पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का हार्ट-अटैक से निधन:अपनी मौत की अफवाह पर हंसाते हुए कहते थे-टाइगर अभी जिंदा है, कल रायपुर में होगा अंतिम संस्कार

पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का हार्ट-अटैक से निधन:अपनी मौत की अफवाह पर हंसाते हुए कहते थे-टाइगर अभी जिंदा है, कल रायपुर में होगा अंतिम संस्कार
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में उनका इलाज चल रहा था। दुबे के परिवार के करीबी भाजपा नेता उज्ज्वल दीपक ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी है। हास्य कवि दुबे का अंतिम संस्कार गुरुवार 27 जून को सुबह 10:30 बजे होगा। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान अशोका प्लेटिनम बंगला नंबर 25 से रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट तक जाएगी। कार्डिएक इंस्टीट्यूट के डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। जांच में पाया गया कि उनकी दिल की नसों में ब्लॉकेज है। एंजियोप्लास्टी सफल रही। उसके बाद वह ठीक थे, लेकिन शायद आईसीयू में विचलित थे। घबराहट की वजह से कोलेप्स हो गए थे, लेकिन फौरन उन्हें रिवाइव किया गया। किडनी का फंक्शन वापस आ गया था। ब्लड प्रेशर सही हो गया था, लेकिन दोपहर में फिर से एक कार्डिएक अरेस्ट आया। उन्हें दो कार्डिएक अरेस्ट आए और फिर उनका निधन हो गया। डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर कवि कुमार विश्वास, राज्यपाल रामेन डेका, CM विष्णुदेव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, पूर्व CM भूपेश बघेल और मीर अली मीर समेत कई बड़ी हस्तियों ने दुख जताया है। लिखा पूरे परिवार को ईश्वर इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ओम शांति। देखिए सुरेंद्र दुबे के निधन पर किस हस्ति ने क्या लिखा ? CM विष्णुदेव साय ने निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ी साहित्य व हास्य काव्य के शिखर पुरुष, पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे जी का निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। अचानक मिली उनके निधन की सूचना से स्तब्ध हूं। अपने विलक्षण हास्य, तीक्ष्ण व्यंग्य और अनूठी रचनात्मकता से उन्होंने न केवल देश-विदेश के मंचों को गौरवान्वित किया, बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। जीवनपर्यंत उन्होंने समाज को हंसी का उजास दिया, लेकिन आज उनका जाना हम सभी को गहरे शोक में डुबो गया है। उनकी जीवंतता, ऊर्जा और साहित्य के प्रति समर्पण सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दुख जताया कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ी भाषा, संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया। प्रिय @ashutoshdubeyji और पूरे परिवार को ईश्वर इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ओम शांति। गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी दुख जताया इसके साथ ही गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि सुरेन्द्र जी जीवन भर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए। छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर विश्व मंच तक अपनी विशिष्ट कविताओं से पहचान बनाने वाले महान कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों और उनके असंख्य प्रशंसकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। आपकी कविताएं सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगी। ॐ शांति। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने निधन पर जताया दुख छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र दुबे जी एक जिंदादिल इंसान थे। छत्तीसगढ़ की संस्कृति छत्तीसगढ़ के साहित्य और छत्तीसगढ़ के भाव को पूरे देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया तक उन्होंने पहुंंचाने का काम किया। वन मंत्री केदार कश्यप ने जताया दुख वन मंत्री केदार कश्यप ने भी दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि जीवन भर शब्दों से मुस्कान बाँटने वाले सुरेंद्र जी आज मौन छोड़ चले गए...पद्मश्री कवि सुरेंद्र दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार सहित अनगिनत श्रोताओं को यह अपूरणीय क्षति सहने की शक्ति दें। ॐ शांति। पूर्व CM बघेल ने जताया दुख छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल ने भी सुरेंद्र दुबे के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ के निवासी हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे जी के निधन पर दुखद समाचार मिला है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। मूणत ने डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर शोक जताया बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने भी डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने फेसबुक लिखा कि छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर विश्व मंच तक अपनी विशिष्ट कविताओं से पहचान बनाने वाले महान कवि सुरेंद्र दुबे का निधन अत्यंत दुखद है। किरणसिंह देव ने जताया दुख भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव ने छत्तीसगढ़ से दुनियाभर में मशहूर हुए हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपना सच्चा माटीपुत्र खो दिया है। यह छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि हास्य साहित्य और चिकित्सा जगत में समान लोकप्रियता अर्जित कर डॉ. दुबे ने न केवल देश, वैश्विक स्तर पर भी छत्तीसगढ़ की भाषा, संस्कृति और जीवन दृष्टि का परचम फहराया। यह छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है। मीर अली मीर ने जताया शोक मीर अली मीर ने जताया शोक लिखा -स्तब्ध हूं।चार दिन पहले एक मंच पर थे। उनकी कविताओं ने खूब गुदगुदाया। हंसी ठिठोली करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ। मेरे गीत की प्रशंसा भी उन्होंने की। जीवन कितना क्षण भंगुर है। पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को पद्मश्री मदन चौहान ने दी श्रद्धांजलि अंतरराष्ट्रीय ख्याति नाम कवि और छत्तीसगढ़ के पुरोधा पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को पद्मश्री मदन चौहान ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके साथ बिताए हुए पलों को याद किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत भावुक पल है। छत्तीसगढ़ के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ओम शांति। 2018 में उड़ी थी मौत की झूठी अफवाह इससे पहले, साल 2018 में राजस्थान के कवि सुरेंद्र दुबे का निधन हुआ था। इंटरनेट पर छत्तीसगढ़ के सुरेंद्र दुबे के मौत की खबर फैल गई थी। इस घटना पर कवि सुरेंद्र दुबे ने एक कविता बनाई। जिसे वो अक्सर मंचों पर सुनाया करते थे। सुरेंद्र दुबे ने अपनी मौत की झूठी खबर पर कविता लिखी थी, जिसकी पंक्तियां कुछ इस तरह हैं.... मेरे दरवाजे पर लोग आ गए। यह कहते हुए की दुबे जी निपट गे भैया बहुत हंसात रिहीस मैं निकला बोला- अरे चुप यह हास्य का कोकड़ा है ठहाके का परिंदा है। टेंशन में मत रहना बाबू टाइगर अभी जिंदा है। मेरी पत्नी को एक आदमी ने फोन किया वो बोला- दुबे जी निपट गे, मेरी पत्नी बोली ऐसे हमारे भाग्य कहां है रात को आए हैं पनीर खाए हैं पिज्जा उनका पसंदीदा है टेंशन में तो मैं हूं कि टाइगर अभी जिंदा है। एक आदमी उदास दिखा मैंने पूछा तो बोला मरघट की लकड़ी वाला हूं बोला वहां की लकड़ी वापस नहीं हो सकती आपको तो मरना पड़ेगा नहीं तो मेरे ₹1600 का नुकसान हो जाएगा मैंने कहा- अरे टेंशन में मत रह पगले टाइगर अभी जिंदा है। उनसे जुड़ी कुछ तस्वीरें देखिए जब सुरेंद्र भाजपा में शामिल हुए 2018 के विधानसभा चुनाव के माहौल में डॉ. सुरेंद्र दुबे भाजपा में शामिल हुए थे। ​​अमित शाह एक कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करने रायपुर आए तो उन्होंने आधिकारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में जन्मे दुर्ग निवासी सुरेंद्र दुबे ने अपना पूरा जीवन छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में समर्पित कर दिया। कवि सुरेंद्र दुबे को छत्तीसगढ़ी गौरव का प्रतीक भी माना जाता रहा है। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों से अपने राज्य की भाषा और संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। ऐसे दर्जनों मौके आए जब वे अमेरिका जाकर कविता पाठ करते थे। उन्होंने भाजपा के लिए भी कई कविताएं लिखीं।