देवस्थान की मादड़ी​​​​​​​ में लेपर्ड पिंजरे में कैद हुआ:ग्रामीणों ने ली राहत की सांस; रेस्क्यू कर उदयपुर के जंगल में छोड़ा जाएगा

देवस्थान की मादड़ी​​​​​​​ में लेपर्ड पिंजरे में कैद हुआ:ग्रामीणों ने ली राहत की सांस; रेस्क्यू कर उदयपुर के जंगल में छोड़ा जाएगा
राजसमंद के देवस्थान की मादड़ी गांव में आज वन विभाग के पिंजरे में लेपर्ड कैद हुआ। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। गांव के शंभु सिंह ने आज सुबह वनविभाग को सूचना दी कि गांव में लगाए गए पिंजरे में लेपर्ड कैद हुआ है। गश्ती दल रेंजर सत्यानंद गरासिया ने बताया कि पिंजरे में बकरा बांधने के तीसरे दिन लेपर्ड उसमें कैद हो गया। इस दौरान गरासिया के साथ ही वनरक्षक किशन गाडरी, विक्रम सिंह, वन्यजीव प्रेमी पन्नालाल कुमावत, घनश्याम पूर्बिया, अटल सिंह, गिरधारी सिंह सहित वन विभाग की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम ने लेपर्ड को बड़े पिंजरे में शिफ्ट कर उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क पहुंचाया, जहां स्वास्थ्य परीक्षण कर लेपर्ड को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार पिंजरे में कैद हुए नर लेपर्ड की उम्र करीब 4 से 5 साल है। रेस्क्यू के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ पिंजरे के बाद इकट्ठा हो गई। बता दें कि देवस्थान की मादड़ी में पिछले 2 माह से ग्रामीणों के पालतू पशुओं के शिकार करने की शिकायत वन विभाग को मिल रही थी। जिसके बाद वन विभाग द्वारा गांव में लेपर्ड के संभावित मूवमेंट क्षेत्र में 25 मई को पिंजरा लगाया था। लेकिन पिंजरा लगाने के 13 दिन बाद भी लेपर्ड पिंजरे में नहीं आया। क्योंकि पिंजरे में लेपर्ड के लिए शिकार का इंतजाम नही किया गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने एक बकरे को पिंजरे में बांधा। इसके तीन दिन बाद ही रात्रि 2 बजे के करीब लेपर्ड पिंजरे में कैद हो गया। लेपर्ड के पकड़े जाने पर ग्रामिणों ने राहत की सांस ली।