डॉक्टर बताकर डायग्नोस्टिक सेन्टर संचालक ने लगाया इंजेक्शन, VIDEO:युवक के पिता बोले- फ्रैक्चर हुआ था, इलाज में लापरवाही से अब पैर कटने की नौबत

मेडिकल स्टोर, डिजिटल एक्स-रे व डायग्नोस्टिक सेन्टर के संचालकों ने खुद को डॉक्टर बताया और बेटे के पैर फ्रेक्चर का गलत व लापरवाही तरीके से इंजेक्शन लगाकर इलाज कर जीवन खतरे में डाल दिया। अब नौबत पैर काटने की आ गई है। यह कहना है अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे के नेडलिया निवासी जयसिंह रावत का। जयसिंह ने एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दी। पुलिस ने इस मामले में जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है। वहीं आरोपी संचालक ने पिता के आरोपों को निराधार बताया और केवल जांच करने की बात कही और इलाज से इनकार किया है। एसपी ऑफिस में दी शिकायत
पिता जयसिंह रावत ने बताया- 7 मई को बेटा प्रकाश रावत (17) केटरिंग का काम करके लगभग शाम 7 बजे अपने दोस्त अजीत सिंह की बाइक से घर मोतीसर आ रहा था। अजीत बाइक चला रहा था और प्रकाश पीछे बैठा हुआ था। इसी दौरान होकरा व कानस गांव की बीच दूसरी बाइक से उनकी टक्कर हो गई। हादसे में प्रकाश का पैर फ्रैक्चर हो गया और उसे राजकीय अस्पताल अजमेर लाया गया। प्रकाश के पैर का एक्सरे करवा कर लाने के लिए बोला। इसके लिए राजकीय अस्पताल पुष्कर के सामने जेएमडी मेडिकल स्टोर व डिजिटल एक्सरे डायग्नोस्टिक सेन्टर गए। वहां विजय सिंह रावत व राजेन्द्र सिंह ने एक्सरे करने के बाद घुटने में फ्रैक्चर बताया। कहा कि छोटा सा फ्रैक्चर है और वह भी डॉक्टर है। चारभुजा अस्पताल अजमेर में काम करने की बात भी बताई। अजमेर जाने के लिए बोला, लेकिन उनका कहना था कि वह विश्वास रखें, एक सप्ताह में प्रकाश बिल्कुल ठीक हो जाएगा। पिता बोले- बेटे का गलत और लापरवाही पूर्वक इलाज किया
जयसिंह ने बताया कि- इसके बाद प्रकाश के घुटने में इंजेक्शन लगाया। जिसका वीडियो उनके पास है। पैर पर ब्लू कलर का पट्टा कर दिया और एक सप्ताह बाद वापस दिखाने के लिए कहा। विजय सिंह रावत व राजेन्द्र सिंह रावत अपने आप को डॉक्टर बताते हुए गलत व लापरवाही पूर्वक इलाज किया। इस कारण से प्रकाश के पैर में दर्द होने लगा और घर पहुंचे तो बहुत दर्द था। 9 मई को वापस उसके पास गए। तब उसने पट्टा काटने पर देखा कि पूरा पैर लाल, काला पड़ गया तथा पैर पर फफोले पड़ गए। उसके बाद वैशालीनगर अजमेर के डॉक्टर के पास पहुंचे। वहां जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए कहा। वहां भर्ती करवाया। तब वहां भी घुटने में फ्रैक्चर बताया और पैर की नसें ब्लॉक होने तथा इसके कारण खून का संचारण बन्द होने के साथ इन्फेक्शन फैलने का पता चला। अब पैर काटने तक की नौबत आ गई है। यह सब विजय सिंह व राजेन्द्र की गलती व लापरवाही के कारण हुआ। इसके लिए पुष्कर थाने में भी रिपोर्ट दी गई है। कोई इलाज नहीं किया, आरोप निराधार
इस संबंध में बात करने पर जेएमडी मेडिकल स्टोर, डिजिटल एक्स-रे व डायग्नोस्टिक सेन्टर के संचालक विजयसिंह रावत का कहना रहा कि जांच कराने के लिए आया था और जांच की। दर्द होने के कारण प्राथमिक उपचार कर स्पॉट बांधा था। कोई इलाज नहीं किया और आरोप निराधार है। वहीं, इस मामले में सीओ ग्रामीण रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।