ऐचेंरा में कदंबखंडी धाम:भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थली, पेड़ के तने पर स्वनिर्मित स्वरूप, महाराष्ट्र के वल्लभराय ने की 1300 साल पहले साधना

ऐचेंरा में कदंबखंडी धाम:भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थली, पेड़ के तने पर स्वनिर्मित स्वरूप, महाराष्ट्र के वल्लभराय ने की 1300 साल पहले साधना
नदबई-जनूथर सड़क मार्ग स्थित गांव ऐचेंरा कदमखंडी धाम के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालु़ओं की आस्था का केन्द्र है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने यहां रासलीला की। कदंब के पेड़ों पर भगवान श्रीकृष्ण झूला झूले। उन कदम्ब की एक डाली आज भी मौजूद है। कदंब के एक पेड़ की तने पर स्वनिर्मित भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप उभरा हुआ है। कदंब के पत्ते दोनेनुमा हैं। मन्दिर महंत अरुणदास महाराज बताते हैं कि करीब 1350 वर्ष पूर्व पंढऱपुर महाराष्ट्र से वल्लभराय आचार्य घूमते हुए कदमखंडी धाम पहुंचे। जहां कदमखंडी धाम में एकांत देखते हुए वल्लभराय आचार्य ने तपस्या की। बाद में वल्लभराय आचार्य की देह त्यागने के बाद उनके शिष्यों ने कदमखंडी धाम को अपना धार्मिक स्थान नियुक्त कर लिया। कदमखंडी धाम के मन्दिर परिसर में करीब 51 संतों की समाधि होने के चलते कदमखंडी धाम को तपोभूमि भी कहा जाता। भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली के चलते ही अमावस्या व पूर्णिमा पर अलग-अलग जगह के श्रद्धालु़ओं की भीड़ जमा रहती तो श्रद्धालु भी कदमखंडी धाम की परिक्रमा कर मन्नत मांगते। मंदिर के लिए महाराजा किशन सिंह ने 250 बीघा जमीन दान में दी थी। माखन-मिश्री का मिलता था प्रसाद... कदमखंडी सेवा समिति मीडिया प्रभारी भरत देशवाल ने बताया कि कदमखंडी धाम में भगवान श्रीकृष्ण व राधा, रासलीला करने व दूसरे दिन कदंब के दोना नुमा पत्तों में माखन-मिश्री का प्रसाद मिलताा। कदम के पेड़ों पर आज भी दोनेंनुमा पत्ते आते हैं तो पीपल के तनों पर गणेश जी व श्रीकृष्ण की आकृति नजर आती है। महाराजा किशनसिंह ने कराया मन्दिर निर्माण ग्रामीण शिवदयाल सिंह के अनुसार ऐचेंरा के कदमखंडी धाम को धार्मिक धरोहर देख महाराजा किशन सिंह ने कदमखंडी धाम में मन्दिर का निर्माण कराया तथा मंदिर की सेवा के लिए करीब 250 बीघा जमीन दान की। सर्वप्रथम मन्दिर में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई। आज कदमखंडी मन्दिर में शिव परिवार, श्रीराधा-कृष्ण, गणेश जी, श्रीराम दरबार सहित अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित है। जन-जन की आस्था का केन्द्र बन रहे कदमखंडी धाम में सावन के महीने में श्रद्धालु़ओं की भारी भीड़ रहती तो श्रद्धालु भी कदमखंडी धाम की परिक्रमा करते हुए अपने परिवार व जीवन कल्याण की कामना करते नजर आते। पंचायत का लेखा-जोखा जनसंख्या : 6700 साक्षरता दर : 80% जिला मुख्यालय से दूरी : 48 किमी कनेक्टिविटी : निजी वाहन प्रमुख उत्पादन : गेहूं और सरसों