मोदी के साइप्रस दौरे का दूसरा दिन:राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया जाएगा, मीटिंग में हिस्सा लेंगे; फिर कनाडा रवाना होंगे

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे का आज दूसरा दिन है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस राष्ट्रपति भवन में मोदी का स्वागत करेंगे। जिसके बाद वे प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे। इसके बाद मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो जाएंगे। मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत हुआ। इसके बाद वे लिमासोल गए। होटल के बाहर भारतीय समुदाय से मुलाकात की। बच्चों को दुलार किया। साथ ही भारत माता की जय के नारे लगाए। दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मोदी और साइप्रस राष्ट्रपति के बीच एक बैठक हुई। मोदी ने कहा- साइप्रस में कई भारतीय कंपनियां हैं। इसे यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा है। ये हमारा भरोसेमंद पार्टनर है। मोदी के साइप्रस दौरे की तस्वीरें... एयरपोर्ट पर वेलकम भारतीय समुदाय से मुलाकात बिजनेस बढ़ाने पर चर्चा साइप्रस में मोदी-निकोस की मीटिंग, 4 बातें... मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय पीएम
मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस देश का दौरा किया था। भारत और साइप्रस के कूटनीतिक रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं, लेकिन इतने उच्चस्तरीय दौरे बहुत कम हुए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2022 में साइप्रस का दौरा किया था। पीएम की यात्रा के 4 मकसद, चीन और तुर्किये को संदेश 1. IMEC कॉरिडोर में भागीदारी: साइप्रस भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत से यूरोप तक ऊर्जा और व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे। इसमें यूएई, सऊदी अरब, इजराइल और यूरोपीय संघ के देश शामिल हैं। अमेरिका ने भी इस पहल को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जवाब में समर्थन दिया है। वहीं, साइप्रस और ग्रीस ने मिलकर इस साल ‘ग्रीस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ की शुरुआत की है। 2. पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्किये को संदेश: तुर्किये और साइप्रस के बीच 1974 से विवाद चल रहा है। तुर्किये ने 1974 में साइप्रस के एक भाग पर अवैध कब्जा करके नॉर्थ साइप्रस नाम दिया था। वह लगातार पाकिस्तान के साथ मिलकर ‘नॉर्थ साइप्रस’ को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने भी हाल ही में कश्मीर के मुद्दे पर ‘नॉर्थ साइप्रस’ का जिक्र किया, जिससे साइप्रस सरकार नाराज है। तुर्किये ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय पाकिस्तान का समर्थन किया था। मोदी का दौरा इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। 3. कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ: साइप्रस 2026 में यूरोपीय यूनियन की परिषद की अध्यक्षता करने वाला है। साइप्रस ने कश्मीर मुद्दे पर हमेशा भारत का समर्थन किया है और POK से आने वाले आतंकवाद के खिलाफ भी EU में भारत के पक्ष में बात उठाने का वादा किया है। वहीं, भारत ने साइप्रस को 1960 में स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद मान्यता दी थी। 1962 में राजनयिक रिश्ते बने। 4. UN और NSG में भारत का समर्थन: साइप्रस भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) सदस्यता के लिए खुलकर समर्थन करता आया है। वहीं, भारत ने हमेशा अलग-अलग इंटरनेशनल मंचों पर साइप्रस की संप्रभुता और तुर्किये के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र के पुनर्मिलन का समर्थन किया है। भारतीय जनरल केएस थिम्मैया, पीएस ग्यानी और डीपी चंद UN शांति मिशन में कमांडर रहे। जनरल थिम्मैया का 1965 में साइप्रस में निधन हुआ था, उन्हें वहां बड़े सम्मान से याद किया जाता है। 5. ऑपरेशन सुकून में साइप्रस ने साथ दिया: साइप्रस ने 2006 में लेबनान युद्ध के दौरान वहां फंसे भारतीयों को निकालने में अहम रोल निभाया था। इंडियन नेवी ने इसे 'ऑपरेशन सुकून' नाम दिया था। इसी तरह 2011 में लीबिया गृहयुद्ध के दौरान भारतीयों को बाहर निकालने में मदद की थी। इसे 'ऑपरेशन सेफ होमकमिंग' नाम दिया था। अब जानिए साइप्रस के बारे में साइप्रस, पूर्वी भूमध्य सागर (मेडिटेरेनियन सी) पर ग्रीस के पूर्व, लेबनान, सीरिया और इसराइल के पश्चिम, मिस्र के उत्तर और तुर्की के दक्षिण में स्थित एक यूरेशियन द्वीप देश है। इसकी राजधानी निकोसिया है। मिस्र से इसकी दूरी 300 किमी है। PM मोदी का अगले 3 दिनों का शेड्यूल 16-17 जून: कनाडा में G7, मोदी लगातार छठी बार शामिल होंगे पीएम कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित G7 समिट में हिस्सा लेंगे। भारत को यह न्योता समिट शुरू होने के ठीक 10 दिन पहले मिला था। पीएम मोदी की कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के साथ यह पहली मुलाकात होगी। जनवरी 2025 में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद 14 मार्च को मार्क कार्नी कनाडा के नए पीएम बने थे। जस्टिन ट्रुडो के वक्त भारत-कनाडा के संबंधों में खटास आई थी। 18 जून: क्रोएशिया, किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा
पीएम 18 जून को क्रोएशिया भी जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली क्रोएशिया यात्रा होगी। वे क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब में पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे। भारत और क्रोएशिया के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत 9 जुलाई, 1992 से हुई। इसी दिन भारत ने क्रोएशिया को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। तब से ही दोनों देशों के बीच मजबूत राजनयिक संबंध हैं। --------------------- ये खबर भी पढ़ें... G-7 समिट में क्यों लाइव दिखाएंगे खालिस्तानी प्रोटेस्ट; पीएम मोदी रहेंगे मौजूद कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में 1 लाख से ज्यादा सिख रहते हैं। कानानास्किस शहर में जहां समिट होनी है, वहां बड़े विरोध प्रदर्शन होने वाले हैं। कनाडाई न्यूज चैनल CTV के मुताबिक, कानानास्किस के सीनियर पुलिस ऑफिसर डेविड हॉल ने कहा है कि प्रोटेस्ट के लिए 3 जोन तय किए गए हैं, जहां से प्रोटेस्ट को G-7 में शामिल हो रहे नेताओं को लाइव दिखाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर...