भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव 21 जुलाई तक संभव:अगले हफ्ते से कवायद तेज होगी, 10 राज्यों में भी नए अध्यक्ष चुने जाएंगे

भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव 21 जुलाई तक संभव:अगले हफ्ते से कवायद तेज होगी, 10 राज्यों में भी नए अध्यक्ष चुने जाएंगे
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले हो सकता है। अगले हफ्ते से इस दिशा में कवायद तेज हो जाएगी। लगभग 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से अनौपचारिक बातचीत में इसके साफ संकेत मिले हैं कि नए अध्यक्ष का चुनाव अब टाला नहीं जाएगा। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। लिहाजा, संगठन में इससे पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। दरअसल, बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का कार्यकाल जून 2024 को खत्म हो चुका है। वह एक्सटेंशन पर हैं। वहीं, वह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, इस वजह से भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है। भाजपा बिहार चुनाव में असमंजस की स्थिति नहीं रखना चाहती 15 अगस्त के बाद बिहार चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो जाएगी। इसलिए भाजपा इससे पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना चाहेगी क्योंकि बिहार के विधान सभा चुनाव नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं रहे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दस प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव को लेकर तेजी से काम हो रहा है। 21 जून तक कई प्रदेशों में नए अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे जिसके बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। भाजपा अध्यक्ष बनने के 8 महिला-पुरुष दावेदार भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी का संविधान भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने के लिए एक तय नियम और प्रक्रिया है। इन्ही नियमों को पूरा करने में हुई देरी के चलते अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका है। नए बीजेपी अध्यक्ष के सामने होंगे 12 अहम चुनाव पार्टी के नियम के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। एक व्यक्ति 2 बार से अधिक पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन सकता। ऐसे में अब पार्टी के नए अध्यक्ष को 12 अहम चुनाव अपने कार्यकाल में कराने होंगे। -------------------------- भाजपा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भाजपा सूत्रों का दावा-मणिपुर में फिलहाल नई सरकार नहीं बनेगी:मैतेई-कुकी-जो समुदायों में सुलह प्राथमिकता; अभी राष्ट्रपति शासन ही रहेगा जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में फिलहाल भाजपा नई सरकार का गठन नहीं करेगी। मोदी सरकार की प्राथमिकता फिलहाल राज्य में दो वर्षों से जारी मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, जब तक दोनों समुदायों के बीच मेल-मिलाप नहीं हो जाता, तब तक मणिपुर में राष्ट्रपति शासन हटाने की संभावना नहीं है। पूरी खबर पढ़ें...