अतिक्रमण का मामला:सेड़वा एईएन ऑफिस की जमीन पर अतिक्रमण, ऊर्जा मंत्री बोले: एईएन को बर्खास्त कर कलेक्टर जांच करें

कलेक्ट्रेट कांफ्रेंस हॉल में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की ओर से ली गई बैठक में सेड़वा एईएन कार्यालय की जमीन पर अतिक्रमण मामले का भाजपा नेताओं ने मुद्दा उठाया। भाजपा जिला अध्यक्ष अंनतराम विश्नोई के मुद्दे काे उठाने पर तात्कालिक एईएन गेमराराम गर्ग काे टर्मिनेट करने तथा मामले की जांच दुबारा खुलवाने के लिए कलेक्टर, एसपी व एसई डिस्कॉम काे आदेश दिए गए। 25 साल से संचालित सेड़वा 33/11 केवी सब स्टेशन पर एईएन की मिलीभगत से 21 व 22 अप्रैल 2024 की रात को सरकारी जमीन की दीवार तुड़वाकर 14 फीट अंदर नई दीवार काे बनवा दी थी। इससे पहले पास की जमीन से पीछे की ओर जाने के लिए करीब दाे फीट का आम रास्ता था। इसके बाद मामला बढ़ने लगा ताे तात्कालिक एसई की ओर से जांच बिठाई गई। एक्सईएन विजिलेंस की ओर से मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों काे भेजी गई लेकिन मामले में किसी प्रकार की काेई कार्रवाई नहीं की गई। डिस्कॉम की ओर से सेड़वा थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई लेकिन पुलिस की ओर से भी काेई कार्रवाई नहीं हुई और मामले काे पूरी तरह दबा दिया। अब गुरुवार को बाड़मेर दौरे के दौरान ऊर्जा मंत्री हीराराम नागर के सामने भाजपा नेताओं ने इस मामले को दुबारा उठाया। जिसके बाद मंत्री के एक्शन पर एईएन को बर्खास्त करने की कार्यवाही शुरू की गई है। निजी कॉम्पलेक्स को फायदा पहुंचाने के लिए 14 फीट रास्ते में दी थी जमीन सेड़वा में 33केवी का 25 साल पुराना जीएसएस है, जहां एईएन कार्यालय चल रहा है। 21 व 22 अप्रैल 2024 की रात एईएन गेमराराम की मिलीभगत से पुरानी दीवार काे तुड़वा कर 14 फीट कार्यालय की जमीन के अंदर नए सिरे से दीवार बनवाई गई थी। दीवार तुड़वाते समय 3-4 नीम के पेड़ भी काटे गए। इससे पहले कार्यालय के पास से मात्र दाे फीट का आम रास्ता था जिसे करीब 16 फीट का करवा दिया गया। इसके पीछे की वजह ये थी कि कार्यालय के पीछे बेशकीमती जमीन पर एक निजी कॉम्पलेक्स करवाया जाना था, ऐसे में एईएन की साठगांठ से कॉम्पलेक्स की जमीन तक रास्ते के लिए 14 फीट जमीन की हेरा-फेरी कर दी गई। एईएन ने दीवार तोड़ कर 14 फीट रास्ते के लिए जमीन दे दी। अब मामले ने तूल पकड़ा। डिस्कॉम एसई की ओर से जांच बिठाई गई। जमीन की पैमाइश करवाते हुए रिपोर्ट पेश की गई। जांच में एईएन काे दोषी ठहराते हुए चार्जशीट पेश की गई है। मामले में पुलिस में एफआईआर भी करवाई गई लेकिन जांच में अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बार-बार देरी की गई। "जांच में सामने आया है कि तत्कालीन एईएन सेड़वा की ओर से चार दीवारी के पुनर्निर्माण के लिए उच्च अधिकारियों से किसी प्रकार का काेई पत्राचार नहीं किया गया। न ही किसी उच्च अधिकारी से दीवार काे तुड़वाने के लिए स्वीकृति मांगी गई। मामले में अवैध निर्माण करवाने तथा निगम की संपति काे नुकसान पहुंचाने पर अब एईएन के खिलाफ चार्जशीट दी जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी मामले पुलिस कार्यवाही नहीं की थी।" -अशोक मीणा एसई डिस्काॅम।