75 साल की हथिनी 'रामू' ने दम तोड़ा:डॉक्टर बोले-भीख मांगने को चलाते पैरों का तलवा अलग हुआ, अंबानी के वनतारा से इलाज को आए थे डॉक्टर

75 साल की हथिनी 'रामू' ने दम तोड़ा:डॉक्टर बोले-भीख मांगने को चलाते पैरों का तलवा अलग हुआ, अंबानी के वनतारा से इलाज को आए थे डॉक्टर
पिछले दिनों से बीमार चल रही 75 साल की हथिनी 'रामू' ने शुक्रवार शाम को दम तोड़ दिया। मथुरा से हथिनी का इलाज करने आए वाइल्ड लाइफ डॉक्टर बेजुराज का कहना है कि मंदिर या आस्था से जोड़कर हाथी को भीख मांगने के लिए काम लिया जाता था। गर्मी में चलते-चलते उसके पैरों का तलवा पूरी तरह अलग हो गया। महावत के दूसरा हाथी भी है जिसे कहां गायब कर दिया है पता नहीं है। बता दें, हथिनी के ​इलाज के लिए अनंत अंबानी के वनतारा(जामनगर, गुजरात) और मथुरा(उत्तर प्रदेश) से डॉक्टर आए हुए थे। 5 हजार किलो की इस हथिनी के क्रोनिक फुट रोट संक्रमण के कारण पैरों में सूजन और घाव थे। नाखून टूट चुके थे। इस वजह से वह खुद से हिल-डुल नहीं पा रही थी। हथिनी की ऐसी हालत करीब डेढ़ माह से थी। हथिनी रामू को बिहार से उदयपुर लेकर आए थे इस हथिनी का नाम रामू है। उदयपुर शहर में रेती स्टैंड स्थित आवरी माता का मंदिर है। मंदिर परिसर में ही बने कमरे में बरसों से नरेश दास बाबा रहते हैं। वे रामानंद नि​र्मोही अखाडे के साधू है। ये हथिनी इसी मंदिर परिसर में रहती है। हथिनी की सेवा करने वाले महावत आकाश गोस्वामी के अनुसार हथिनी रामू को हर साल महाशिवरात्रि पर 7 किमी दूर महाकाल मंदिर लेकर जाते है। इस साल महाशिवरात्रि के बाद हथिनी को लेकर वापस आवरी माता मंदिर आ रहे थे। तब कुछ पशुप्रेमियों ने विरोध कर दिया था। उन्होंने कहा, आप हथिनी को परेशान कर रहे है। ऐसे आरोप लगाकर और कानून का डर दिखाकर हमें वापस नहीं आने दिया। करीब 15 दिन तक हथिनी एक ही जगह रह गई। हथिनी की तबीयत बिगड़ने लगी तो मंदिर लाने दिया। हथिनी को था क्रोनिक फुट रोट संक्रमण हथिनी के इलाज के लिए गुजरात के जामनगर स्थित अनंत अंबानी के वनतारा से भी तीन डॉक्टर आए हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हथिनी के पैरों में क्रोनिक फुट रोट संक्रमण से सूजन आ गई थी। उसने दो नाखून हट गए थे और तलवे उखड़ने लगे थे। हथिनी की हालत कमजोर होते देख उसने 40 से 60 लीटर तक ड्रिप रोज दे रहे थे। 36 घंटे में हाइड्रा क्रेन के जरिए करवट दिलवा रहे थे, लेकिन फिर भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।