थप्पड़कांड में नरेश मीणा को हाईकोर्ट से मिली जमानत:विधानसभा उपचुनाव के दौरान SDM को मारा था थप्पड़, फिलहाल जेल में ही रहेंगे

विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा को हाईकोर्ट से शुक्रवार को जमानत मिल गई है। जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर करते हुए जमानत दे दी है। नरेश मीणा की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा, लाखन सिंह मीणा,फतेहराम मीणा ने कहा कि यह अचानक हुआ घटनाक्रम था, लेकिन पुलिस ने जानलेवा हमले का मामला बनाया है, जो यहां नहीं बनता है। नरेश के खिलाफ जो 26 मामले दर्ज थे। उसमें से 5 में वह बरी हो चुका हैं। कुछ मामले राज्य सरकार की ओर से वापस ले लिए गए हैं। अब उस पर केवल 12 मामले दर्ज हैं। नरेश मीणा की पैरवी कर रहे हाईकोर्ट के एडवोकेट डॉ. महेश चंद शर्मा, एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने बताया कि SDM को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा को जमानत मिल गई है।
इसी के साथ अब केस नंबर 167 (आगजनी, उपद्रव, हिंसा के मामले) में जमानत होना बाकी है। उसकी जमानत याचिका कोर्ट नंबर 19 में लगी हुई है। अब इस केस में भी जमानत हो जाती है तो उसके बाद नरेश मीना करीब साढ़े 6 माह बाद जेल से बाहर आएगा।
उधर केस नंबर 166/2024 में जमानत मिलने के बाद नरेश मीणा के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। विधानसभा उपचुनाव में हुआ था हंगामा
दरअसल, नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। कई गाड़ियों में लगा दी थी आग
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस जाकर धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया था। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी नरेश मीणा को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर ले गए थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। ग्रामीणों पर भी पथराव का आरोप लगाया था। घटना के दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। समरावता हिंसा मामले में जमानत याचिका हो चुकी खारिज
थप्पड़कांड और इसके बाद हुई हिंसा से जुड़े कई मामले नरेश मीणा पर दर्ज हैं। थप्पड़कांड के बाद टोंक के समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीणा की जमानत याचिका 12 फरवरी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि मामले में चालान पेश हो जाने से अभियुक्त जमानत का लाभ दिए जाने का अधिकारी नहीं बनता है।
कोर्ट ने कहा था कि इस प्रकार के अपराधियों को जमानत के लाभ से वंचित किया जाना ही सही है। आरोपी ने चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया। यह भी तथ्य स्पष्ट है कि अगर आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने समर्थकों को एकत्रित नहीं करता और उन्हें नहीं उकसाता तो हिंसा नहीं होती।