दस्तावेजों में छेड़छाड़ व हेराफेरी का मामला:प्रदेश में जयपुर, नागौर, झुंझुनूं, दौसा और श्रीगंगानगर में सबसे ज्यादा ई-मित्र ब्लैक लिस्टेड

आम लोगों को सरकारी दफतरों में चक्कर काटने की बजाय घर के नजदीक ही ई–मित्र की सुविधा देना सरकारों का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मगर कमजोर मॉनीटरिंग सिस्टम का फायदा उठाते हुए कई ई–मित्र संचालक गड़बड़ियां कर रहे हैं। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान यहां विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं सामने आती रही हैं। ऐसे में सैकड़ों ई -मित्र आईडी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। कई बार चेतावनी और जुर्माना वसूलकर कार्रवाई भी की जा रही है। प्रदेश में 276 से ज्यादा ई -मित्रों को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। इनमें सबसे ज्यादा गड़बड़ियां जयपुर में मिली हैं। इसके बाद नागौर, झुंझुनूं, दौसा और श्रीगंगानगर में सबसे ज्यादा ई–मित्र ब्लैक लिस्टेड हुए हैं। यहां सबसे ज्यादा शिकायतें फर्जी दस्तावेज बनाने, दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, पेंशन में गड़बड़ियां, फर्जी सील व साइन कर फायदा उठाने, आईडी का दुरुपयोग, सरकारी अफसरों व कर्मचारियों से दुर्व्यवहार , आवंटन स्थल से दूसरी जगह ई-मित्र कियोस्क संचालन, फर्जी दस्तोवजों से ई मित्र इश्यू कराने और बिजली-पानी के बिलों में गड़बड़ी की आ रही हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार ब्लैक लिस्टेड ई-मित्राें में सबसे ज्यादा शिकायतें फर्जी दस्तावेजों और दस्तावेजों से छेड़छाड़ की है। दस्तावेजों में गड़बड़ी वाले 100 के करीब ई-मित्रों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा दौसा, चूरू, जयपुर, झालावाड़, नागौर और श्रीगंगानगर जिलों के ई-मित्रों पर कार्रवाई की गई है। इसके बाद वित्तीय अनियमिताओं और निर्धारित रेट से ज्यादा रुपए वसूलने पर 75 के करीब ई-मित्र आईडी ब्लैक लिस्टेड की गईं। यह शिकायत आधे से ज्यादा जिलों में सामने आई है। अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर और श्रीगंगानगर में ऐसी गड़बड़ी की संख्या अधिक है। कई जिलों में निरीक्षण करने गए अधिकारियों से भी हाथापाई जैसी घटनाएं हुईं। एक दर्जन से ई-मित्र अभद्र व्यवहार, मारपीट व निरीक्षण में सहयोग नहीं करने पर भी ब्लैक लिस्टेड किए गए हैं। पुलिस मुकदमे व अन्य गड़बड़ियों के चलते 11, पेंशन और अन्य धोखाधड़ी पर 14, फर्जी सील, साइन और आईडी के दुरुपयोग पर 12, बिजली-पानी के बिल राशि में गड़बड़ी पर 32 ई-मित्र कियोस्क को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। सरकार ने 50 रुपए शुल्क तय कर रखा है, लेकिन कई जगह इससे ज्यादा या दोगुने पैसे वसूलने की शिकायतों पर ई-मित्र आईडी को ब्लैक लिस्टेड किया गया। 11 जिलों में दहाई संख्या में तो दो जिलों में एक भी नहीं जयपुर में सबसे ज्यादा 49, दाैसा में 21, नागौर में 26, श्रीगंगानगर में 16, जोधपुर में 12, सीकर-टोंक में 10-10, झुंझुनूं में 19,कोटा- झालावाड़ में 11-11 ई-मित्र ब्लैक लिस्टेड हुए। वहीं अजमेर में 8, अलवर में 7, चित्तौड़गढ़, बीकानेर, बाड़मेर व भरतपुर में 6-6, भीलवाड़ा में 4, बूंदी में 1, चूरू में 9, सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बारां, धौलपुर व जैसलमेर में 2-2, हनुमानगढ़, जालोर, पाली, उदयपुर में 3-3 ई-मित्र कियोस्क ब्लैक लिस्टेड किए गए। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में डूंगरपुर व सिरोही में एक भी ई-मित्र पर ब्लैक लिस्टिंग की कार्रवाई नहीं दिखाई गई है।