मगरमच्छ का शिकार करने वाली बाघिन की मौत:'एरोहेड' को ब्रेन ट्यूमर था; बेटी 'कनकटी' को मुकंदरा शिफ्ट किया, 2 लोगों को मार चुकी

मगरमच्छ का शिकार करने वाली बाघिन की मौत:'एरोहेड' को ब्रेन ट्यूमर था; बेटी 'कनकटी' को मुकंदरा शिफ्ट किया, 2 लोगों को मार चुकी
सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघिन एरोहेड की मौत हो गई। उसे ब्रेन ट्यूमर था। पिछले दिनों एरोहेड(टी-84) ने तालाब में मगरमच्छ का शिकार किया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। उधर, एरोहेड की मौत से कुछ समय पहले दो लोगों को मार चुकी उसकी बेटी कनकटी(RBT-2507) को कोटा के मुकंदरा टाइगर रिजर्व शिफ्ट कर दिया गया है। कनकटी ने पिछले दिनों रणथंभौर किले के पास 7 साल के बच्चे और रेंजर पर हमला किया था। बाघिन 'मछली' की बेटी है एरोहेड रणथंभौर के सीनियर गाइड शाकिर अली ने बताया- एरोहेड रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन मछली की बेटी है। मछली को क्वीन ऑफ रणथंभौर और क्रोकोडाइल हंटर भी कहा जाता था। मां की तरह ही एरोहेड ने भी पिछले दिनों मगरमच्छ का शिकार किया था। मछली ने कई बार शावकों को जन्म दिया और आज उसी के वंशज रणथंभौर नेशनल पार्क समेत सरिस्का टाइगर रिजर्व व अन्य अभयारण्यों में घूम रहे हैं। बेटी को शिफ्ट करने के कुछ देर बाद ही मां की मौत गुरुवार सुबह ही कनकटी को मुकंदरा टाइगर रिजर्व शिफ्ट किया गया था, बेटी के जाने के कुछ समय बाद ही मां एरोहेड ने प्राण त्याग दिए। बाघिन 'कनकटी' को 25 जुलाई 2023 को पहली बार जोन नंबर-2 में अपनी मां बहन और भाई के साथ देखा गया था। एरोहेड के मेल शावक को करौली में केलादेवी अभयारण में शिफ्ट किया गया था। कनकटी को मुकंदरा शिफ्ट करने की पुष्टि करते हुए सीसीएफ सुगनाराम ने बताया- बाघिन को मुकंदरा में दरा के सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा। कुछ दिन मॉनिटरिंग के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा। बाघिन 'कनकटी' के हमले में सवाई माधोपुर के रणथंभौर में एक 7 साल के बच्चे सहित रेंजर की मौत हो गई थी। मुकंदरा में अभी तक 3 टाइगर है। एक मेल एमटी 5 व 2 फीमेल एमटी 6 व एमटी 7 है। एमटी 7 को अभेड़ा से शिफ्ट किया गया था। बाघिन 'कनकटी' के पुराने वीडियो 2 लोगों की जान ले चुकी कनकटी बाघिन कनकटी ने अप्रैल-2025 में सात साल के कार्तिक सुमन (7) को मार डाला था। बच्चा अपनी दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश के दर्शन कर लौट रहा था। अचानक जंगल से बाघिन आई और बच्चे को मुंह में दबोचकर ले गई। बाघिन काफी देर तक बच्चे की गर्दन पर पंजा रखकर बैठी रही थी। वनकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद बाघिन को भगाया था लेकिन बच्चे की जान नहीं बच पाई थी। (पढ़ें पूरी खबर) रेंजर के शव पर 20 मिनट बैठी रही थी बाघिन रणथंभौर के रेंजर देवेन्द्र चौधरी 12 मई 2025 की दोपहर में जंगल के अंदर की तरफ गए थे। इसी दौरान झाड़ियों में छिपी टाइग्रेस ने उन पर हमला कर दिया। हमला इतना तेज था कि देवेन्द्र को शोर मचाने का या संभलने का कोई मौका नहीं मिला। टाइग्रेस उन्हें खींच कर झाड़ियों के अंदर ले जाने लगी। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक फोरेस्ट गार्ड ने देख लिया। टाइग्रेस करीब बीस मिनट तक शव के ऊपर बैठी रही थी। जैसे-तैसे कर्मचारियों ने उसे दूर किया और बॉडी रिकवर की। (पढ़ें पूरी खबर)