कैलाश मीणा 16 जुलाई को होंगे 62 साल के, फिर बनाना पड़ेगा कार्यवाहक अधीक्षक

कैलाश मीणा 16 जुलाई को होंगे 62 साल के, फिर बनाना पड़ेगा कार्यवाहक अधीक्षक
जो अधीक्षक नहीं रहना चाहते, उन्हें जबरन बिठाया जा रहा सरकारी सिस्टम से परेशान कई अस्पतालों में काम करने वाले अधीक्षक अब और काम नहीं करने की इच्छा जता चुके हैं। कुछ समय पहले तक जहां हर कोई अधीक्षक बनना चाहते थे, वहीं अब हालात ये हैं कि डॉक्टर्स ने फिर से अधीक्षक बनने के लिए आवेदन तक नहीं किया। एसएमएस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के अधीक्षक ने तो प्रिंसिपल को किन्हीं ओर को जिम्मेदारी देने की बात तक कह चुके हैं। अन्य दो डॉक्टर्स का कहना है कि उनके अधीक्षक पद का कार्यकाल पूरा हो चुका है, वे जिम्मेदारी छोड़ना चाहते हैं। मालूम हो कि एसएसबी के डॉ. विनय मल्होत्रा और सैटेलाइट बनीपार्क हॉस्पिटल के डॉ. पीडी मीणा को अधीक्षक पद पर 3 साल से अधिक समय हो गया है। अब जब वे पद और अधिक काम नहीं करना चाहते तो उन्होंने एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को कहा कि वे कसी ओर को जिम्मेदारी दें। हर बार का एक ही बयान- जल्दी तय करेंगे; 6 माह से अधीक्षक नहीं बनाए जाने के मामले में जब भी चिकित्सा मंत्री से बात की गई, उन्होंने हर बार “जल्दी ही तय करेंगे” बयान दिया, पर यह जल्दी कब पूरी होगी, यह कोई भी नहीं बता पा रहा है। मुख्य वजह सामने आई है कि कई अधीक्षक पद के लिए मंत्रियों और विधायकों की एप्रोच की वजह से यह तय नहीं यानी कि किस डॉक्टर को कहां अधीक्षक लगाया जाए। अब सरकार अपने स्तर पर अधीक्षक लगाना चाह रही थी, तो एप्रोच के चलते वह किसी विवाद में नहीं पड़ रही। यदि अधीक्षक लगा दिए, तो कई विधायक-मंत्री नाराजगी जताएंगे और विवाद की स्थिति होगी। ऐसे में चिकित्सा मंत्री स्तर से इंटरव्यू की तारीख तक तय नहीं की गई है। जयपुर | सरकार की मनमानी के चलते पहली बार ऐसा होगा कि वर्तमान कार्यवाहक अधीक्षक का कार्यकाल पूरा होने के बाद फिर से कार्यवाहक अधीक्षक ही बनाया जाएगा। वजह यह कि जेके लोन अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा 16 जुलाई को 62 वर्ष के हो जाएंगे। सरकार के नियमों के तहत इस उम्र के बाद कोई भी प्रशासनिक पद पर नहीं रह सकता। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां फिर से कार्यवाहक ही बनाए जाएंगे। वहीं, सरकार गत 6 माह में स्थायी अधीक्षक नहीं बना सकी। मालूम हो कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध 8 (एसएमएस, एसएसबी, जेके लोन, गणगौरी, कावंटिया, सेठी कॉलोनी सैटेलाइट अस्पताल, बनीपार्क सैटेलाइट अस्पताल, स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट) के अलावा अजमेर मेडिकल कॉलेज के 2, बीकानेर मेडिकल कॉलेज के 4, जोधपुर मेडिकल कॉलेज के 7, कोटा मेडिकल कॉलेज के 5 और उदयपुर मेडिकल कॉलेज के 4 अस्पतालों में नए अधीक्षक लगाए जाने हैं।