व्यवस्था पर उठे सवाल:मंत्री फंसे तो 3 बिल रेफर किए, 65 दिन बाद सिर्फ कोचिंग सेंटर नियंत्रण कानून की समिति बनाई

व्यवस्था पर उठे सवाल:मंत्री फंसे तो 3 बिल रेफर किए, 65 दिन बाद सिर्फ कोचिंग सेंटर नियंत्रण कानून की समिति बनाई
विधानसभा में सरकार की किरकिरी के बाद प्रवर समिति को भेजे गए विधेयकों में से कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025 के लिए अब प्रवर समिति बनाई है। लेकिन बनाने में 65 दिन लग गए। अब 15 विधायकों की प्रवर समिति बनी है। इसका सभापति डिप्टी सीएम एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया है। लेकिन 2 बिल ऐसे हैं जो इस विधेयक से भी पहले प्रवर समिति को भेजे थे। उनको 78 दिन हो चुके हैं। उन दोनों के लिए अभी तक प्रवर समिति का गठन तक नहीं किया है। इन्हीं कारणों से विधानसभा के फैसलों पर पिछले दिनों सवाल उठे थे और कांग्रेस ने विधानसभा कमेटी सदस्यों को बदले जाने पर स्पीकर तक को घेरा था। विधानसभा बजट सत्र के दौरान राजस्थान भू जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024 जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी की अनुशंसा पर दूसरी बार 19 मार्च 2025 को प्रवर समिति को सौंपा था। लेकिन मंत्री ने इस संबंध में बात ही नहीं की। इसी तरह राजस्थान भू राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2025 भी 21 मार्च 2025 को प्रवर समिति भेजा था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। ढाई माह तक प्रवर समिति का गठन तक नहीं होने से सवाल यह है कि अगले सत्र से पहले प्रवर समिति कैसे 4-5 मीटिंग कर पाएगी और कैसे अपनी फाइनल राय विधानसभा को पेश कर पाएगी। यही कारण रहा कि पानी से जुड़े भू जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक को तो एक ही मंत्री द्वारा दूसरी बार प्रवर समिति को भेजना पड़ा। इस लापरवाही से विधेयक का फायदा जनता को नहीं मिल पा रहा। ये 3 बिल मार्च को प्रवर समिति को भेजे (नोट-पहली बार 1 अगस्त 2024 को प्रवर समिति को सौंपा था) एक सत्र में पहली बार 3 बिल प्रवर समिति को भेजे विधानसभा विशेषज्ञों का कहना है कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि एक ही सत्र के मात्र एक सप्ताह के समय अंतराल में 3-3 कानून प्रवर समिति को भेजे गए। विधेयकों को लेकर इतनी कमजोर तैयारी के साथ सरकार और मंत्रियों की प्रस्तुति पहले कभी नहीं देखी गई। मंत्री कानून सदन में पेश करने का मंतव्य तक ठोस तरीके से नहीं रख पाए। विपक्ष हावी हो गया। कानून बहस से बीच ही प्रवर समिति को भेजने पड़े। बैरवा सहित 15 सदस्य कोचिंग सेंटर प्रवर समिति में कोचिंग सेंटर नियंत्रण के लिए गठित प्रवर समिति में सभापति डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है। इनके साथ फूलसिंह मीणा, राधेश्याम बैरवा, संदीप शर्मा, दीप्ति किरण माहेश्वरी, कालीचरण सराफ, नौक्षम, राजेंद्र गुर्जर, बाबूसिंह राठौड़, राजेंद्र पारीक, श्रवण कुमार, जाकिर हुसैन, कांति प्रसाद, अशोक कोठारी और उमेश मीणा को सदस्य बनाया है। अगले सत्र से पहले इनको बिल के संबंध में फाइनल राय देनी है। स्पीकर बोले- मंत्री को भेजने होते हैं नाम "प्रवर समिति के सदस्यों के नाम मंत्री को हर विधायक से पूछ कर भेजने होते हैं। मंत्री के भेजने पर स्पीकर स्वीकृत करता है। एक कमेटी के लिए नाम आए हैं और गठित की है। दूसरी भू राजस्व बिल के लिए 1-2 नाम जोड़ने की फाइल आई थी। वह जल्द बन जाएगी। एक बिल की प्रवर समिति बनाई जानी है।" -वासुदेव देवनानी, स्पीकर, राजस्थान विधानसभा