निजीकरण व सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करेंगे : देंता

निजीकरण व सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करेंगे : देंता
भास्कर संवाददाता | सीकर एसएफआई के तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हो गया। इस दौरान प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया। संगठन के प्रदेश प्रभारी दिनीत देंता ने कहा एसएफआई प्रदेश के छात्रों को संगठित कर उनकी मांगों के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। प्रदेश में निजीकरण व सांप्रदायिकता की चुनौती बढ़ रही है। इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है। राजनीतिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी संगठन ने जिला कमेटी को दे रखी है। उन्होंने कहा िक संगठन से जुड़े लोगों के त्याग और बलिदान से संगठन मजबूत हुआ है। प्रदेश में संगठन की स्थापना 1970 में हुई। तब से लगातार संगठन एक शक्तिशाली छात्र आंदोलन के रूप में काम कर रहा है। हमारा लक्ष्य एक जनवादी व प्रगतिशील सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना है। ढाका बने प्रदेश अध्यक्ष, मोहनपुरिया प्रदेश सचिव मनोनीत : उन्होंने कहा कि सीकर जिले में एसएफआई ने संगठन की उम्मीद एवं मांग के अनुसार काम किया है। जिला अध्यक्ष महिपाल सिंह गुर्जर ने बताया कि प्रभारी ने 47 सदस्य कमेटी का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पास किया। राज्य कमेटी की पहली बैठक हुई। 16 सदस्यीय सचिव मंडल का चुनाव किया गया। प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र ढाका, सचिन मुकेश मोहनपुरिया, उपाध्यक्ष पद पर महिपाल सिंह गुर्जर, पंकज गुर्जर, फाल्गुन भराड़ा, गोपाल शेखासर, कपिल राव, अनीश दयाल, रोहिताश लोर को चुना गया। राकेश मुवाल, प्रिया निठारवाल, राधिका, ओम प्रकाश डूडी, आशीष पचार, विक्रम यादव को संयुक्त सचिव बनाया। सीकर से संदीप नेहरा, राजू बिजारणियां, गरिमा चौधरी व रेखा सैनी को राज्य कमेटी सदस्य चुना गया। विजेंद्र ढाका