टॉप-10 कंपनियों में 6 की वैल्यू ₹1.62 लाख करोड़ बढ़ी:एयरटेल-HDFC टॉप गेनर, बजाज फाइनेंस की वैल्यू घटी; जानें मार्केट-कैप के घटने-बढ़ने के मायने

टॉप-10 कंपनियों में 6 की वैल्यू ₹1.62 लाख करोड़ बढ़ी:एयरटेल-HDFC टॉप गेनर, बजाज फाइनेंस की वैल्यू घटी; जानें मार्केट-कैप के घटने-बढ़ने के मायने
मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 1.62 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल टॉप गेनर रही। एयरटेल का मार्केट कैपिटलाइजेशन 54,056 करोड़ रुपए बढ़कर 11.04 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। इस दौरान देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मार्केट कैप ₹50,070 करोड़ बढ़कर ₹19.82 लाख करोड़ हो गया है। बजाज फाइनेंस की वैल्यू ₹17,876 करोड़ घटी शेयरों की बिक्री के मामले में तीसरे नंबर पर HDFC बैंक रहा। इस दौरान कंपनी ने ₹38,504 करोड़ के शेयर्स बेचे, अब कंपनी का मार्केट कैप ₹15.07 लाख करोड़ हो गया है। वहीं, बजाज फाइनेंस टॉप लूजर रही। कंपनी की वैल्यू 17,876 करोड़ रुपए कम होकर 5.62 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसके अलावा TCS की वैल्यू ₹4,613 करोड़ कम होकर ₹12.43 लाख करोड़, हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैल्यू ₹3,336 करोड़ कम होकर ₹5.42 लाख करोड़ और लाइफ इंश्योरेंश कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी LIC की वैल्यू ₹1,107 करोड़ कम होकर ₹5.92 लाख करोड़ पर आ गई है। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है। इसे एक उदाहरण से समझें... मान लीजिए... कंपनी 'A' के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी। कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं... 1. मार्केट कैप के बढ़ने का क्या मतलब है? 2. मार्केट कैप के घटने का क्या मतलब है? 3. मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है? कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं। उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है। 4. मार्केट कैप कैसे काम आता है? शुक्रवार को बाजार में रही थी तेजी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार, 20 मई को सेंसेक्स 1046 अंक चढ़कर 82,408 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 319 अंक की तेजी रही, ये 25,112 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 में तेजी और 3 में गिरावट रही। एयरटेल, नेस्ले , MM के शेयरों में 3.2% तक की तेजी रही। मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और एक्सिस बैंक में गिरावट रही। निफ्टी के 50 में से 44 शेयर्स चढ़कर बंद हुए। NSE के रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.11% की तेजी रही। हेल्थकेयर, बैंकिंग, IT, मेटल, मीडिया, फार्मा इंडेक्स 1.6% तक चढ़ा।