सर्वश्रेष्ठ 93.6% रिजल्ट:क्योंकि इस बार शॉर्ट आंसर, मल्टी च्वाइस, फिल इन द ब्लैंक्स प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का नवाचार

सर्वश्रेष्ठ 93.6% रिजल्ट:क्योंकि इस बार शॉर्ट आंसर, मल्टी च्वाइस, फिल इन द ब्लैंक्स प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का नवाचार
आरबीएसई ने बुधवार को 10वीं का परिणाम घोषित किया। कोरोना के दौरान बिना परीक्षा के दिए गए 99% रिजल्ट को छोड़ दें तो इस बार अब तक का सर्वश्रेष्ठ 93.60 फीसदी रिजल्ट रहा है। यह पिछले साल से 0.57 और 2023 से 2% अधिक है। इस बार 93.16% छात्र तो 94.08% छात्राएं पास हुई हैं। सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट का कारण पूछने पर आरबीएसई सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि हमने इस बार सीबीएसई की तर्ज पर कुछ नवाचार किए हैं। प्रश्न पत्रों में मल्टी च्वाइस क्वेश्चन बढ़ाए हैं, वहीं फिल इन द ब्लैंक्स और वैरी शॉर्ट आंसर वाले प्रश्नों का समावेश भी ज्यादा किया है। साथ ही, लघुत्तरात्मक व दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नों की संख्या कम की है। इससे ज्यादा संख्या में छात्र सफल हुए। बोर्ड प्रशासक महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार 10,71,460 परीक्षार्थी बैठे, इनमें 10,02,842 पास हो गए। 30,599 के सप्लीमेंट्री आई है। पूरे प्रदेश में केवल 38 हजार 19 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। छात्र अधिक... पर बेटियां आगे बोर्ड की परीक्षा में कुल 1071460 स्टूडेंट्स बैठे। इनमें से 561453 लड़के और 510007 लड़कियां हैं। इनमें से कुल 546370 स्टूडेंट्स प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 269141 लड़के प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि 277229 गर्ल्स प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई हैं। यानी 8088 लड़कियां अधिक प्रथम श्रेणी में पास हुईं। बेटे द्वितीय श्रेणी में अधिक पास इधर, 10वीं में द्वितीय श्रेणी में कुल 376774 स्टूडेंट्स पास हुए। इनमें से 205445 लड़के हैं और 171329 लड़कियां हैं। यानी 34116 लड़के द्वितीय श्रेणी में अधिक पास हुए हैं। तृतीय श्रेणी में कुल 79519 स्टूडेंट्स पास हुए। इनमें से लड़के 48350 और लड़कियां 31169 हैं। यानी 17181 लड़के तृतीय श्रेणी में अधिक पास हुए हैं। 2022 से 10% बढ़ा रिजल्ट बोर्ड के 2022 से 2025 के परिणामों के आंकड़ों में सामने आया कि 2022 में परिणाम मात्र 82.89 प्रतिशत था। ये 4 साल में ही बढ़ कर 93.60 प्रतिशत हो गया है। यानी हर साल औसतन 2.67 प्रतिशत परिणाम में बढ़ोतरी हो रही है। किस साल कितना रहा परिणाम एक नजर में- सप्लीमेंट्री अधिक आई: पिछले साल कुल 27,797 स्टूडेंट्स के सप्लीमेंट्री आई थी। इस बार यह संख्या बढ़कर 30,599 हो गई अर्थात पिछले साल की तुलना में इस बार 2802 स्टूडेंट्स के सप्लीमेंट्री अधिक आई है। प्रतापगढ़ और धौलपुर सबसे पीछे रहे राजस्थान बोर्ड की 10वीं के 2025 के परिणाम में सीकर जिला टॉप पर रहा है। यहां का परिणाम 97.56 प्रतिशत रहा। वहीं, प्रतापगढ़ का परिणाम 83.92 प्रतिशत सबसे कम रहा है। बोर्ड ने बुधवार को ही प्रवेशिका का परिणाम भी जारी कर दिया। कुल 83.67 प्रतिशत परिणाम रहा है। कुल 7099 अभ्यर्थियों में 5940 पास हुए हैं। शिक्षकों को पूजा-नमाज से रोका तो परिणाम सुधरा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकार ने स्कूली शिक्षा में कुछ नवाचार किए हैं। स्कूलों में शिक्षकों को पूजा और नमाज पर रोक लगाई। कक्षा में मोबाइल लाना भी रोक दिया। साथ ही सत्रांक में दिल खोलकर नंबर देने पर पाबंदी लगाई। इससे शैक्षिक वातावरण और रिजल्ट सुधरा।