दादा बोले-15 अगस्त को पैदा हुए थे पोते,आजाद हो गए:रातभर मेरे सीने पर सोए, फ्लाइट से किया था वीडियो कॉल; प्लेन क्रैश में हुई मौत

'मेरे जुड़वां पोते 15 अगस्त को पैदा हुए थे, अब आजाद हो गए। बच्चों के लिए नए स्कूल बैग खरीदे थे तो पूरी रात स्कूल बैग साथ लेकर सोए। बच्चे मेरे सीने पर सोए थे।' ये बात कहते-कहते बांसवाड़ा के डॉ. जेपी जोशी रुक जाते हैं और उनकी आंखें नम हो जाती है। बांसवाड़ा के डॉ. जेपी जोशी के बेटे डॉ. प्रतीक जोशी और बहू डॉ. कौमी व्यास अपने जुड़वां बेटे और 1 बेटी के साथ लंदन जा रहे थे, जहां अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने वाले थे, लेकिन अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में उनकी जान चली गई। डॉ. जेपी जोशी ने बताया- बेटा प्रतीक 4 साल से लंदन में काम कर रहा था। अक्सर अपने बच्चों और पत्नी से मिलने आता था। वो कभी सीधी उड़ान नहीं लेता था, लेकिन उसने कहा कि इस बार मैं आऊंगा, ताकि बच्चों के लिए यह आसान हो। 4 पॉइंट में पढ़िए बेटे-बहू और पोते-पोती को खोने वाले दादा का दर्द 1. परिवार को साथ ले जाने आया था बेटा
डॉ. जेपी जोशी ने बताया- बेटा प्रतीक 4 साल से लंदन में रेडियोलॉजिस्ट था। इस बार एक्सटेंशन मिलने पर पूरे परिवार को साथ ले जाने आया था। मेरी बहू ने उदयपुर में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, ताकि साथ रह सकें। बहू ने अकेले सारा सामान पैक किया और बच्चों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट बनवाए। 2. 15 अगस्त को जन्मे थे, आजाद हो गए
डॉ. जोशी ने कहा- मेरे जुड़वां पोते प्रद्युत और नकुल 15 अगस्त को पांच साल के हो जाते। उनका जन्म 15 अगस्त को हुआ और अब वे दोनों आजाद हो गए। 9 साल की पोती मिराया भी थी। 11 जून की रात को सभी अहमदाबाद में थे। रात 12 बजे तक खूब बातें हुईं। नए स्कूल बैग लेकर पोते-पोती बेहद खुश थे। कह रहे थे कि अब लंदन में पढ़ाई करेंगे। वे पूरी रात अपने स्कूल बैग साथ लेकर सोए। 3. बेटा मुझे भी लंदन ले जाना चाहता था
डॉ. जेपी जोशी के पिता ने कहा- मैं और मेरी पत्नी उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ने गए थे। बेटे ने मुझसे यहां तक कहा कि पापा, आप भी मेरे साथ लंदन में रहने के लिए तैयार हो जाओ। मैंने कहा कि पहले आप सेटल हो जाओ, फिर मैं आऊंगा। मैं अपना क्लिनिक बंद करने के बारे में भी सोच रहा था, ताकि मैं और मेरी पत्नी अपने बेटे के पास रहने के लिए लंदन जा सकें। 4. फ्लाइट से वीडियो कॉल किया, बच्चे लंदन जाने के लिए खुश थे
डॉ. जोशी ने बताया- एयरपोर्ट पर बेटे ने गर्मी का हवाला देकर हमें घर भेज दिया। बाद में फ्लाइट से वीडियो कॉल कर सबको दिखाया। बच्चे लंदन जाने के लिए बहुत खुश थे। हादसे से पहले पूरे परिवार के साथ फ्लाइट में सेल्फी भी ली थी। ---------------- प्लेन क्रैश हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 4 साल बाद एक साथ रहने जा रहा था परिवार:बांसवाड़ा के दंपती को परिवार अहमदाबाद एयरपोर्ट तक छोड़ने गया था; प्लेन में ली आखिरी सेल्फी अहमदाबाद प्लेन हादसे में बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपती और उनके तीन बच्चों की भी जान गई है। दंपती अपने बच्चों के साथ लंदन में शिफ्ट होने वाले थे। हादसे से बिल्कुल पहले फ्लाइट में डॉ. प्रतीक जोशी ने पूरे परिवार के साथ सेल्फी ली। 4 साल से लंदन में अकेले रह रहे डॉ. प्रतीक बेहद खुश थे कि अब पूरे परिवार के साथ रहेंगे, उनकी पत्नी डॉ. कौमी ने भी लंदन जाने के लिए उदयपुर में अपनी जॉब छोड़ दी थी। पढ़ें पूरी खबर