प्रतापगढ़ ‘ड्रग्स कॉरिडोर : इंदौर में बड़ी कार्रवाई, कोटड़ी गांव के 1 तस्कर को क्राइम ब्रांच ने दबोचा

प्रतापगढ़ ‘ड्रग्स कॉरिडोर : इंदौर में बड़ी कार्रवाई, कोटड़ी गांव के 1 तस्कर को क्राइम ब्रांच ने दबोचा
भास्कर न्यूज | प्रतापगढ़ राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला अपनी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी जनजीवन के लिए पहचाना जाता है, लेकिन हाल के सालों में इस शांत जनपद का नाम बार-बार ड्रग्स तस्करी के मामलों में सामने आ रहा है। कभी अफीम खेती तो अब सिंथेटिक ड्रग्स जैसे एमडी की तस्करी प्रतापगढ़ अब तस्करों के लिए सुरक्षित ज़मीन और सुविधाजनक सप्लाई रूट बनता जा रहा है। हालिया मामला इसी काली सच्चाई को उजागर करता है, जब इंदौर में पकड़े गए दो तस्कर प्रतापगढ़ के कोटड़ी गांव के निकले। जिले के अरनोद और कोटड़ी थाना क्षेत्र के देवल्दी, नौगांवा गांव लम्बे समय से ड्रग्स की सप्लाई के लिए जाने जाते रहे है लेकिन अब कोटड़ी क्षेत्र एक नया सेंटर बनता जा रहा है। क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम ने एडीसीपी राजेश दंडोतिया के नेतृत्व में रेलवे ब्रिज के पास एमडी ड्रग्स के दो तस्करों को गिरफ्तार किया। आरोपी नसीब खान और साहिल मंसूरी, प्रतापगढ़ के कोटड़ी गांव के निवासी हैं और उनके पास से 255 ग्राम एमडी (करीब ढाई करोड़ रुपए कीमत) की बरामदगी हुई। पुलिस के अनुसार, दोनों इंदौर और आसपास के जिलों में एमडी की आपूर्ति करने आए थे। पुलिस ने आरोपियों से एक मोटरसाइकिल और दो आईफोन भी जब्त किए हैं, जो इस अवैध धंधे में इस्तेमाल हो रहे थे। गिरफ्तारी के दौरान दोनों आरोपियों ने भागने की कोशिश की लेकिन बाइक से गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए। ख़ास बात यह है की प्रतापगढ़ के देवल्दी से ही भोपाल में करोड़ का ड्रग्स का कारोबार यहां के युवक द्वारा चलाया जा रहा था। प्रतापगढ़ का काला कनेक्शन और प्रशासनिक चुनौती : यह कोई पहली बार नहीं है जब प्रतापगढ़ जिले का नाम मादक पदार्थों की तस्करी में सामने आया हो। इससे पहले भी मंदसौर, नीमच और प्रतापगढ़ के त्रिकोणीय सीमावर्ती इलाके में ड्रग्स रैकेट की सक्रियता के कई मामले उजागर हो चुके हैं। कोटड़ी, देवल्दी, रठांजना, हथुनिया थाना क्षेत्रों में प्रशासनिक कमजोरियों और रोजगार की कमी ने युवाओं को तस्करी की ओर धकेला है। इन थानों में क्षेत्रों में लगातार एनडीपीएस एक्ट से जुड़ी कार्रवाई होती रहती है लेकिन इसके बाद भी दो राज्यों की सीमा से लगे इन थानों में तस्करी का कारोबार बदस्तूर जारी है। पुलिस पूछताछ में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वह यह थी कि कोटड़ी गांव में मादक पदार्थों की तस्करी केवल कुछ व्यक्तियों का काम नहीं, बल्कि एक सामाजिक नेटवर्क की तरह संचालित हो रही है। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में कई लोग तस्करी से जुड़े हुए है। पहले भी क्षेत्र के गांवों में एमपी और राजस्थान की पुलिस की कई टीम दबिश दे चुकी है। लेकिन अब इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम, प्रतापगढ़ पुलिस की मदद से, कोटड़ी गांव में बड़ी दबिश की तैयारी कर रही है। इससे न केवल और आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना है, बल्कि यह केस राजस्थान-मध्यप्रदेश के सीमावर्ती तस्करी रूट्स का भी खुलासा कर सकता है।