मंत्री शाह बोले- हाथ जोड़कर आप सबसे माफी मांगता हूं:कर्नल सोफिया पर दिया था विवादित बयान, वीडियो जारी कर कहा- ये मेरी भाषाई भूल थी

मंत्री शाह बोले- हाथ जोड़कर आप सबसे माफी मांगता हूं:कर्नल सोफिया पर दिया था विवादित बयान, वीडियो जारी कर कहा- ये मेरी भाषाई भूल थी
सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताने वाले एमपी के मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक बार फिर माफी मांगी है। उन्होंने कहा- 'ये मेरी भाषाई भूल थी। इसके लिए मैं बहन सोफिया कुरैशी और देशवासियों से माफी मांगता हूं।' मंत्री विजय शाह ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था। भूल वश कहे शब्दों के लिए फिर से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। शाह ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को नामंजूर कर उनके बयान को लेकर एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दे दिए है। जिसके बाद तीन सदस्यीय एसआईटी मामले की जांच में जुटी है। पढ़ें, मंत्री विजय शाह ने आखिर क्या कहा था... मंत्री विजय शाह 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था- 'उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।' शाह ने आगे कहा- 'अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।' मंत्री शाह ने एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती बता दें कि मंत्री विजय शाह ने 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताया था। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री के खिलाफ 14 मई को महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके खिलाफ विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सोमवार 19 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजय शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ कोर्ट ने कहा- मंत्री की माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी जैसे ही सुनवाई शुरू हुई शाह की तरफ से पैरवी करने पहुंचे सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा- याचिकाकर्ता ने माफी मांगी है। जस्टिस सूर्यकांत: कहां है वो माफी? और क्या है उसमें? हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है। कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। आपका क्या मतलब है? जस्टिस सूर्यकांत: जिस तरह के भद्दे कमेंट उन्होंने किए वो भी बिना सोचे-समझे...अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं। मनिंदर सिंह: हमें वाकई खेद है जस्टिस सूर्यकांत: यह तर्क खारिज किया जाता है। हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। आप कह रहे हैं कि अगर आपने ठेस पहुंचाई है...तो क्या हुआ...हाई कोर्ट की तरफ से FIR दोबारा लिखने के आदेश के बाद से अब तक आपने क्या किया है। मनिंदर सिंह: हम फिर से माफी मांगने के लिए तैयार हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप जो करना चाहते हैं, हम आप पर छोड़ते हैं। आप यह संदेश देना चाहते हैं कि आपने कोर्ट के कारण माफी मांगी है। जस्टिस सूर्यकांत: जब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से FIR को फिर से लिखना पड़ा, तो आपने क्या किया? आपको नहीं लगता कि ये अपराध है? जस्टिस सूर्यकांत: हम तीन IPS अधिकारियों की SIT गठित कर रहे हैं। तीनों अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर के बाहर के होंगे। इनमें से एक IG रैंक का होना चाहिए और एक महिला अधिकारी होंगीं। यह आपके लिए लिटमस टेस्ट है। इन तीन अफसरों की एसआईटी कर रही मामले की जांच 15 मई से नजर नहीं आए शाह बयान पर विवाद होने और हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर का आदेश देने के बाद से विजय शाह सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए। आखिरी बार वे 14 मई को अपने हरसूद विधानसभा क्षेत्र में हुए कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। 14 मई की रात को खबर आई कि वे भोपाल के लिए रवाना हुए हैं। लेकिन शाह भोपाल में सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए। अपने वकील को साथ रखे हैं शाह सूत्र बताते हैं कि विजय शाह पिछले दो दिनों से भोपाल में हैं। और वे अपने मित्रों से ही मेल मुलाकात कर रहे हैं। 19 मई को गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद वे वकील के साथ ही आ-जा रहे हैं। गुरुवार को शाह भोपाल के 74 बंगला इलाके में देखे गए थे। लेकिन, वे न तो अपने ऑफिस जा रहे हैं और न ही मंत्रालय गए। एसआईटी की रिपोर्ट तैयार होने का इंतजार जानकारी के मुताबिक मंत्री विजय शाह ने पहले जो माफी मांगी थी उस पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी। इसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी एसआईटी जांच कर रही है। सूत्र बताते हैं कि शाह इस वजह से सार्वजनिक तौर पर पब्लिक, मीडिया और कार्यक्रमों से दूरी बनाए हैं क्योंकि मामले में एसआईटी को जांच करके अपनी स्टेटस रिपोर्ट 28 मई तक कोर्ट में पेश करनी है। इस बीच उनके मूवमेंट और मीडिया के सामने आने से मामला बिगड़ सकता है। लिहाजा वे एकांत में रहकर एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट फाइल हो जाने तक का इंतजार कर रहे हैं। ये खबर भी पढ़ें - विजय शाह से इस्तीफा नहीं मांगेगी बीजेपी:सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी सरकार मंत्री के साथ, आखिर क्या है मजबूरी मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह को 28 मई तक गिरफ्तारी और इस्तीफे दोनों से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन के आदेश दिए है, वहीं इस तारीख तक गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई है। दूसरी तरफ बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि शाह की गिरफ्तारी पर रोक है, इसलिए इस्तीफा मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें मंत्री विजय शाह केस- सुप्रीम कोर्ट ने SIT बनाई:माफी नामंजूर, लेकिन गिरफ्तारी पर रोक कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की माफी सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT बनाने का निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें