100 हत्या करने वाले डॉ. डेथ का मंदिर में अस्पताल:पीड़ित बोला-इलाज के नाम पर 2 लाख लिए, दवा बदलते ही बेटे की मौत हुई

100 से ज्यादा लोगों की हत्या करने वाले डॉ. डेथ उर्फ दयादास महाराज के बांदीकुई (दौसा) के आश्रम में सन्नाटा पसरा है। यहां डेली आने वाले लोग भी अब कतराने लगे हैं। डॉ डेथ और देवेंद्र शर्मा इस आश्रम में 2 साल से था। यहां वो एक छोटा सा हॉस्पिटल भी चला रहा था। इलाज के दौरान कमरे के बाहर क्या हो रहा है उसकी एक्टिविटी पर भी वो कैमरे से नजर रखता था। उसके फर्जी इलाज से एक व्यक्ति की मौत का भी दावा किया है। भास्कर रिपोर्टर ने डॉ डेथ को लेकर इस आश्रम की पड़ताल की और बेटे को गंवाने वाले पिता से भी बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट ... कौन है डॉ. डेथ? सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा (67) को 20 मई को दौसा में बांदीकुई के आश्रम से पकड़ा गया। उस पर 100 से ज्यादा मर्डर और करीब 125 किडनी निकालकर बेचने का आरोप है। तिहाड़ जेल से पैरोल पर निकलने के बाद फरार हुआ डॉक्टर डेथ पिछले करीब दो साल से दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर छुपा था। वो यहां लोगों का फर्जी तरीके से इलाज भी करता था। एक मोबाइल रिचार्ज ने दिल्ली पुलिस को डॉ. देवेंद्र शर्मा तक पहुंचाया। इसी तरीके से 20 साल पहले 2004 में डॉ. डेथ पहली बार जयपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा था। तब भी दौसा से जयपुर में हुए 2 लैंडलाइन कॉल के जरिए पुलिस उस तक पहुंची थी। पीड़ित बोला- बेटे को दिखाने गए तो कहा था मैं बहुत कठोर इलाज करता हूं मंदिर के पास स्थित ढाणी निवासी हरिनारायण सैनी ने बताया कि मेरे बेटे धनपाल के घुटनों में दर्द की शिकायत थी। इससे वह बेहद परेशान था। कई जगह इलाज लेने पर भी फायदा नहीं मिला तो मंदिर में रहने वाले बाबा दयादास उर्फ डॉ डेथ को दिखाया। उसने पूरी बीमारी जड़ के खत्म करने का दावा किया। उसने कहा- मैं बहुत कठोर इलाज करता हूं। फीस 11 हजार रुपए लगेगी। 5 दिन तक एडमिट रखा, इलाज के नाम पर 2 लाख लिए हरिनारायण ने बताया- बेटे को ठीक कराने के लिए 11 हजार रुपए दे दिए। महीने भर बाद भी दवाइयों से कोई रिलीफ नहीं मिला। बेटे को फिर से मंदिर ले जाकर दिखाया। जहां मंदिर के परिक्रमा मार्ग में 5 दिन तक एडमिट रखते हुए इंजेक्शन-ड्रिप लगाए गए। इसके बाद जैसे ही ढोंगी बाबा ने दवा बदली तो बेटा बेहोशी की हालत में चला गया। इसके 10 दिन बाद मौत हो गई। मुझसे इलाज के नाम करीब 2 लाख ले लिए। इसके बावजूद बेटे की जान नहीं बची इसी प्रकार भांवता गांव के जौहरी लाल मीणा को भी बाबा ने गलत इलाज दिया। इससे उसकी मौत हो गई थी। ऐसे कई मामले हुए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिलिकोसिस से पीड़ित मरीज निशाने पर गांव के ही रहने वाले सतीश ने दयादास किसी भी बीमारी का पुख्ता इलाज का दावा करता था। इसके इलाज से कई लोगों की मौत हो चुकी थी। मंदिर के ही परिक्रमा मार्ग में बने हॉल में इलाज के लिए मरीजों को भर्ती करता था। इस इलाके में सिलिकोसिस से काफी लोग बीमार हैं। वो ही मरीज उसके निशाने पर रहते थे। बाबा दयादास तो स्थानीय नेताओं के साथ मंच साझा करता था। ऐसे में इसकी गहन जांच होनी चाहिए। मंदिर से बाहर नहीं निकलता था स्थानीय निवासी अनिल योगी ने बताया कि डॉ डेथ की गिरफ्तारी के बाद से गांव में भय का माहौल है। युवक ने आरोप लगाए कि डॉक्टर डेथ की गिरफ्तारी के बाद मंदिर से सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर गायब हो गई है। कुछ और सामान भी मंदिर से गायब है। अंदेशा है कि गांव में डॉक्टर डेथ का गिरोह बना हुआ है। वह इलाज करने के अलावा चंदा उगाही जैसे काम भी करता था। हालांकि, बाबा दयादास कभी मंदिर से बाहर नहीं निकलता था। ......... 100 लोगों की हत्या करने वाले डॉ. से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 100 हत्या करने वाले डॉ.डेथ का क्या था नया प्लान?:मुंबई में रहने वाली पत्नी के भी कांटैक्ट में था, पुलिसवालों ने पहले प्रवचन सुना, फिर पकड़ा 100 लोगों की हत्या करने वाला डॉ. डेथ उर्फ देवेंद्र शर्मा राजस्थान में 2 साल तक बाबा बनकर रहा। मंगलवार (20 मई) को जब उसे बांदीकुई (दौसा) में स्थित एक आश्रम से पकड़ा तो भी वो प्रवचन दे रहा था। (पढ़ें पूरी खबर)