जंग में हर दिन ₹6000 करोड़ खर्च कर रहा इजराइल:ईरान से जंग की वजह से GDP ग्रोथ रेट का अनुमान गिरकर 3.6% हुआ

ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष सिर्फ सैन्य नहीं, अब आर्थिक संकट में भी बदलता जा रहा है। पूर्व इजराइली रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल रीम एमीनाक के मुताबिक, इजराइल का रोजाना युद्ध लड़ने में 725 मिलियन डॉलर (करीब ₹6,000 करोड़) खर्च हो रहा है। इसमें केवल मिसाइल, जेट ईंधन, बमबारी और सैनिक तैनाती जैसे सीधे खर्च शामिल हैं। पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान और प्रोडक्टिविटी में गिरावट को भी जोड़ा जाए, तो असल खर्च इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। इजराइली वित्त मंत्रालय ने 2025 में GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया है। वहीं, 2025 में पहले से तय बजट घाटे की सीमा 4.9% से बढ़ सकती है। पहले 2 दिन में ही ₹12,500 करोड़ रूपए खर्च हुए 13 जून को ईरान पर अटैक के बाद पहले दो दिन में इजराइल का खर्च 1.45 अरब डॉलर (करीब ₹12,500 करोड़ रूपए) तक पहुंच गया था। इसमें से 593 मिलियन डॉलर (करीब ₹5 हजार करोड़) बमबारी और जेट ईंधन और बाकी रक्षा संचालन में गए। बजट घाटा बढ़ने और GDP गिरने का अनुमान इजराइल के वित्त मंत्रालय ने 2025 के लिए जो बजट घाटे की सीमा तय की थी, वह GDP का 4.9% यानी लगभग 27.6 अरब डॉलर थी। लेकिन यह अनुमान ईरान के साथ नया युद्ध शुरू होने से पहले का था। अब इजराइल का बजट घाटा और बढ़ सकता है। वहीं, इजराइल का रक्षा बजट पहले ही गाजा युद्ध में काफी खर्च हो चुका है। इसी वजह से वित्त मंत्रालय ने 2025 में GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया है। रक्षा बजट दोगुना होने से विकास स्वास्थ्य-शिक्षा पर असर इजराइल का रक्षा बजट 2023 के 15 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 में 31 अरब डॉलर हो गया है, जो जीडीपी का लगभग 7% (दुनिया में यूक्रेन के बाद सबसे ज्यादा) है। इससे स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र पिछड़ सकते हैं। इजराइल को अमेरिका का सहारा इस युद्ध में अब तक ईरान 400 से अधिक मिसाइलें दाग चुका है, जबकि इजराइल ने 120 लॉन्चर तबाह करने का दावा किया है। इजराइल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी अब थकने लगे हैं। अमेरिका से नए डिफेंस सिस्टम मिलने की उम्मीद की जा रही है। साथ ही इजराइल अमेरिका से मिलने वाले फंड को बढ़ाने की भी मांग कर सकता है। फायर पावर वेबसाइट के अनुसार अमेरिका हर साल इजराइल को आयरन डोम और एयरो डिफेंस सिस्टम के लिए 4500 करोड़ रुपए की मदद देता है।अमेरिका की ओर से इजराइल को हर साल सैन्य मदद के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए अलग से दिए जाते हैं। इस मदद को ‘इजराइल फंड’ कहा जाता है। कच्चे तेल के दाम 5% तक बढ़े इस युद्ध के वैश्विक असर भी दिखने लगे हैं। कच्चे तेल के दाम 5% तक बढ़ गए हैं और ब्रेंट क्रूड 74.60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। वहीं, SP 500 और एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट आई है। जल मार्गों पर खतरे से ऊर्जा आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। ईरान-इजराइल संघर्ष में पिछले 7 दिन में क्या-क्या हुआ ----------------------------- इजराइल-ईरान यु्द्ध से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ईरान का एटमी प्लांट तबाह करना आसान नहीं:जमीन से 295 फीट नीचे बनी फोर्डो लैब, केवल अमेरिकी विमान और बम से हमला मुमकिन ईरान और इजराइल के संघर्ष के बीच दुनिया की नजर ईरान के फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट पर टिक गई है। यह ईरान की एक पहाड़ी में 295 फीट, यानी लगभग 90 मीटर गहराई में मौजूद है। इसकी बनावट और रणनीतिक लोकेशन ऐसी है कि कोई भी देश इसे हवाई हमले से तबाह नही कर सकता है। फोर्डो के अड्डे तक पहुंचने के लिए पांच सुरंगों को काटकर गहराई में बंकरनुमा सुविधाएं बनाई गई हैं। पूरी खबर पढ़ें...