पहली बार रूणिचा धाम मेले में होगा नेत्रकुंभ; 1 लाख लोगों की आंखों का होगा निशुल्क उपचार, चश्मा और दवा भी मिलेगी

सतम जीवेम शरदः शतम... एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है ‘हम सौ शरद ऋतु तक जीवित रहें’। सौ साल तक भगवान की बनाई इस सुन्दर सृष्टि को हम देख पाए, लेकिन आजकल नई पीढ़ी में स्क्रीन टाइम बढ़ने और आंखों के प्रति जागरूकता की कमी के चलते आंखों की रोशनी कमजोर हो रही है। इस बार जैसलमेर पोकरण स्थित रूणिचा धाम बाबा रामदेव मेले में आने वाले एक लाख श्रद्धालुओं की आंखों की जांच की जाएगी। इसके लिए दिव्य नेत्रकुंभ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अस्थायी हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। सात जर्मन हैंगर टेंट से 6 एकड़ भूमि पर बनने वाले अस्थायी हॉस्पिटल में आंखों की जांच के साथ उपचार की भी सुविधा रहेगी। कमजोर नजर वाले भक्तों को चश्में भी दिए जाएंगे। दिव्य नेत्रकुंभ में नेत्रदान के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। लोगों में नेत्रदान की प्रवृति बढ़े इस दृष्टि संतों का भी प्रवास रहेगा। इस नेत्रकुंभ में बाबा रामदेव मंदिर ट्रस्ट, सीमा जन कल्याण समिति, राष्ट्रीय सेवा भारती, विद्या भारतीय विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कॉलेज विद्यार्थी एवं मेडिकल छात्र, नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन, भारत विकास परिषद, राजस्थान शिक्षक संघ, जैसलमेर की जन सेवा समिति का विशेष सहयोग रहेगा।