एक-दूसरे की पत्नी के मर्डर की चौंकाने वाली डील:दूसरी शादी में अड़चन न आए, इसलिए बेटे की भी हत्या, जूतों से पकड़ा गया किलर, पार्ट-2

राजस्थान क्राइम फाइल पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि 7 जनवरी 2020 को जयपुर के प्रतापनगर में दिनदहाड़े श्वेता तिवारी (30) और उसके 21 महीने के बेटे श्रेयम की हत्या हो जाती है। बेटे का शव वारदात के दूसरे दिन यूनिक टावर के पास खाली जगह पर मिला। डबल मर्डर की गुत्थी उलझती जा रही थी। पुलिस जांच और संदेह की सुई परिचितों के आस–पास ही घूम रही थी। बड़ा सवाल यही था कि ये हत्याएं किसने और क्यों कीं? सास–ससुर ने दामाद रोहित पर जताया शक
पोस्टमाॅर्टम के अगले दिन श्वेता तिवारी और उसके बेटे श्रेयम की एक साथ अर्थी उठी। दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। बेटे श्रेयम के शव को चिता पर उसकी मां की गोद में लिटाया गया। ये देख हर किसी की आंख नम हो गई। इधर, हत्यारे के पकड़े नहीं जाने से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा था। पुलिस हर नजदीकी व्यक्ति को संदेह की नजर से देख रही थी। अंतिम संस्कार के बाद जब पुलिस ने श्वेता के परिजनों से एक बार फिर पूछताछ की तो उन्होंने जो बताया वो चौंकाने वाला था। श्वेता के पिता सुरेश कुमार मिश्रा व माता माधुरी ने बताया कि उनकी बेटी शादी के बाद से खुश नहीं थी। उन्होंने बताया कि पति–पत्नी के बीच अक्सर अनबन होती थी। इन्हीं झगड़ों के कारण दोनों अक्टूबर 2012 से सितंबर 2013 तक अलग–अलग भी रहे। बुजुर्ग माता–पिता ने शक जताया कि इस वारदात के पीछे उनके दामाद का हाथ हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए परिजनों ने 2012 में श्वेता के लिखे पत्र भी पुलिस को सौंपे। बुजुर्ग दंपती के बताए कारणों के बाद पुलिस रोहित तिवारी (35) पर नजर रख रही थी, लेकिन उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं था। दामाद पर शक करने की वजह
पुलिस की जांच में सामने आया कि दोनों की शादी रोहित के परिवार वाले दिल्ली तो वहीं श्वेता के परिवार वाले कानपुर (UP) में करना चाहते थे। दोनों के सहमत नहीं होने पर बातचीत के बाद आखिरकार गाजियाबाद (UP) में शादी हुई। शादी के बाद से ही दोनों के बीच अनबन रहने लगी। इस दौरान दोनों करीब एक साल अलग–अलग भी रहे। परिजनों ने बताया कि वारदात से दो दिन पहले रोहित-श्वेता के बीच झगड़ा हुआ। रोहित ने श्वेता के साथ मारपीट की। 5 जनवरी को हुए झगड़े के बाद रोहित ने साले शुभम को मैसेज किया। मैं बहुत तनाव में हूं। मुझे होश में आने दो वरना कुछ बुरा हो जाएगा। घटना के बाद रोहित ने अपने साले शुभम मिश्रा को दूसरा मैसेज कर कहा– इस औरत का चेहरा नहीं देख सकता मैं। इसकी पुष्टि रोहित के मोबाइल के इनबॉक्स में मिले मैसेज से हुई। श्वेता अपने पति रोहित के साथ 2015 में उदयपुर आ गई। दोनों के बीच विवाद यहां भी हुए। बेटे श्रेयम का शव ही बना सबसे बड़ा सबूत
इसी बीच पुलिस को मां–बेटे की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट मिली। इसमें श्वेता व श्रेयम की मौत का समय एक ही बताया गया। इससे ये साफ हो गया कि श्रेयम के अपहरण की कहानी झूठी थी। आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने और केस की दिशा भटकाने के लिए ये कहानी बनाई थी। दूसरा, श्रेयम की डेड बॉडी मिलने के बाद भी अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था। इससे पुलिस की ये थ्योरी सही साबित हुई कि इस वारदात में एक से अधिक व्यक्ति शामिल हैं। पत्नी की डेड बॉडी देखकर बोला– आई एम सॉरी श्वेता
वारदात की सूचना के बाद ऑफिस से घर पहुंचे रोहित तिवारी का व्यवहार पुलिस अधिकारियों को भी अखर रहा था। जांच टीम के सदस्य तत्कालीन आदर्श नगर एसीपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया- रोहित शुरुआत से ही बार–बार अजीब तरह की हरकतें कर रहा था। पत्नी की हत्या होने के बाद भी वो चिंतित नहीं था। पत्नी की हत्या क्यों और किसने की, जांच में क्या पता चला? ये उसने कभी नहीं पूछा। वह केवल अपने बेटे के अपहरण को लेकर बातें करता। जो वास्तविकता कम और नाटक ज्यादा लग रहा था। इसी दौरान रोहित ने पत्नी श्वेता के शव को देखकर कहा– आई एम सॉरी श्वेता, आई एम सॉरी। ये बात जब पुलिस अधिकारियों को पता चली तो उन्हें भी असहज लगा। आखिर वो अपनी पत्नी से माफी किस बात के लिए मांग रहा था। शक की सुई रोहित पर गहराती जा रही थी। ये भी सच था कि वो 7 जनवरी को पूरे दिन ऑफिस में था। सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों के बयानों से भी ये साबित हुआ। अब बड़ा सवाल यही था कि क्या रोहित ने किसी की मदद से हत्या कराई ? पड़ोसी के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ आरोपी
पुलिस टीमें अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट एक-दूसरे से साझा करते हुए आगे की रणनीति पर काम कर रही थीं। एसीपी पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं कि जांच के दौरान यूनिक टावर के एंट्री गेट पर लगे सीसीटीवी में कोई भी व्यक्ति बच्चे को लेकर बाहर जाते कैद नहीं हुआ। इसी बीच पुलिस को रोहित के पड़ोसी के फ्लैट आई–102 पर एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ दिखा। पड़ोसी राजस्थान से बाहर गए हुए थे। ऐसे में पुलिस ने उनसे मदद मांगी और उनकी अनुमति के बाद बालकनी से खिड़की तोड़कर कैमरे की डीवीआर लेकर उसकी जांच की। इस कैमरे की दिशा फ्लैट की सीढ़ियों की ओर थी। इसमें एक व्यक्ति बच्चे को कपड़े में लपेटकर बाहर निकलता दिखाई दिया। पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगा। पुलिस ने रोहित से इस व्यक्ति के बारे में पूछा तो उसने बताया- ये उसका दोस्त सौरभ जाट उर्फ राजकुमार है। वह मूल रूप से आगरा (UP) का रहने वाला है। यहां सांगानेर इलाके में रहता है। एसीपी ने बताया कि इसी दौरान रोहित के फ्लैट की ऊपरी मंजिल पर रहने वाली एक महिला ने भी बताया कि उनके कैमरे में भी कुछ आवाज उसी समय रिकॉर्ड हुई है। ये आवाज श्रेयम के रोने व श्वेता के चीखने की थी। मोबाइल लोकेशन ने खोला राज, जूतों से हुई पहचान
पुलिस ने सौरभ जाट के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया। इससे उसके यूनिक टावर में आने की पुष्टि हुई। जांच के दौरान सौरभ व श्वेता के चोरी हुए मोबाइल की लोकेशन भी एक साथ ही आ रही थी। आरोपी ने जिन अलग–अलग जगहों से फिरौती के लिए कॉल व मैसेज किए, वहां दोनों मोबाइल एक साथ एक्टिव थे। इससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया। तत्कालीन एसआई गुंजन सोनी ने बताया कि आरोपी की पहचान सीसीटीवी में कैद उसके जूतों से हुई। जब पुलिस ने उसे सांगानेर में उसके घर से पकड़ा तो उसके घर से वही जूते बरामद हुए। एसीपी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी ने श्वेता का मोबाइल फिश एक्वेरियम में छुपा दिया था। पुलिस ने बाद में मोबाइल भी बरामद कर लिया था। सोसाइटी के पीछे जंगल में दफन करना था शव
पूछताछ में हत्या के आरोपी सौरभ ने बताया कि वह श्रेयम के शव को सोसाइटी के पीछे खाली जगह में ही दफनाना चाहता था। किसी के देख लेने की आशंका के चलते वह दिन में उसे दीवार के पास पटक कर चला गया। वह रात में दोबारा आकर श्रेयम के शव को दफनाना चाहता था, लेकिन घटना के बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया। इस कारण उसे मौका नहीं मिला और वह अपनी योजना को पूरी नहीं कर सका। इसी बीच घटना के दूसरे दिन श्रेयम का शव पुलिस को मिल गया। हत्या के लिए सात साल किया इंतजार
जांच में सामने आया कि रोहित व सौरभ एक दूसरे के परिचित थे। दाेनों अक्सर एक साथ बैठकर शराब पीते थे। इसकी पुष्टि होटल फ्लाई व्यू के वेटर ने भी की। इस दौरान रोहित ने सौरभ से उसकी पत्नी से छुटकारा दिलाने की बात कही। रोहित ने इसके लिए दस हजार रुपए एडवांस भी दिए। पुलिस ने सौरभ की सूचना पर इसमें से शेष बचे 6 हजार रुपए सौरभ के फ्लैट से बरामद किए। पुलिस के अनुसार, रोहित ने श्वेता की हत्या करने की प्लानिंग कर रखी थी। रोहित ने बताया कि उसने इसके लिए सात साल तक इंतजार किया, क्योंकि वह दहेज हत्या जैसे किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहता था। नई जिंदगी शुरू करना चाहता था
जांच टीम में शामिल रहे एसीपी पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं- रोहित मर्डर करने के बाद दोबारा शादी कर नई जिंदगी शुरू करना चाहता था। आईवीएफ से हुए बच्चे को भी वह खुद का नहीं मान रहा था। रोहित ने पूछताछ में पुलिस को इसके बारे में बताया कि पत्नी से विवाद के बाद वह उससे छुटकारा पाना चाहता था। दूसरी शादी करने में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए उसने अपने 21 महीने के बेटे की भी हत्या करा दी। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में रोहित ने खुद ये बात कबूल की। पति रोहित ही निकला मास्टरमाइंड
वारदात के चार दिन बाद पुलिस ने जब इस डबल मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया तो हर कोई दंग रह गया। श्वेता व उसके बेटे की हत्या का मास्टरमाइंड रोहित तिवारी ही निकला। रोहित ने ही सुपारी किलर दोस्त सौरभ उर्फ राजकुमार के जरिए ये हत्याएं करवाई थीं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तत्कालीन जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने इस केस का खुलासा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने बताया था कि रोहित तिवारी को लगा कि पत्नी की हत्या करने के बाद घटना को बच्चे के अपहरण की शक्ल देने से वह बच जाएगा। पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित ने प्लानिंग के तहत अपने ऑफिस के कैमरे घटना से कई दिन पहले ही बंद कर दिए थे। वारदात के दिन रोहित अपने ऑफिस में आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा व्यस्त था। उसने ऑफिस की वेलफेयर पार्टी में देरी से आने के लिए सभी से माफी भी मांगी। उस दिन उसने खाना भी नहीं खाया था। ऑफिस के स्टाफ ने बताया कि अमूमन वो ऐसा नहीं करता था। एक–दूसरे की पत्नी की हत्या करने की हुई थी डील
रोहित द्वारा सौरभ की पहचान करने के बाद पुलिस का सौरभ पर दबाव बढ़ रहा था। सौरभ ने डबल मर्डर केस में अकेले खुद को फंसते देख पुलिस के सामने सारा राज उगल दिया। पूछताछ में सौरभ ने चौंकाने वाला खुलासा किया। एसीपी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि रोहित व सौरभ के बीच में एक-दूसरे की पत्नी की हत्या करने को लेकर डील हुई थी। सौरभ ने बताया कि पहले उसे रोहित की पत्नी की हत्या करनी थी। डील के मुताबिक इस मामले के सुलझने के बाद रोहित को उसकी पत्नी की हत्या करनी थी। वारदात के दिन रोहित के फ्लैट पर क्या हुआ?
जांच में सामने आया कि सौरभ व उसकी पत्नी का रोहित के घर आना-जाना था। श्वेता तिवारी भी सौरभ से परिचित थी। इसी कारण सौरभ को वारदात के दिन आसानी से घर में आने दिया। श्वेता ने सौरभ के लिए चाय-नाश्ता बनाया और उसके साथ हॉल में बैठ गई। इस दौरान सौरभ किसी काम के बहाने रसोई में चला गया। श्वेता मोबाइल फोन में व्यस्त हो गई। सौरभ इस दौरान किचन से एल्युमिनियम की मूसली छुपाकर लाया और अचानक श्वेता के सिर पर हमला कर दिया। इसके बाद दूसरे कमरे में सो रहे श्रेयम के सिर पर हमला कर दिया। कुछ देर रुकने के बाद सौरभ ने चाकू से श्वेता का गला भी काट दिया ताकि वह जिंदा नहीं बच सके। इसके बाद सौरभ श्रेयम का शव तौलिये में लपेटकर सीढि़यों से नीचे उतरा और पास के खाली पड़ी जगह में फेंक दिया। अपने चेहरे को थोड़ा छिपाते हुए मेन गेट से बारह निकल गया। इससे पहले सौरभ ने फ्लैट में फैले खून को साफ किया और मूसली टॉयलेट में डाल दी। रोहित को मिली जमानत, जेल में है सौरभ
रोहित के मोबाइल को पुलिस ने जब्त कर लिया। जब पुलिस ने इसके मोबाइल की गैलरी देखी तो वहां एक फोटो अखबार की न्यूज की मिली। इस न्यूज का शीर्षक ‘डिप्रेशन से पीड़ित शख्स ने पत्नी की हत्या कर की आत्महत्या’ था। जब पुलिस ने इसकी डिटेल की जांच की तो पता चला कि रोहित ने ये इमेज 22 दिसंबर 2019 को सेव की थी। पुलिस ने इसे सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया। यह फोटो यह वारदात से महज 15 दिन पहले की थी, जो आरोपी की मंशा को बता रही थी। प्रतापनगर पुलिस ने बताया कि कुछ समय बाद कोर्ट से साजिशकर्ता रोहित तिवारी को जमानत मिल गई। सौरभ उर्फ राजकुमार अभी जेल में बंद है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जयपुर के पॉश अपार्टमेंट में मिली थी मां–बेटे की लाश:सिर कुचलकर हत्या, इंडियन ऑयल के मैनेजर से मांगी 30 लाख की फिरौती, पार्ट-1