शुभांशु ने अंतरिक्ष से वीडियो कॉल पर सूर्योदय दिखाया:20 मिनट में दोपहर हो गई, लखनऊ में मां बोलीं- वो नजारा हमारे लिए चमत्कार था

शुभांशु ने अंतरिक्ष से वीडियो कॉल पर सूर्योदय दिखाया:20 मिनट में दोपहर हो गई, लखनऊ में मां बोलीं- वो नजारा हमारे लिए चमत्कार था
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से लखनऊ में रहने वाले अपने परिवार से सैटेलाइट के जरिए बात की। स्पेस स्टेशन का सीन दिखाया। इस दौरान वहां हुए सूर्याेदय को भी दिखाया। घरवालों से बात करते-करते वहां 20 मिनट में दोपहर हो गई। ऐसा देखते हुए उनके घरवाले रोमांचित होते रहे। शुभांशु ने घरवालों को बताया कि शुरुआत के 3 दिन सिर में भारीपन और असहजता महसूस हुई। लेकिन, अब खुद को वहां के माहौल में ढाल चुके हैं। खुद को बांधकर कभी छत, तो कभी दीवार से चिपककर सोते हैं। सोते कहीं और हैं और जगते कहीं और हैं। जो टारगेट उन्हें मिला है, वह समय पर पूरा हो जाएगा। दैनिक भास्कर की टीम ने शुभांशु के माता-पिता और बहन से बातचीत की। पढ़िए उन्होंने जो बताया... पहले शुभांशु की लेटेस्ट तस्वीरें देखिए... पिता बोले- स्पेस का पूरा दौरा करवा दिया शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने बताया- करीब 15 मिनट तक हमारी वीडियो कॉल हुई। पूरा परिवार जुड़ा था। शुभांशु ने हमें अपने स्टेशन की लैब, सोने की जगह, काम करने की तकनीक और डाइनिंग सेटअप तक सब कुछ दिखाया। उन्होंने आगे कहा- हमने पूछा कि आप सोते कैसे हो? तो शुभांशु ने बताया कि हम लोग खुद को बेल्ट से बांध लेते हैं, वर्ना फ्लोट करने लगते हैं। उन्होंने सूर्योदय का नजारा भी दिखाया, जो बेहद शानदार था। अपने मिशन की प्रगति, लैब में हो रहे रिसर्च और दैनिक गतिविधियों की जानकारी भी दी। मां आशा शुक्ला बोलीं- हमें आसमान की दुनिया में ले गए शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा- हम सभी बहुत भावुक हो गए, जब शुभांशु ने हमें वहां की दुनिया दिखाई। शुभांशु ने बताया कि कैसे शुरू में उसे सिरदर्द हुआ, लेकिन अब सब ठीक है। स्लीपिंग बैग, खाने का तरीका, सूर्योदय और स्टेशन के हर हिस्से का परिचय करवाया। हमने पूछा कि वहां नींद कैसे आती है? तो उन्होंने कहा कि कोई दीवार से चिपककर सोता है, कोई छत से। सोने की कोई तय जगह नहीं है। खाने का स्वाद नहीं है, लेकिन उसमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि हमने ऐसे नजारे देखे, जो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। बहन शुचि ने कहा- हम वहां नहीं गए, लेकिन वो सब देख लिया शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा कहती हैं- भइया बहुत खुश लग रहे थे। उन्होंने पूरे स्टेशन का ‘टूर’ करवा दिया। जिस समय हमारी बातचीत हो रही थी, उसी वक्त वहां सूर्योदय हुआ। हमें पृथ्वी का घेरा दिखा, वो नीला-सा गोल स्ट्रक्चर जिसे देखकर हम दंग रह गए। शुचि ने कहा- हमने पूछा कि खाना कैसे खाते हो? इस पर उन्होंने डाइनिंग टेबल भी दिखाई, जहां सारा सामान चिपकाया जाता है, वर्ना सब हवा में उड़ जाता है। उन्होंने अपनी दिनचर्या, रिसर्च वर्क और टारगेट्स के बारे में भी जानकारी दी। कहा कि वो पूरे समय व्यस्त रहते हैं। समय का पता ही नहीं चलता। बस खिड़की से रोशनी आई तो दिन समझो। प्रधानमंत्री से बात कर गर्व महसूस किया घरवालों से बातचीत में शुभांशु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री खुद आपसे बात करे, तो एक अलग ही प्रेरणा मिलती है। उनके शब्दों ने मुझे और आत्मविश्वास दिया। फिलहाल शुभांशु की पृथ्वी पर वापसी की तारीख तय नहीं हुई है। उन्होंने अपने परिवार से कहा कि वह सभी काम ध्यानपूर्वक और समय से पूरा कर रहे हैं। शुभांशु का कहना है कि वो मिशन को पूरी सफलता से खत्म करके जल्द ही लौटेंगे। अब जानिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बारे में... इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है? इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें एस्ट्रोनॉट रहते हैं और माइक्रो ग्रेविटी में एक्सपेरिमेंट करते हैं। यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करता है। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है। 5 स्पेस एजेंसीज ने मिलकर इसे बनाया है। स्टेशन का पहला पीस नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था। अब जानिए मिशन के बारे में... एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं शुभांशु शुक्ला शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है। यह कंपनी अपने स्पेसक्राफ्ट में निजी अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजती है। शुभांशु ISS में इंडियन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स​​ के 7 प्रयोग करेंगे। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं। वे NASA के साथ 5 अन्य प्रयोग करेंगे, जिसमें लंबे अंतरिक्ष मिशन के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे। ---------------- संबंधित खबर भी पढ़िए... एस्ट्रोनॉट शुभांशु ने ISS की स्पेशल विंडो से पृथ्वी देखी:7 खिड़कियों वाले कपोला से धरती की तस्वीरें खीचीं; इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 9 दिन पूरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से नई तस्वीरें शनिवार को सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। इसमें शुभांशु ISS के कपोला मॉड्यूल के विंडो से पृथ्वी देखते नजर आ रहे हैं। ये फोटोज ISRO, केंद्र सरकार और अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम...पूरी खबर पढ़ें