यूक्रेन के पोक्रोव्स्क शहर पर कब्जे की तैयारी में रूस:1 लाख सैनिक तैनात किए; रूस को 1 साल से यहां कामयाबी नहीं मिली

यूक्रेन के सेना प्रमुख ओलेक्सांद्र सिरस्की ने बताया कि रूस ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क प्रांत में मौजूद पोक्रोव्स्क शहर पर कब्जे के लिए 1 लाख से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। सिरस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच पोक्रोव्स्क शहर सबसे तनावपूर्ण फ्रंट बन गया है। रूस पिछले साल से पोक्रोव्स्क पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि पिछले साल यूक्रेनी आर्मी ने इस इलाके में रूसी ऑपरेशन को नाकाम कर दिया था। सिरस्की ने बताया कि पिछले साल यूक्रेन ने कुर्स्क इलाके में हमला करके रूस के लगभग 63,000 सैनिकों को वहां उलझा दिया। इससे पोक्रोव्स्क पर रूस का दबाव कम हुआ और यूक्रेन को नए सिरे से स्ट्रैटजी बनाने का मौका मिल गया। पोक्रोव्स्क शहर यूक्रेन के स्ट्रैटेजिक ठिकानों को जोड़ता है पोक्रोव्स्क शहर में सड़क और रेलवे सप्लाई लाइन मौजूद है, इस वजह से इसका स्ट्रैटेजिक महत्व काफी ज्यादा है। इसके अलावा यह यूक्रेन के कोस्तियान्तिनिवका, क्रामातोर्स्क और स्लोवियान्स्क शहरों में मौजूद मिलिट्री सेंटर्स से भी जुड़ा है। सिरस्की ने आरोप लगाया कि रूस पोक्रोव्स्क पर कंट्रोल करके दुनिया के सामने अपनी मिलिट्री ताकत का दिखावा करना चाहता है। सिरस्की ने कहा- रूसी सैनिक पोक्रोव्स्क में पहुंचकर और वहां अपना झंडा फहराकर नकली जीत का दावा करना चाहते हैं। रूसी हमले से पहले यहां 60 हजार लोग रहते थे पोक्रोव्स्क में 60,000 लोग रहते थे, लेकिन 2022 में रूसी हमले के बाद से ज्यादातर शहर छोड़ चुके हैं। इस शहर में यूक्रेन की आखिरी कोकिंग कोल खदान थी, जो इस साल की शुरुआत में बंद हो गई। राष्ट्रपति पुतिन का टारगेट डोनेट्स्क और लुहान्स्क पर पूरी तरह कब्जा करना है, और पोक्रोव्स्क इस स्ट्रैटजी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों का आरोप है कि पुतिन जानबूझकर शांति की कोशिशों में अड़चन पैदा कर रहे हैं ताकि वो यूक्रेन के ज्यादा से ज्यादा इलाके पर कब्जा कर सकें। हालांकि पोक्रोव्स्क में यूक्रेन की मजबूत डिफेंस लाइन रूस के लिए मुश्किल पैदा कर रही है। यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने रोका रूस का रास्ता अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW) के मुताबिक, यूक्रेनी आर्मी ने ड्रोन अटैक के जरिए रूसी हमलों को नाकाम कर दिया। रूस अब शहर पर सीधा हमला करने के बजाय दक्षिण और उत्तर-पूर्व से इसे घेरने की कोशिश कर रहा है। रूसी सैनिक छोटे-छोटे दस्तों में, मोटरसाइकिलों, ऑल-टेरेन गाड़ियों और बग्गियों से हमले कर रहे हैं। जानिए क्यों शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग... फरवरी 2022- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले का ऐलान करते ही यूक्रेन में रूसी टैंक धड़धड़ाते हुए घुसने लगे। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- पुतिन से बातचीत का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है। रूस को यूक्रेन पर हमले की गंभीर कीमत चुकानी होगी। फरवरी 2025- अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन से फोन पर 90 मिनट तक बात की। इसके बाद सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिकी के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें यूक्रेन को नहीं रखा गया। ट्रम्प ने पुतिन की तारीफ की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कह दिया। मई 2025- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति बातचीत 2025 में तेज हुई, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के बाद। हाल के दिनों में कैदी अदला-बदली हुई है, लेकिन क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी पर मतभेद बने हुए हैं। --------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... पुतिन बोले- यूक्रेन हमारा, दोनों देशों के लोग एक:सुमी शहर पर कब्जे की चेतावनी दी; जेलेंस्की बोले- रूसी राष्ट्रपति जंग खत्म नहीं करना चाहते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि पूरा यूक्रेन हमारा है। इसके अलावा उन्होंने यूक्रेनी शहर सुमी पर बफर जोन बनाने के लिए कब्जा करने की चेतावनी दी है। यहां पढ़ें पूरी खबर...