जोधपुर में बढ़े अतिक्रमण, अफसरों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल:जेडीए समेत 3 विभागों ने नहीं की कार्रवाई, डिस्कॉम ने भी जारी किए कनेक्शन

जोधपुर के उम्मेद सागर बांध क्षेत्र में सोमवार को अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम पर हुए हिंसक हमले ने विभागीय लापरवाही और मिलीभगत को उजागर कर दिया है। पूरे घटनाक्रम ने जलदाय विभाग (PHED), नगर निगम, जोधपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए है। बता दें कि सोमवार सुबह नगर निगम, पुलिस और जलदाय विभाग की संयुक्त टीम उम्मेद सागर बांध के भराव क्षेत्र के दायरे में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें 12 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए। घटना में दो के सिर में गंभीर चोटें आईं। दस्ते की जेसीबी मशीनों में तोड़फोड़ की गई और गाड़ियों के टायरों में चाकू से छेद कर हवा निकाली गई। इस बीच भागकर पुलिस और निगम की टीम ने अपनी जान बचाईं। हालात बदतर हुए तो भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग तक की। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। भीड़ में महिलाओं की भी बड़ी संख्या थी, जिन्हें आगे कर उपद्रवियों ने पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की। हमले में मीडियाकर्मी भी घायल हुए। साथ ही मोबाइल छीनने और मारपीट की घटना भी सामने आई है। इन विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल 1. जलदाय विभाग (PHED): जानकारी के अनुसार, उम्मेद सागर बांध की 742.14 बीघा जमीन PHED के नाम है, लेकिन विभाग ने अवैध कब्जे हटाने में लगातार टालमटोल और बहानेबाजी की। 2024 के सर्वे में 313 अतिक्रमण चिह्नित हुए। इनमें 253 नामजद और 78 अज्ञात थे। 2 माह में अतिक्रमण हटाने का विधानसभा में दावा किया गया, लेकिन कार्रवाई आज तक अधूरी है। PHED के अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते बांध क्षेत्र में न सिर्फ कच्ची बस्तियां, बल्कि पक्के मकान, दुकानें, रेस्टोरेंट और व्यावसायिक गतिविधियां तक शुरू हो गईं। 2. नगर निगम और JDA: नगर निगम और JDA ने अतिक्रमण की शिकायतों के बावजूद नोटिस तो दिए, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की। कई बार अभियान चलाए, लेकिन पुख्ता कार्रवाई नहीं की। एक साल पहले 92 अवैध निर्माण चिह्नित किए, लेकिन सिर्फ 43 हटाए। शेष को कोर्ट स्टे या अगली बार पुलिस सहयोग मिलने का बहाना बनाकर छोड़ दिया गया। JDA की जमीन पर सैकड़ों बीघा पर व्यावसायिक अतिक्रमण वर्षों से संचालित हो रहे हैं, लेकिन विभाग ने इन्हें रोकने के बजाय कार्रवाई नहीं की। 3. जोधपुर डिस्कॉम (बिजली विभाग): डिस्कॉम ने अतिक्रमणकारियों को लगातार बिजली कनेक्शन देकर अवैध निर्माणों को परोक्ष रूप से वैधता दी। बिना मालिकाना हक और वैध दस्तावेजों के कनेक्शन जारी किए गए। महापौर के अनुसार, अब जाकर अवैध कनेक्शन काटने की कार्रवाई हो रही हैं, जबकि वर्षों से निगम, जेडीए और डिस्कॉम की मिलीभगत से अतिक्रमण हो रहा था। विधायक ने सीएम को पत्र लिखा, फिर शुरू हुई कार्रवाई
सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद यह संयुक्त अभियान शुरू हुआ। पुलिस उपायुक्त राजर्षि राज वर्मा ने कहा कि बांध क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा और हिंसा में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। दोपहर तक तकरीबन 60-70 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही पुलिस पर पथराव, उपद्रव, तोड़फोड़ करने वालों की तलाश लगातार जारी है। भूमाफियाओं ने कब्जे बेच करोड़ों कमाए
उम्मेद सागर बांध क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण बढ़ते जा रहे थे। सोमवार को कार्रवाई के दौरान अनगिनत कच्चे व पक्के घरों पर बुलडोजर चला, तब रोते-बिलखते इन परिवारों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने तो यहां कब्जे खरीदे थे। इनमें कई लोगों ने तो 70 हजार से लेकर 4 लाख रुपए तक दिए थे। इनमें अधिकांश ने तो एक-दो लोगों से ही ये कब्जे खरीदना बताया। पीड़ितों की शिकायत पर दर्ज हो एफआईआर
क्षेत्र में सक्रिय भूमाफिया ने जमकर अतिक्रमण करके कब्जे बेचकर लाखों ही नहीं करोड़ों रुपए बटोर लिए, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हुई। जबकि पुलिस की ओर से पीड़ितों की शिकायत के आधार पर भूमाफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
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जोधपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस-निगम टीम पर पथराव:जान बचाकर भागे, 12 से ज्यादा कर्मचारी घायल; महिलाओं की पुलिस से झड़प जोधपुर में सोमवार को अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। इसमें 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए। दो के सिर में गंभीर चोटें आईं। लोगों ने 4 JCB और एक कार में तोड़फोड़ की। पूरी खबर पढ़िए