देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती:झालावाड़ में विशेष कार्यक्रम, साहित्यकारों ने दी काव्यांजलि

देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती:झालावाड़ में विशेष कार्यक्रम, साहित्यकारों ने दी काव्यांजलि
झालावाड़ में शिक्षा विभाग द्वारा देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मिनी सचिवालय के सभागार में एडीएम सत्यनारायण आमेटा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत देवी अहिल्या बाई के चित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुई। एडीएम आमेटा ने बताया कि अहिल्या बाई मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध शासक थीं। एक किसान की बेटी होने के बावजूद उन्होंने सफल शासक और सैन्य नेता के रूप में ख्याति अर्जित की। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् झालावाड़ के सदस्यों ने कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया। अध्यक्ष सुरेशचंद्र निगम, उपाध्यक्ष राजेंद्र शान्तेय समेत कई साहित्यकारों ने अहिल्या बाई की जीवनी पर संगोष्ठी की और काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। डॉ. अलीम बेग ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि अहिल्या बाई का जन्म 31 मई 1725 को चौड़ी हैदराबाद में हुआ। बाद में इस स्थान का नाम अहिल्या नगर रखा गया। उनका निधन 13 अगस्त 1795 को इंदौर में हुआ। उनके शासनकाल में अनेक मंदिरों, घाटों, कुओं और बावड़ियों का निर्माण हुआ। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी हेमराज पारेता, एडीपीसी समसा सीताराम मीणा, सीबीईओ बकानी दुर्गालाल मीणा सहित कई शिक्षाविद और अधिकारी मौजूद रहे।