हरियाणा में हुआ था देश का सबसे बड़ा प्लेन हादसा:पायलट्स की 1 गलती से 2 विमान टकराए, 349 लोग मारे गए, 10 किमी तक बिखरा मलबा

हरियाणा में हुआ था देश का सबसे बड़ा प्लेन हादसा:पायलट्स की 1 गलती से 2 विमान टकराए, 349 लोग मारे गए, 10 किमी तक बिखरा मलबा
अहमदाबाद में गुरुवार की दोपहर हुए एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश ने हरियाणा में 29 साल पहले दो विमानों की टकराने की घटना की यादें ताजा कर दीं हैं। हरियाणा के चरखी दादरी में 12 नवंबर 1996 को हुए इस हादसे को देश का अब तक का सबसे बड़ा प्लेन एक्सीडेंट माना जाता है। सऊदी अरब और कजाकिस्तान की दो फ्लाइट्स हवा में ही टकरा गई थी, जिसमें सवार सभी 349 लोगों की मौत हो गई थी। दोनों विमानों का मलबा 10 किलोमीटर तक बिखरा मिला था। जांच कमेटी की रिपोर्ट में इस हादसे के लिए कजाकिस्तान एयरलाइंस के पायलट की 1 गलती को जिम्मेदार माना गया था। इस घटना के बाद सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचने वाले मीडिया कर्मी दयानंद प्रधान बताते हैं कि खेतों में चारों तरफ लाशें बिछी थीं। चरखी दादरी का अस्पताल लाशों से भर गया था। मैंने आज भी उस हादसे से जुड़ी एल्बम संभालकर रखी है। आज अहमदाबाद में प्लेन क्रैश हुआ तो वो मंजर याद आ गया। दुर्घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचे दयानंद प्रधान ने बताया- चारों तरफ लाशें थीं। किसी की बाजू तो किसी के पैर कटकर इधर-उधर गिरे थे। कुछ देर बाद पता चलता है कि सऊदी अरब और कजाकिस्तान के विमान टकराए हैं। आज भी वो मंजर याद कर रुह कांप उठती है। चरखी दादरी प्लेन हादसे पर चश्मदीदों ने क्या कहा... आसमान में 2 जहाज टकराए, लोग खेतों की तरफ भागे 12 नवंबर 1996 को शाम के साढ़े 6 बजे थे। इस बीच हरियाणा के चरखी दादरी में आसमान में 2 प्लेन टकरा जाते हैं। टक्कर से आसमानी बिजली जैसी गरज के साथ रोशनी दिखती है। दोनों जहाज आग का गोला बनकर खेतों में गिरते हैं। देखते ही लोग खेतों की तरफ भागते हैं। जो जिस स्थिति में था उसी में पहुंच जाता है और जिंदा लोगों की तलाश में जुट जाता है। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए रामफल ने बताया कि शाम साढ़े 6 बजे अचानक उनके खेतों के पास आग के गोले बरसने लगे। लोग घबराकर घरों के बाहर भागे। मैं भी दौड़कर दूसरे लोगों के साथ पहुंचा। पहले आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया और फिर पुलिस को सूचित किया। जहाज टूटकर गिरे थे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पास जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। गेहूं की बिजाई चल रही थी, हादसे के बाद खेत बंजर हुए किसान सुरेश बताते हैं कि हादसे के बाद खेत बंजर हो गए थे। उस समय गेहूं की बिजाई की तैयारी चल रही थी। विमान का मलबा साफ होने और लाशें हटा देने के कई दिन बाद भी खेत में जाने की हिम्मत नहीं होती थी। उस दिन को याद कर आज भी कंपकंपी छूट जाती है। हादसे के बाद करीब 10 किलोमीटर के दायरे में दोनों विमानों के अवशेष व लाशें बिखरी थीं। बाहर से आए लोगों के भोजन, शवों के संस्कार की व्यवस्था की मास्टर सुरेश गर्ग ने बताया कि प्लेन हादसे के बाद उस समय विश्व हिंदू परिषद और RSS के लोगों ने आगे आकर बहुत मदद की। जीत राम गुप्ता और अरविंद मित्तल आदि ने शवों के अंतिम संस्कार और बाहर से आए लोगों के ठहरने और खानपान की व्यवस्था की। पीएम देवेगौड़ा व सीएम बंसीलाल पहुंचे चरखी दादरी में विमान दुर्घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। वहीं, चरखी दादरी में स्मारक व अस्पताल बनाने की घोषणा की। हालांकि सऊदी अरब की एक संस्था ने चरखी दादरी में कुछ वर्ष तक अस्थायी अस्पताल भी बनाया, लेकिन उसे बाद में बंद कर दिया गया। 6 पॉइंट्स में जानिए 29 साल पहले कैसे और क्यूं हुआ था हादसा... 1. दिल्ली से 65 किलोमीटर दूर टकराए थे दोनों प्लेन 12 नवंबर 1996 को, दिल्ली से सऊदी अरब के धहरान जा रही सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट 763 (बोइंग 747) और कजाकिस्तान के चिमकेंट से दिल्ली आ रही कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट 1907 (Ilyushin II-76) की टक्कर चरखी दादरी के टिकाण गांव के ऊपर हुई थी। यह दुर्घटना दिल्ली से लगभग 65 किमी दूरी पर हुई थी। 2. सऊदी के प्लेन में 312, कजाकिस्तान के प्लेन में थे 37 लोग सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट में कुल 312 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। विमान के कॉकपिट में 45 साल के कैप्टन खालिद अल-शुबैली, फर्स्ट ऑफिसर नज़ीर खान और फ्लाइट इंजीनियर अहमद इदरीस थे। कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट एक चार्टर्ड फ्लाइट थी, जिसमें 37 पर्यटक और चालक दल के सदस्य सवार थे। इसके कॉकपिट में 44 साल के कैप्टन अलेक्जेंडर चेरेपनोव, प्रथम अधिकारी एर्मक दज़ानबायेव, फ्लाइट इंजीनियर अलेक्जेंडर चुप्रोव, नेविगेटर झाहनबेक अरिपबायेव और रेडियो ऑपरेटर एगोर रेप थे। 3.कजाकिस्तान के पायलट ने किया था पहली बार ATC से संपर्क कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट जब दिल्ली हवाई अड्डे से लगभग 74 नॉटिकल मील दूर 23,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी, तब फ्लाइट ने पहली बार एयर ट्रैफिक कंट्रोलर HS दत्ता से संपर्क किया। दत्ता ने उन्हें 15,000 फीट की ऊंचाई पर रहने के लिए कहा। ATC transcripts और Cockpit Voice Recorder (CVR) के डाटा के मुताबिक, सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट 763 को टेकऑफ के बाद पहले 10,000 फीट, फिर 14,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की अनुमति दी गई। इसके बाद फ्लाइट के पायलटों को 14,000 फीट पर बने रहते हुए आगे बढ़ने को कहा। 4. कॉमर्शियल जेट के लिए केवल एक ही कॉरिडोर था उन दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर कॉमर्शियल जेट के लिए केवल एक ही कॉरिडोर था। बाकी कॉरिडोर सेना के विमानों के लिए आरक्षित थे। इसका मतलब यह था कि कजाकिस्तान और सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट एक ही एयर कॉरिडोर में उड़ रहे थे। इसी वजह से, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर दत्ता ने कजाकिस्तान के विमान को 15,000 फीट और सऊदी अरब के विमान को 14,000 फीट पर उड़ने का निर्देश दिया था, ताकि उनके बीच 1,000 फीट का अंतर बना रहे। दोनों Airlines के क्रू ने दत्ता के निर्देशों को स्वीकार किया कि वे क्रमशः 15,000 फीट और 14,000 फीट की ऊंचाई पर बने रहेंगे। 5. जस्टिस आरसी लाहोटी की कमेटी ने की थी जांच भारत सरकार ने हादसे की जांच के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस आरसी लाहोटी की अध्यक्षता में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बनाई थी। उनके साथ कैप्टन एके वर्मा (एयर इंडिया के डायरेक्टर, एयर सेफ्टी) और एयर कमोडोर (रिटायर्ड) टी पन्नू (पूर्व डायरेक्टर, ऑपरेशंस, एयर फोर्स) शामिल थे। 6. कजाकिस्तान के पायलट ने नहीं माने थे निर्देश जांच में यह साफ हुआ कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर दत्ता ने दोनों फ्लाइट क्रू को सही निर्देश दिए थे और किसी उपकरण या अल्टीमीटर में कोई खराबी नहीं थी। हवा में टक्कर होने की वजह यह थी कि कजाकिस्तान के पायलटों ने उन्हें दिए गए निर्देशों का नहीं माना और 15,000 फीट के बजाय 14,000 फीट तक नीचे उतर आए। जांच के दौरान यह भी पता चली थी कि कजाकिस्तान ने सऊदी बोइंग 747 को ऊपर से नहीं, बल्कि नीचे से टक्कर मारी थी। ------------------------- प्लेन क्रैश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें:- हरियाणा की अंजू का आखिरी स्टेटस- आदमी खिलौना है:माता-पिता को सुबह बताया- प्लेन क्रैश में मौत हुई; बहन आखिरी वीडियो कॉल नहीं उठा सकी अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में हरियाणा की महिला अंजू शर्मा (55) की मौत हो गई। अंजू लंदन में रह रही अपनी बेटी निम्मी से मिलने के लिए जा रही थीं। पुलिस ने शव की पहचान के लिए वडोदरा में रह रही उनकी बेटी हन्नी का DNA टेस्ट कराया है। उनका अंतिम संस्कार वडोदरा में ही होगा। (पूरी खबर पढ़ें) अहमदाबाद प्लेन क्रैश, हरियाणा की महिला की मौत:बेटी से मिलने लंदन जा रही थीं, फ्लाइट उड़ने से पहले पिता से बोलीं- लौटने पर मिलने आउंगी अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में हरियाणा की एक महिला की भी मौत हो गई है। महिला अंजु शर्मा (55) कुरुक्षेत्र जिले के रामशरण माजरा गांव की रहने वाली थीं। इन दिनों वो अपने परिवार के साथ गुजरात के वडोदरा में रह रही थीं। पढ़ें पूरी खबर...