जांच में लापरवाही से मौत का खुलासा:प्रसूता व नवजात की मौत के साढ़े 3 माह बाद डॉक्टर सहित 2 के खिलाफ लापरवाही का केस

जांच में लापरवाही से मौत का खुलासा:प्रसूता व नवजात की मौत के साढ़े 3 माह बाद डॉक्टर सहित 2 के खिलाफ लापरवाही का केस
धोरीमन्ना उप जिला अस्पताल में 22 फरवरी को एक प्रसूता और नवजात की मौत के मामले में अब एक डॉक्टर सहित नर्सिंगकर्मी के खिलाफ लापरवाही बरतने से मौत का मामला दर्ज हुआ है।मेडिकल बोर्ड की जांच में प्रसव के दौरान डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही सामने आई है। परिजनों की ओर से बार-बार गुहार करने के बावजूद भी प्रसूता का समय पर इलाज नहीं करने और फिर नर्सिंगकर्मियों की ओर से लापरवाही बरतते हुए प्रसव करवाने, अत्यधिक दबाव देने के कारण पहले नवजात की मौत हुई और फिर धोरीमन्ना से बाड़मेर रेफर करने के दौरान प्रसूता ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद परिजनों के विरोध पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल. मूसरिया ने तीन डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड गठित किया था। मेडिकल बोर्ड की ओर से 3 मई को रिपोर्ट दी गई। इसके बाद अब धोरीमन्ना पुलिस थाने में डॉ. अशोक गोदारा व नर्सिंग स्टाफ वीरेंद्र सियोल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। महिला के पति बामरला निवासी पारसराम पुत्र मोहनराम ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी पत्नी पवनी को प्रसव पीड़ा होने पर 22 फरवरी की शाम 5 बजे धोरीमन्ना उप जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों की जांच के बाद उसे भर्ती किया गया। डॉक्टरों की ओर से नॉर्मल डिलेवरी का बताया गया। तकलीफ ज्यादा होने के बावजूद भी बार-बार डॉक्टरों को सूचना दी फिर भी लापरवाही बरती और समय पर प्रसूता को नहीं देखा। लेबर रूम में अल सुबह 4 बजे पवनी के प्रसव पीड़ा से असहनीय दर्द होने लगा। चिल्लाने की आवाज सुनने पर दो महिला परिजन लेबर रूम में गई। लेबर रूम में महिला नर्स नहीं थी। दो मेल नर्स स्टाफ की ओर से प्रसूता के प्रसव दर्द के होने पर पेट पर भार देकर प्रसव करवाया गया। इस दौरान नवजात की मौत हो गई और पवनी के बहोशे हो गई और ज्यादा खून बहने लगा। इसके बाद लापरवाही बरतने वाले नर्सिंगकर्मियों और डॉक्टर ने आनन-फानन में महिला को बाड़मेर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। नवजात शिशु को मांगने पर नहीं दिया गया। इस बीच पवनी की भी मौत हो गई। मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पवनी के प्रसव के दौरान गंभीर होने पर डॉक्टरों की ओर से समय पर निदान नहीं किया गया। इमरजेंसी उपाय नहीं किए। ओटी, सोनोग्राफी, ब्लड बैंक की सुविधा नहीं होने पर अस्पताल में मानकों को पालन नहीं हुआ। प्रसव निगरानी की खराब प्रगति, ऑक्सीटॉसिन के तर्कहीन उपयोग और प्रसूता के पेट पर अधिक दबाव सहित लापरवाही बरती गई। इससे प्रसूता और नवजात दोनों की की मौत हुई। धोरीमन्ना पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 106(1) में मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।