शिक्षा को नुकसान पहुंचा रहा डमी कल्चर, नियमित अध्ययन से ही विद्याथियों का सर्वांगीण विकास संभव

शिक्षा को नुकसान पहुंचा रहा डमी कल्चर, नियमित अध्ययन से ही विद्याथियों का सर्वांगीण विकास संभव
दैनिक भास्कर की ओर से मंगलवार को प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष संवाद का आयोजन किया गया। इसमें बदलती शिक्षा व्यवस्था, छात्रों की वास्तविक प्रगति और उनसे जुड़ी समस्याओं व उनके समाधान पर मंथन किया गया। इसमें सामने आया कि डमी स्कूल से शिक्षा को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। स्कूल में नियमित अध्ययन से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। सरकार को डमी स्कूल रोकने के लिए नीति बनानी चाहिए। स्कूल प्रतिनिधियों ने कहा कि बच्चों की मानसिक स्थिति को समझते हुए माता-पिता बच्चों को सही दिशा दिखाएं। इस संवाद के दौरान मालवीय कॉन्वेंट स्कूल की सुलेखा मल्होत्रा एवं पूनम मडहोक, केन ब्रेन हाई स्कूल की अलीशा खान, सरस्वती सीनियर सेकंडरी स्कूल की स्नेहलता भारद्वाज, रिया इंटरनेशनल स्कूल की रश्मि मिश्रा, केएमडी पब्लिक स्कूल के दिनेश कुमावत, ट्यूटो इंटरनेशनल स्कूल के शैलेन्द्र श्रीवास्तव, एशियन वर्ल्ड स्कूल के शशांक मिश्रा, डीपीएस स्कूल के राजेश भारद्वाज, डिफेंस पब्लिक स्कूल की मीतू शर्मा, महावीर पब्लिक स्कूल की सीमा जैन एवं डॉ. आशा अरोडा, सीजेआई स्कूल के ओमप्रकाश चौधरी, किरण बाल भारती स्कूल के करमवीर बेनीवाल, यूरो जेम्स इंटरनेशनल स्कूल की साक्षी अग्रवाल और संस्कार पब्लिक स्कूल के सूरज मिश्रा मौजूद थे। डमी स्कूल बन रहे छात्रों के विकास में बाधा एशियन वर्ल्ड स्कूल के शशांक मिश्रा, डीपीएस स्कूल के राजेश भारद्वाज, डिफेंस पब्लिक स्कूल की मीतू शर्मा, महावीर पब्लिक स्कूल की सीमा जैन एवं डॉ. आशा अरोडा, सीजेआई स्कूल के ओमप्रकाश चौधरी, किरण बाल भारती स्कूल के करमवीर बेनीवाल, यूरो जेम्स इंटरनेशनल स्कूल की साक्षी अग्रवाल और संस्कार पब्लिक स्कूल के सूरज मिश्रा मौजूद थे। मालवीय कॉन्वेंट स्कूल की सुलेखा मल्होत्रा एवं पूनम मडहोक, केन ब्रेन हाई स्कूल की अलीशा खान, सरस्वती सीनियर सेकंडरी स्कूल की स्नेहलता भारद्वाज ने संवाद के दौरान चिंता जताई कि आजकल बच्चे कोचिंग और डमी स्कूल्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे उनके व्यक्तित्व विकास, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल पर बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए डमी स्कूल कल्चर खत्म होना चाहिए। रिया इंटरनेशनल स्कूल की रश्मि मिश्रा, केएमडी पब्लिक स्कूल के दिनेश कुमावत, ट्यूटो इंटरनेशनल स्कूल के शैलेन्द्र श्रीवास्तव और एशियन वर्ल्ड स्कूल के शशांक मिश्रा ने कहा कि अभिभावक बच्चों को डमी स्कूल में एडमिशन तो दिला देते हैं, लेकिन वे अपेक्षित अंक नहीं ला पा रहे हैं। कई माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंजीनियर या डॉक्टर बने, लेकिन वे यह समझने की कोशिश नहीं करते कि उनके बच्चे की रुचि किस क्षेत्र में है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों की रुचि के अनुसार ही आगे बढ़ने में मदद करें। डीपीएस स्कूल के राजेश भारद्वाज, डिफेंस पब्लिक स्कूल की मीतू शर्मा, महावीर पब्लिक स्कूल की सीमा जैन एवं डॉ. आशा अरोड़ा, सीजेआई स्कूल के ओमप्रकाश चौधरी, किरण बाल भारती स्कूल के करमवीर बेनीवाल, यूरो जेम्स इंटरनेशनल स्कूल की साक्षी अग्रवाल और संस्कार पब्लिक स्कूल के सूरज मिश्रा ने कहा कि बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास को समझते हुए माता-पिता उनको सही दिशा दिखाए। इससे बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।