एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेज का IPO 24 जून को ओपन होगा:26 जून तक कर सकते हैं निवेश, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,800; मेडिकल गैस बनाती है कंपनी

एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेज का IPO 24 जून को ओपन होगा:26 जून तक कर सकते हैं निवेश, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,800; मेडिकल गैस बनाती है कंपनी
एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेज का IPO 24 जून को ओपन हो रहा है। निवेशक इस इश्यू के लिए 26 जून तक बिडिंग कर सकेंगे। 1 जुलाई को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल ₹852.53 करोड़ जुटाना चाहती है। कंपनी इश्यू में 452.53 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर्स जारी करेगी। इसके साथ ही कंपनी के मौजूदा निवेशक या प्रमोटर ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 400 करोड़ रुपए के शेयर बेचेंगे। अगर आप भी इस IPO में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं... मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? एलेनबैरी इंडस्ट्रियल ने IPO का प्राइस बैंड ₹380-₹400 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 37 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹400 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,800 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 481 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,92,400 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ₹210 करोड़ का कर्ज चुकाने और कैपिटल एक्सपेंडिचर, जनरल कॉरपोरेट पर्पस के लिए करेगी। मेडिकल और स्पेशलिटी गैस बनाती है कंपनी एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेज इंडस्ट्रियल, मेडिकल और स्पेशलिटी गैस बनाती और सप्लाई करती है। कंपनी ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हीलियम, आर्गन, LPG, मेडिकल डिवाइसेज और प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग सर्विसेज भी देती है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।