जयपुर के पॉश अपार्टमेंट में मिली थी मां–बेटे की लाश:सिर कुचलकर हत्या, इंडियन ऑयल के मैनेजर से मांगी 30 लाख की फिरौती, पार्ट-1

7 जनवरी 2020, जयपुर का प्रतापनगर सेक्टर-26 के यूनिक टावर अपार्टमेंट के आई ब्लॉक के फ्लैट नंबर 103 में आईओसीएल (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ) के मैनेजर रोहित तिवारी रहते थे। परिवार में पत्नी और 21 महीने का बच्चा श्रेयम था। घर में छोटे बच्चे के कारण हमेशा रौनक बनी रहती थी, लेकिन उस दिन अजीब सा सन्नाटा पसरा था। रोजाना की तरह शाम को घरेलू नौकरानी रोहित के घर पहुंची। घर का गेट पहले से ही खुला था। वो जब फ्लैट में दाखिल हुई तो उसकी चीख निकल गई। कमरे में बेड पर रोहित की पत्नी श्वेता की खून से लथपथ लाश पड़ी थी। श्वेता के सिर व चेहरे पर बेरहमी से हुए कई वार घरेलू नौकरानी की सूचना पर पड़ोसी और प्रतापनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। श्वेता की डेड बॉडी कमरे में पड़ी थी। उसके सिर व चेहरे से खून बह रहा था। डेड बॉडी की कंडीशन देखकर समझ आ गया था कि श्वेता के सिर पर किसी भारी चीज से वार किया गया। इसके बाद चाकू से गला काटा गया। पुलिस ने तुरंत एफएसएल टीम व आला अधिकारियों को घटना की सूचना दी। पुलिस जांच में पता चला कि श्वेता का मोबाइल फोन गायब था। घर का सारा सामान अपनी जगह पर व्यवस्थित था। ऐसे में इस वारदात के पीछे की वजह लूटपाट नहीं लग रही थी। श्वेता के साथ भी किसी तरह की बदसलूकी होने के सबूत नहीं मिले। इधर, वारदात से अनजान श्वेता का पति रोहित अपने ऑफिस में था। उसके पड़ोसी अजय ने कॉल कर जल्दी घर आने को कहा। जब रोहित कार से घर पहुंचा तो फ्लैट के बाहर भीड़ जमा थी। पुलिस फोर्स, डॉग स्क्वायड और मीडियाकर्मी की भीड़ देखकर उसे अनहोनी की आशंका सताने लगी। 21 महीने के बेटे का अपहरण फ्लैट के अंदर दाखिल हुआ तो पत्नी की लाश देखकर रोहित टूट गया। पड़ोसियों ने उसे किसी तरह संभाला। रोहित ऑफिस जाते समय पत्नी व बेटे को हंसते–खेलते छोड़कर गया। जब वह लौटा तो घर क्राइम सीन बन चुका था। उसकी पत्नी की हत्या हो गई और 21 महीने का बेटा लापता था। रोहित ने किसी तरह खुद को संभाला और बेटे को तलाशते हुए उसके बारे में पूछा। घर में कपड़ों पर मिले ब्लड स्पॉट किसी अनहोनी की ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस ने फ्लैट व अपार्टमेंट की तलाशी ली। पड़ोसियों व अपार्टमेंट में रह रहे लोगों से पूछताछ की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। अपार्टमेंट में कुछ ही जगह सीसीटीवी लगे थे। इनमें से अधिकांश सीसीटीवी खराब मिले। इतनी बड़ी सोसायटी में आने–जाने वालों की जानकारी रखने का भी खास सिस्टम नहीं था। बेटे को छोड़ने के लिए मांगी 30 लाख की फिरौती घटना के करीब 2 घंटे बाद शाम 7:30 बजे रोहित के मोबाइल पर एक मैसेज आया कि अगर अपने बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 30 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। इसके बाद से लगातार मैसेज आए। अगले दिन रोहित ने मैसेज करने वाले व्यक्ति को वीडियो कॉल पर बेटे को दिखाने की बात कही। इस पर अपहरणकर्ता ने कहा कि उसके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है। इसके बारे में रोहित ने पुलिस को बताया। फिरौती के मैसेज रोहित की पत्नी श्वेता तिवारी के मोबाइल से किए गए थे। पुलिस को समझ आ गया कि रोहित के बेटे श्रेयम को किडनैप किया गया है। पुलिस ने मोबाइल को सर्विलांस पर लेने के निर्देश दिए और जांच में जुट गई। शादी के 7 साल बाद जीवन में आई खुशी इस घटना से रोहित तिवारी बदहवास हो गया। वह अपने बेटे को लेकर चिंतिंत था। पूछताछ के दौरान रोहित ने बताया कि 24 जनवरी 2011 में श्वेता से उसकी शादी हुई। पेशे से केमिकल इंजीनियर रोहित आईओसीएल में मैनेजर था और उसकी ड्यूटी एयरपोर्ट पर थी। उसने बताया कि वे करीब दो साल पहले जयपुर ट्रांसफर होने पर यहां शिफ्ट हुए। शादी के 7 साल बाद काफी मिन्नतों के बाद उनके घर बेटे श्रेयम का जन्म हुआ। श्रेयम आईवीएफ से हुआ। उसके आने के बाद से घर में खुशियों का माहौल था। श्वेता को तो मानो एक नई जिंदगी मिल गई। लेकिन हंसते–खेलते परिवार को शायद किसी की नजर लग गई। रोहित ने श्वेता के भाई शुभम को फोन कर वारदात के बारे में बताया। इसके बाद पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। मर्डर व किडनैपिंग का केस दर्ज रोहित तिवारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रतापनगर पुलिस थाने में हत्या व अपहरण का केस दर्ज किया। उधर, श्वेता तिवारी के परिजन कानपुर से जयपुर के लिए रवाना हो गए। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की। श्वेता के मोबाइल नंबर से लगातार फिरौती के मैसेज आ रहे थे। बदमाश रुपए नहीं देने पर श्रेयम का मर्डर करने की धमकी दे रहा था। आखिरकार रोहित ने पुलिस को बताया कि वह फिरौती देने को तैयार है। उसे अपना बेटा सकुशल चाहिए। पुलिस ने श्वेता के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर ले रखा था। श्वेता की अंतिम बात उसके पति रोहित से हुई। इसी नंबर से फिरौती के मैसेज आ रहे थे। मोबाइल की लोकेशन बार–बार शहर के अलग–अलग हिस्सों से आ रही थी। बच्चे की हत्या, कपड़े में लिपटा मिला शव पुलिस अधिकारी अपहरणकर्ता से बच्चे को सकुशल छुड़ाने के प्रयास में जुटे थे। सबूत जुटाने और आरोपी के बारे में जानकारी लेने के लिए तकनीकी मदद भी ली जा रही थी। वारदात के दूसरे दिन 8 जनवरी (बुधवार) को पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के निर्देश पर तत्कालीन आदर्श नगर एसीपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ भी अपनी टीम के साथ प्रतापनगर पहुंचे। वे अपनी टीम के साथ सर्च अभियान में जुट गए। उन्हें श्रेयम का शव शाम साढ़े पांच बजे अपार्टमेंट के पीछे दीवार के पास खाली जगह पर मिला। मासूम श्रेयम की हत्या उसके सिर पर हथियार से वार कर की गई। जांच टीम में शामिल तत्कालीन मालपुरा गेट थाने की एसआई गुजंन सोनी ने बताया कि बच्चे की बॉडी मिलने के बाद भी अपहरणकर्ता फिरौती के मैसेज भेज रहा था। वो इससे अनजान था कि पुलिस को श्रेयम की डेड बॉडी मिल चुकी है। डबल मर्डर केस में जुटे 150 पुलिसकर्मी जयपुर कमिश्नरेट में हुए इस डबल मर्डर केस की जांच के लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने 8 इंस्पेक्टर व सब–इंस्पेक्टर की टीम बनाई। करीब 150 पुलिसकर्मी लगाए गए। जांच में सामने आया कि श्वेता की हत्या मूसली से सिर पर वार करने और गला काट कर की गई। पुलिस को खून से सना चाकू व मूसली मिली। घटनास्थल पर संघर्ष के सबूत नहीं मिले। ऐसे में पुलिस को वारदात में किसी परिचित के शामिल होने की आशंका थी। पुलिस ने सीआईएसएफ से एयरपोर्ट के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज लिए। फुटेज में रोहित रोजाना की तरह सुबह ऑफिस पहुंचते व शाम 5:40 पर ऑफिस से दौड़कर घर जाते नजर आए। हालांकि एयरपोर्ट परिसर में जहां आईओसीएल का ऑफिस है, वहां लगे सीसीटीवी कैमरें बिल्डिंग में चल रहे निर्माण के कारण बंद थे। आखिर किसने किया मां–बेटे का कत्ल? वारदात के बाद हर शख्स यही जानना चाहता था कि आखिर ये हत्याएं किसने की? पुलिस के सामने भी सबसे बड़ा सवाल यही था कि न लूट और न ही महिला के साथ बदसलूकी तो फिर डबल मर्डर किसने और क्यों किया ? मां का शव 7 जनवरी को घर पर मिला। बेटे का शव अगले दिन यानी 8 जनवरी को दोपहर साढ़े तीन बजे सोसायटी के बाहर मिला। इसके बाद भी रोहित के मोबाइल पर फिरौती के मैसेज आ रहे थे। डबल मर्डर की ये गुत्थी उलझी हुई नजर आ रही थी।
कल पार्ट-2 में पढ़िए पुलिस ने कैसे सुलझाई ये गुत्थी…