस्थान ने‌ केंद्रीय वन मंत्री को ज्ञापन सौंपा

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व का नाम बदलने की मांग:बाघ संरक्षण व ग्रामीण विकास संस्थान ने‌ केंद्रीय वन मंत्री को ज्ञापन सौंपा
बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास संस्थान की ओर से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को रणथम्भौर की समस्याओं को लेकर 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा। संस्थान ने ज्ञापन में बताया कि हमारी संस्था रणथम्भौर, वन्यजीव व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सवाई माधोपुर जिले में पिछले कई वर्षों से लगातार धरातल पर निस्वार्थ भाव के साथ कार्य कर रही है। संस्थान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 27 फरवरी 2022 को अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रशंसा कर चुके है। वर्तमान में रणथम्भौर को बेहतर संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए में विभिन्न मुद्दों व मांगों पर काम करने की आवश्यकता है। रणथम्भौर में मानव- बाघ संघर्ष को रोकने के लिए एक बेहतर योजना बनाकर धरातल पर क्रियान्वित की जाए। रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व की सुरक्षा दीवार वर्तमान सैकड़ों जगह से टूटी हुई है और कई क्षेत्रों में दीवार की ऊंचाई सिर्फ 4 से 5 फीट है, जिसको को 10-12 फीट ऊंची करने की जरूरत है, ताकि जंगल के वन्यजीव बाहर ना आ सके और ना ही बाहर के आवारा व पालतू पशु अंदर जा सके। पारदर्शिता लाने की रखी मांग रणथम्भौर में टाइगर सफारी में पारदर्शिता लाई जाए। रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व में नई सफारी रूट्स खोले जाए। जिससे वर्तमान सफारी रूट्स पर पर्यटकों का दबाव कम हो सके। रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व में लोकल सवाई माधोपुर जिले के मूल निवासियों को सफारी की शुल्क में विशेष छूट दी जाए। जिससे लोकल लोगों को रणथम्भौर में आसानी से सफारी कर सके और वन एवं वन्यजीवों के प्रति जागरूकता बढ़ सके। रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व में हाल में हुई बाघ हमलों में 7 वर्षीय मासूम मृतक कार्तिक सैनी व रेंजर स्व. देवेंद्र सिंह के परिवार को केंद्र सरकार की ओर से विशेष पैकेज दिया जाए और भविष्य में वन्यजीवों के हमलों से होने वाली मौतों पर केंद्र सरकार द्वारा एक विशेष पैकेज बनाये जाए। टाइगर रिज़र्व में विस्थापन के पैकेज में संशोधन कर 50 लाख प्रति परिवार किया जाए और विस्थापन की प्रकिया को जल्द ही पूरा किया जए। रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व का नाम त्रिनेत्र रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व या त्रिनेत्र रणथम्भौर नेशनल पार्क किया जाए। स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार में मिले प्राथमिकता टाइगर रिज़र्व में सफारी वाहनों, नेचर गाइड्स, होटल्स में रोजगार व अन्य विभिन्न कार्यों में पार्क से सटे क्षेत्र के ग्रामीणों को पहली प्राथमिकता दी जाए। रणथम्भौर में पार्क से सटे एक किमी के क्षेत्र में व बिल्कुल जीरो पॉइंट पर भी किसी भी प्रकार के व्यवसायिक निर्माण पर रोक होने के बावजूद भी दर्जनों निर्माण कार्य बिना किसी रोक टोक के चल रहे है। जबकि किसी ग्रामीण द्वारा एक किमी के क्षेत्र में घर तक बनाने पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही कर दी जाती। जंगल से सटे सभी क्षेत्रों चल रहे सभी निर्माण कार्यों से जंगल के वन्यजीवों को काफी अशांति लगातार हो रही है। इसलिए सभी निर्माण कार्यों को तुरंत बंद करवाकर इनको ध्वस्त किया जाए। रणथम्भौर टाइगर सफारी में कुछ प्रतिशत सफारी की बुकिंग को ऑफलाइन भी खोला जाए। क्योंकि दर्जनों पर्यटक रणथम्भौर आने के बाद सफारी की टिकट्स नहीं मिलने के कारण बिना सफारी की वापस लौट जाते है जिससे पार्क की छवि पर प्रभाव पड़ता है। रणथम्भौर में कई बाघ बाघिनों का नामकरण किया जा चुका है। (कृष्णा' फतेह, अवनी आदि) वर्तमान में रणथम्भौर के फेमस व बोल्ड मेल टाइगर टी-120 का नाम प्रधानमंत्री मोदी के नाम से किया जाए। टाइगर रिज़र्व में वनकर्मियों को उपयुक्त संसाधन दिया जाए, गायब बाघों की जांच एक विशेष केंद्रीय जांच कमेटी से करवाकर रणथम्भौर में बाघों की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग सिस्टम को मजबूत किया जाए।