2 इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी डॉक्टर का सरेंडर:कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद हुई थी मौत; कोर्ट से जेल तक रोती रही

कानपुर में सिर पर बाल उगाने के नाम पर दो इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी महिला डॉक्टर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अनुष्का तिवारी 18 दिन से फरार थी। उसकी तलाश में यूपी-बिहार और दिल्ली समेत कई राज्यों में पुलिस छापेमारी कर रही थी। अनुष्का तिवारी ने इंजीनियर विनीत दुबे और मयंक कटियार का हेयर ट्रांसप्लांट किया था। ट्रांसप्लांट के कुछ ही घंटों के बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई थी। दोनों का चेहरा सूज गया था और 24 घंटे में दोनों इंजीनियरों ने दम तोड़ दिया था। मामला तब सुर्खियों में आया, जब विनीत दुबे की पत्नी ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की। इसके बाद पुलिस अफसर एक्टिव हुए और डॉक्टर अनुष्का के खिलाफ FIR दर्ज की गई। कोर्ट से जेल तक रोती रही अनुष्का, पति ने संभाला डॉ. अनुष्का तिवारी ने सोमवार को पुलिस को चकमा देते हुए सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) सूरज मिश्रा की कोर्ट में सरेंडर किया। अनुष्का अपने पति सौरभ त्रिपाठी के साथ कोर्ट पहुंची। उनके साथ 2 वकील भी थे। अनुष्का अपना चेहरा दुपट्टे से ढके थी। कोर्ट ने 1 बजकर 25 मिनट पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अनुष्का कोर्ट में हाजिर होने से लेकर जेल जाने तक लगातार रोती रही। वहीं, पति सौरभ त्रिपाठी अनुष्का को गले लगाकर भरोसा दिलाते रहे कि जल्द ही जमानत दिलाकर जेल से बाहर निकालेंगे। पति के अलावा परिवार के अन्य लोग अनुष्का को पुलिस के पीछे-पीछे जेल तक छोड़ने पहुंचे। डीजीसी क्राइम बोले- अग्रिम जमानत याचिका पर राहत नहीं मिली तो सरेंडर किया
डीजीसी क्राइम दिलीप अवस्थी ने बताया- अनुष्का तिवारी दांतों की डॉक्टर थी। उन्होंने अपनी फील्ड से हटकर एक सर्जन के रूप में हेयर ट्रांसप्लांट किया। इस संबंध में FIR दर्ज हुई थी। पुलिस को जांच में अनुष्का के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। अनुष्का ने पहले डीजे कोर्ट में एक एंटीसिपेट्री बेल का आवेदन किया था, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। उसमें 2 जून को सुनवाई होगी। इसके बाद उन्होंने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया है। अगर अब वह जमानत के लिए अर्जी दाखिल करती हैं, तो उस पर सुनवाई होगी। 18 दिन बाद अनुष्का ने किया सरेंडर रावतपुर थाना पुलिस ने 9 मई को डॉ. अनुष्का तिवारी के खिलाफ इलाज में लापरवाही से मौत की FIR दर्ज की थी। यह FIR पनकी पावर हाउस ऑफिसर्स कॉलोनी में रहने वाली जया त्रिपाठी की शिकायत पर दर्ज हुई थी। जया ने आरोप लगाया था कि उनके पति इंजीनियर विनीत कुमार दुबे पनकी पावर हाउस में एक्सईएन थे। उन्होंने डॉ. अनुष्का के इंपायर क्लिनिक/वाराही से अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। अनुष्का का क्लिनिक कल्याणपुर के आवास विकास केशवपुरम में है। ट्रांसप्लांट के बाद ही पति की हालत बिगड़ी और 15 मार्च को उनकी मौत हाे गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डॉ. अनुष्का कानपुर कल्याणपुर क्लिनिक बंद करके फरार हो गई थीं। इसके बाद से उनकी तलाश में पुलिस की टीमें ताबड़तोड़ दबिश दे रही थीं। अनुष्का कानपुर से लेकर लखनऊ, वाराणसी समेत यूपी और देश के कई जिलों में छिपी रही। रिपोर्ट दर्ज होने के 18 दिन बाद (सोमवार) सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अब उन दो इंजीनियरों की मौत के बारे में जानिए, जिन्होंने डॉक्टर को जेल पहुंचाया पहली मौत- ट्रांसप्लांट के बाद चेहरे पर सूजन, सीने में दर्द, 24 घंटे में मौत
फतेहगढ़ में रहने वाली प्रमोदनी कटियार कहती हैं- बेटा मयंक कटियार (32) प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (PSIT) से बीटेक करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा था। वह अपना बिजनेस कानपुर में ही सेटअप करने की तैयारी में था। 18 नवंबर, 2024 को मयंक हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए केशवपुरम के द इंपायर क्लिनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी के पास गया था। उसे सुबह 8 बजे बुलाया गया। डॉ. अनुष्का ने उसे 2 बजे अपनी क्लिनिक से छोड़ा। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद छोटा बेटा कुशाग्र शाम 5 बजे मयंक को फतेहगढ़ स्थित पैतृक घर लेकर आया। रात करीब 12 बजे उसके सिर में तेज दर्द हुआ। इस बारे में डॉ. अनुष्का से बात की, तो उन्होंने इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा। इंजेक्शन लगवाने के बाद भी उसका दर्द ठीक नहीं हुआ। इस पर उन्होंने पट्टी ढीली करने को कहा। बेटा सारी रात दर्द से कराहता रहा। अगले दिन डॉ. अनुष्का से दोबारा संपर्क किया। बताया कि मयंक के चेहरे पर सूजन आ गई और सीने में तेज दर्द उठा है। उन्होंने कहा कि उसे हृदयरोग विशेषज्ञ के पास लेकर जाओ। हम जिस डॉक्टर के पास पहुंचे, उन्होंने कहा कि दिल से संबंधित कोई दिक्कत नहीं है। जहां पर हेयर ट्रांसप्लांट कराया है, वहीं बात करिए। इस दौरान 19 नवंबर को मयंक की मौत हो गई। इसके बाद करीब 6 महीने से इंजीनियर के परिजन थाने से लेकर उच्चाधिकारियों के यहां चक्कर काटते रहे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। 6 मई को मयंक की मां ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिलकर FIR दर्ज करने की मांग की। अब विनीत दुबे की मौत के बारे में जानिए... ट्रीटमेंट के बाद आंखें बाहर आईं, चेहरे पर सूजन फिर मौत हुई
पनकी पावर प्लांट में इंजीनियर विनीत कुमार दुबे (37) ने 13 मार्च को इंपायर वाराही क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया। ट्रांसप्लांट के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। रिश्तेदारों ने उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज के दौरान 14 मार्च को उनकी मौत हो गई। इसका पता चलते ही डॉ. अनुष्का तिवारी क्लिनिक बंद करके और फोन स्विच ऑफ कर फरार हो गईं। इंजीनियर की पत्नी जया मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना, चौकी, एसीपी और डीसीपी के दफ्तर से लेकर पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर काटती रहीं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सभी ऑडियो-वीडियो और अन्य साक्ष्यों के साथ CM पोर्टल पर शिकायत की। तब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज की। 2 जून को एडीजे कोर्ट में होगी सुनवाई
अनुष्का तिवारी ने एडीजे कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर 2 जून को सुनवाई होनी है। अपनी याचिका में अनुष्का ने दावा किया कि विनीत कुमार दुबे दांत का मरीज था। वह अपने दांतों के संबंध में कई बार क्लिनिक पर आ चुके थे। इस दौरान उन्होंने अपने झड़ते बालों के बारे में राय मांगी थी। इस पर मैंने बालों को सुरक्षित रखने के उपाय सुझाए थे। दांतों के इलाज के लिए उनकी खून की जांच भी कराई थी। लेकिन, विनीत कुमार दुबे के बालों का ट्रांसप्लांटेशन से कोई लेना-देना नहीं रहा है। इतना ही नहीं, अनुष्का ने यह भी लिखा कि विनीत कुमार दुबे ने अपने बालों का ट्रांसप्लांटेशन सर्जन डॉ. मनीष कुमार से कराया था। यह बात खुद विनीत ने बताई थी। इसके साथ ही अनुष्का ने अपने मेडिकल दस्तावेजों को भी अटैच किया है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... कानपुर में इंजीनियर की मौत, हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खतरा?:शादी से पहले सर्जरी कराने वाले जवान की गई थी जान; क्या सावधानियां रखनी चाहिए... कानपुर में पनकी पावर प्लांट के असिस्टेंट इंजीनियर विनीत की हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौत हो गई। उनकी पत्नी जया के मुताबिक, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद उनके चेहरे पर इतनी सूजन आ गई थी कि चेहरा गुब्बारे की तरह हो गया था। आंखें बाहर आ गई थीं। वे पहचान में नहीं आ रहे थे। पुलिस ने 54 दिन बाद FIR दर्ज की। पढ़िए पूरी खबर