टेस्ला फिलहाल भारत में कारें नहीं बनाएगी:केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने कहा- कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग में कोई दिलचस्पी नहीं; सिर्फ दो शो-रूम खोलेगी

इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार मेकर कंपनी टेस्ला फिलहाल भारत में कारें बनाने की योजना नहीं बना रही है। भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि टेस्ला सिर्फ दो शो रूम खोलना चाहती है, मैन्युफैक्चरिंग में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में शो रूम के लिए जगह फाइनल की है और 25 से ज्यादा लोगों की भर्ती भी कर ली है, लेकिन लोकल प्रोडक्शन अभी कंपनी के एजेंडे में नहीं है। अमेरिका में कार बनाकर भारत में बेचेगी टेस्ला इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत में अपनी एंट्री डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) बिजनेस करेगी। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी भारत में कार बनाने की जगह सीधा अमेरिका से इंपोर्ट कर अपने भारतीय स्टोर्स से बेचेगी।कंपनी भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने और कार बनाने का प्लान बाद में करेगी। सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटाकर 15% किया केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के अपने विजन के तहत EV पॉलिसी- 'स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया' यानी (SPMEPCI) को पिछले साल मार्च में मंजूरी दी थी। इस पॉलिसी में सरकार ने दुनियाभर की कार कंपनियों को भारतीय मार्केट में एंट्री देने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी 70% तक से घटाकर 15% कर दिया है। इस छूट का लाभ विदेशी कंपनियां हर साल 8000 करों के इंपोर्ट पर ले सकती हैं। पॉलिसी के नियमों के तहत कंपनियों को कम से कम ₹4150 करोड़ निवेश करना होगा और अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं है। कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा। ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्लांट लगाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू करना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा। ऑटो कंपनियों को तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25% और 5 साल में 50% करना होगा।