24 कर्मचारी सस्पेंड होने के बाद रोडवेज-डिपो में चरमराई व्यवस्था:4 रूट पर एक-एक बस का संचालन ठप; छुट्टियां रद्द की

झुंझुनूं रोडवेज डिपो इन दिनों एक बड़े प्रशासनिक संकट से जूझ रहा है। फर्जी हाजिरी लगाकर वेतन लेने के गंभीर मामले में गुरुवार 5 मई को डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। राजस्थान परिवहन निगम की चेयरमैन शुभ्रा सिंह के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई के बाद पूरे डिपो का संचालन चरमरा गया है। चीफ मैनेजर स्तर तक की गई इस बड़ी कार्रवाई ने डिपो में अफरा-तफरी का माहौल है। झुंझुनूं डिपो से प्रतिदिन लगभग 77 बसें 33 हजार किलोमीटर की दूरी तय करती हैं, लेकिन वर्तमान में चार महत्वपूर्ण रूट पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। अन्य रूटों पर भी संचालन किसी तरह से चालू है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। सभी बुकिंग खिड़कियां बंद कर दी गई हैं, बुकिंग स्टाफ से ही बस संचालन से जुड़े कार्य करवाए जा रहे हैं। निलंबन के बाद झुंझुनूं डिपो में केवल एक नई नियुक्ति की गई है। गिरिराज स्वामी को मुख्य आगार प्रबंधक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इस कारण डिपो की रोजमर्रा की गतिविधियां और निर्णय प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। झुंझुनूं डिपो पर यह संकट, ये हैं जरूरतें... नए स्टाफ की तत्काल आवश्यकता- कार्यवाहक चीफ मैनेजर बद्री प्रसाद के अनुसार- बचे हुए स्टाफ को डबल ड्यूटी में लगाकर संचालन किया जा रहा है। यह स्थिति ज्यादा दिन तक बनाए रखना संभव नहीं है। यदि जल्द ही बाकी रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां नहीं हुईं, तो पूरे डिपो का संचालन ठप हो सकता है। आपातकालीन छुट्टियां रद्द, कर्मचारियों पर दोहरा बोझ- डिपो प्रशासन ने सभी कर्मचारियों की आपातकालीन छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अतिरिक्त कार्यभार देकर कुछ कर्मचारियों से दोहरी जिम्मेदारी निभवाई जा रही है। कई ऐसे कर्मचारी जो पहले केवल कार्यालयीन काम करते थे, अब उन्हें फील्ड में भी उतारा गया है। आम यात्रियों को हो रही भारी परेशानी- इस पूरे घटनाक्रम का सीधा और गंभीर असर आम यात्रियों पर पड़ा है। डिपो के चार रूट बंद होने से रोजाना सैकड़ों यात्रियों को ऑप्शनल साधन खोजने पड़ रहे हैं। निजी वाहनों का किराया अधिक होने के कारण आमजन को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। कर्मचारियों में डर का माहौल, जिम्मेदारों की तलाश जारी- इस कार्रवाई के बाद रोडवेज कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सभी कर्मचारी अब समय पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और रिकॉर्ड को अपडेट रखने पर जोर दे रहे हैं। डिपो प्रशासन भी बाकी शाखाओं के रिकॉर्ड खंगालने में जुटा है ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने। रोडवेज चेयरमैन शुभ्रा सिंह ने पांच साल का हिसाब मांगा- इस बड़े घोटाले के खुलासे के बाद राजस्थान परिवहन निगम की चेयरमैन शुभ्रा सिंह ने 2020 से अब तक झुंझुनूं डिपो में कार्यरत सभी प्रबंधकों की सूची तलब की है। इनमें से 16 अधिकारियों को सीसीए नियमों के तहत चार्जशीट देने का निर्णय लिया गया है। शुभ्रा सिंह ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों की लापरवाही से ही यह घोटाला संभव हुआ है, इन पर सख्त कार्रवाई होगी।