62-हजार लोगों से ठगी करने वालों पर ED की रेड:24 ठिकानों पर छापे; जोधपुर में खाली मिला ऑफिस, 2700 करोड़ का फ्रॉड

राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के करीब 24 जगहों पर गुरुवार को सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें छापेमारी कर रही हैं। जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक ये करीब 2700 करोड़ रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। राजस्थान के सीकर, जयपुर, जोधपुर, झुंझुनूं सहित गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली में छापे डाले गए हैं। जानकारी के अनुसार ये रेड नेक्सा एवरग्रीन नाम के प्रोजेक्ट में हुई धोखाधड़ी को लेकर है। जोधपुर में कार्रवाई करने पहुंची टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। इस प्रोजेक्ट में पैसे लगाने वालों को कंपनी की ओर से एक समय के बाद फ्लैट, जमीन या ज्यादा रेट पर पैसे वापस लौटने का भरोसा दिया जाता था। ठगी का शिकार होने वाले में पुलिसवाले और सरकारी कर्मचारी भी थे। सबसे पहले जानिए- क्या है नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट नेक्सा एवरग्रीन (NEXA EVERGREEN) कंपनी का रजिस्ट्रेशन अहमदाबाद में 17 अप्रैल 2021 में हुआ। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज अहमदाबाद के रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह कंपनी रियल एस्टेट एक्टिविटी के लिए रजिस्टर्ड कराई गई थी। जिसके मालिक सीकर के पनलावा निवासी सुभाष बिजारणियां व रणवीर बिजारणियां हैं। गुजरात में धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों से इंवेस्ट के नाम पर रुपए लेने लगा था। 15 से ज्यादा कंपनी अलग-अलग नाम से बनाई रणवीर और सुभाष ने केवल नेक्सा एवरग्रीन के नाम से ही नहीं, बल्कि कई अलग-अलग नाम से कंपनी बना ली थी। इन नामों से कई बैंकों में अकाउंट खोले गए थे। खास बात है कि इन कंपनियों में डायरेक्टर अलग-अलग थे। लोगों को झांसे में लेने के लिए सारे प्रोजेक्ट और कंपनी के नाम अधिकतर धोलेरा सिटी के नाम पर ही रखे गए थे। अब जानिए- कैसे होता था ठगी का खेल ठगों ने बैंक से दोगुने ब्याज का रिटर्न, हर हफ्ते ब्याज का पैसा अकाउंट में, नया ग्राहक जोड़ने पर कमीशन, धोलेरा सिटी में प्लॉट जैसे लालच दिए। जिसने भी इनका प्लान सुना, लालच में आकर शिकार बनता चला गया। इसे साधारण तरीके से समझाते हैं ... कंपनी में इन्वेस्टमेंट प्लान 50 हजार रुपए से शुरू होता था, जिसे 60 महीने के लिए जमा करवाने पर हर हफ्ते उसके ब्याज के रूप में 1352 रुपए रिटर्न मिलता था। इसी तरह 1 लाख रुपए जमा करवाने पर 2704 रुपए मिलते थे। हर मंगलवार की सुबह रुपए ट्रांसफर कंपनी रुपए इन्वेस्ट कराने के बाद उसके रिटर्न का पैसा हर सप्ताह के मंगलवार को सीधे अकाउंट में ट्रांसफर कराती थी। सोमवार की रात को 12 बजते ही पैसा अकाउंट में आना शुरू हो जाता था। सुबह उठते ही लोगों के रुपए अकाउंट में मिलने पर चेहरे पर खुशी आ जाती थी। जब लोगों को पक्का विश्वास हो गया तो कई लोगों ने अपनी जमीनें बेचकर कंपनी में पैसा लगाना शुरू कर दिया। पैसा आना बंद हुआ तो हुआ खुलासा कुछ हफ्तों तक लोगों के खातों में पैसे आए, लेकिन 17 जनवरी 2023 को मंगलवार के दिन जब लोगों के अकाउंट में रुपए नहीं आए तो सभी परेशान हो गए। तब कंपनी के एमड़ी सुभाष बिजारणियां ने सफाई देकर जल्द रुपए ट्रांसफर करने की बात कही। कई लोग गुजरात के धोलेरा सिटी में बनाए इनके फर्जी प्रोजेक्ट ऑफिस पहुंचे। वहां भी झूठा आश्वासन दिया गया था। कुछ दिन बाद कंपनी के एमडी बिजारणियां बंधु, दोनों की पत्नियां और कंपनी के इन्वेस्टमेंट मैनेजर फरार हो गए। इस केस में अलग-अलग जिलों में 200 से ज्यादा एफआईआर हुईं हैं। .... पुलिसवाले बनकर मिटाए 2700 करोड़ की ठगी के सबूत:फिल्मी अंदाज में इंस्पेक्टर बनकर आए थे आरोपी, पिकअप में भरकर ले गए सारा रिकॉर्ड राजस्थान में हजारों लोगों से लगभग 2700 करोड़ की ठगी करने वाले ठगों ने फर्जी पुलिस ऑफिसर बनकर अपने गुनाहों के सारे सबूत मिटा डाले। पूरी खबर पढ़िए...