बिजली विभाग:20 नए जीएसएस बनेंगे, अभी 5 बनाएंगे, कटौती जैसी दिक्कतों से मुक्त होगा शहर

शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए 100 करोड़ की लागत से 33 केवी के 20 नए जीएसएस स्थापित किए जाएंगे। अभी पहले चरण में 5 जीएसएस बनाए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में 10 और तीसरे में 5 नए जीएसएस स्थापित होंगे। फिलहाल पहले चरण के पांचों जीएसएस के लिए उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) जमीन अलॉट करेगा। इनकी स्थापना अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीवीएनएल) की ओर से की जाएगी। शहरवासियों की इसकी सौगात आगामी एक साल के भीतर मिल सकती है। कलेक्टर ने पांचों जीएसएस की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने बताया कि नए जीएसएस स्थापित कराने के लिए सीसारमा, लाल बोट चौराहा बेदला, मीरा नगर भुवाणा, टाइगर हिल बड़गांव और धोल की पाटी में भूमि आवंटित की जाएगी। इसके लिए कार्यवाही लगभग पूरी हो गई है। एवीवीएनएल उदयपुर के एसई केआर मीना ने बताया कि पांचों जीएसएस के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। 5-5 करोड़ की लागत आएगी
अभी उदयपुर में 36 जीएसएस संचालित हैं। 20 नए जीएसएस स्थापित होने के बाद इनकी संख्या 56 हो जाएगी। प्रत्येक जीएसएस को स्थापित करने में औसत 5-5 करोड़ रुपए की लागत आएगी। राहत की बात यह रहेगी कि शहर के किसी भी क्षेत्र में एक जीएसएस से सप्लाई बाधित होगी तो दूसरे जीएसएस से आपूर्ति कर दी जाएगी। शहरवासियों को बार-बार बिजली कटौती की परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा। इससे आंतरिक बिजली आपूर्ति सिस्टम मजबूत होगा। आंधी-तूफान-बारिश में 24 से 36 घंटे तक गुल हो जाती है बिजली अभी शहर में आंधी-तूफान या बारिश के दौरान अकसर लाइट गुल हो जाती है। मधुबन जीएसएस, सीसारमा जीएसएस में फॉल्ट हो जाता है। इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह प्रभावित हो जाती है। यही हाल शहर के हिरणमगरी सहित अन्य सभी क्षेत्रों में भी रहता है। किसी भी जीएसएस पर फॉल्ट होने की दशा में एक से 5 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। इससे शहरवासी परेशान रहते हैं। ऐसी समस्या के कारण देसी-विदेशी पर्यटक भी शहर की खराब छवि लेकर लौटते हैं। उदयपुर शहर में वर्तमान में 50 लाख यूनिट और जिलेभर में 1 करोड़ यूनिट बिजली की खपत रोज हो रही है। घासा में बन रहा 440 केवी का जीएसएस, ब्लैकआउट थमेगा शहर सहित जिले में बिजली आपूर्ति रावतभाटा से देबारी आने वाली 200 केवी लाइन से होती है। इसी लाइन से बांसवाड़ा-डूंगरपुर-आसपुर में भी सप्लाई होती है। ऐसे में यह लाइन हमेशा ओवरलोड रहती है। दूसरी सप्लाई 220 केवी कांकरोली-अंबेरी लाइन और तीसरी सप्लाई 220 केवी क्षमता की मादड़ी लाइन से होती है। ये दोनों लाइन भी ओवरलोड रहती हैं। किसी भी एक लाइन में फॉल्ट होने पर आधे शहर तक में ब्लैक आउट हो जाता है। इससे निपटने की तैयारी चल रही है। इसके स्थायी समाधान के लिए घासा में 440 केवी का जीएसएस बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बनने के बाद मौजूदा तीनों ही लाइनें ओवरलोड से बचेंगी। घासा स्थित 440 केवी जीएसएस से सीधी सप्लाई होगी। हालांकि, बिजली निगम की ओर से यह सिस्टम विकसित किए जाने में अभी दो साल तक का समय लगेगा।